नेपाल के काठमांडू शहर में शुक्रवार को भारी बवाल देखने को मिला। राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया, जिसमें कुछ लोग घायल हो गए।
पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह ने लोकतंत्र दिवस (19 फरवरी) पर प्रसारित अपने वीडियो संदेश में समर्थन की अपील की थी। इसके बाद से राजतंत्र समर्थक राजतंत्र की बहाली की मांग कर रहे हैं।
काठमांडू में 2 विरोधी समूहों (राजतंत्रवादियों व गणतंत्रवादियों) ने तिनकुने और भृकुटिमंडप में एक साथ प्रदर्शन किए। प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, दोनों समूहों के बीच टकराव टालने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था।
जब प्रदर्शनकारियों ने प्रतिबंधित क्षेत्र न्यू बानेश्वर की ओर बढ़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के आरोप में कई युवकों को हिरासत में ले लिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पुलिस की ओर से प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के मकसद से पानी की बौछारों और आंसू गैस का इस्तेमाल किए जाने के कारण कुछ नागरिक घायल हो गए।
तिनकुने क्षेत्र में भारी संख्या में राजशाही समर्थक एकत्र हुए। उन्होंने ‘राजा आओ देश बचाओ’, ‘भ्रष्ट सरकार मुर्दाबाद’, ‘हमें राजशाही वापस चाहिए’ जैसे नारे लगाने लगे।
नेपाल में राजशाही की बहाली की मांग को लेकर राजशाही समर्थक राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी और अन्य लोग भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
दूसरी ओर, समाजवादी मोर्चे के नेतृत्व में हजारों गणतंत्रवादी यहां भृकुटिमंडप में एकत्र हुए। उन्होंने ‘गणतंत्रीय व्यवस्था अमर रहे’, ‘भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई करो’ व ‘राजशाही मुर्दाबाद’ जैसे नारे लगाए।