दही को भारतीय घरों में प्रोबायोटिक्स का एक अच्छा विकल्प माना जाता है। लेकिन आप अगर दही खाना पसंद नहीं करते हैं लेकिन अपनी गट हेल्थ को भी अच्छा बनाए रखना चाहते हैं तो ये 10 फूड्स अपनी डाइट में तुरंत शामिल कर लीजिए। इन खाद्य पदार्थों में दही की तुलना में अधिक मात्रा में प्रोबायोटिक्स पाए जाते हैं। जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाने के साथ प्रतिरक्षा बढ़ाने और आंतों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। Pic Credit: Freepik
केफिर एक फर्मेंटेड डेयरी प्रोडक्ट है, जिसमें दही से भी ज्यादा प्रोबायोटिक्स मौजूद होते हैं। बता दें, इसमें 30 से अधिक तरह के प्रोबायोटिक बैक्टीरिया होते हैं, जो पाचन क्रिया को दुरुस्त रखते हैं और लैक्टोज इंटॉलरेंस वाले लोगों को भी फायदा देते हैं। Pic Credit: Freepik
किमची एक कोरियन फर्मेंटेड डिश है, जिसे गोभी, मूली और अन्य सब्ज़ियों को विशेष मसालों के साथ फर्मेंट करके तैयार किया जाता है। इसमें लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया भरपूर होते हैं, जो आंतों में गुड बैक्टीरिया की ग्रोथ को बढ़ाते हैं जिससे डाइजेशन में सुधार के साथ सूजन कम होती है। इसे सलाद या साइड डिश के रूप में खाएं। Pic Credit: Freepik
फॉर्मेट गोभी से बना यह व्यंजन लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया और फाइबर से भरपूर होता है। यह दही से अधिक प्रोबायोटिक्स प्रदान करता है और विटामिन सी का भी स्रोत है। आप इसका सेवन सैंडविच या सलाद के साथ कर सकते हैं। Pic Credit: Freepik
ये दक्षिण भारतीय व्यंजन चावल और उड़द दाल के फॉर्मेट बैटर से बनाया जाता है। इनमें प्रोबायोटिक्स की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन में मदद कर सकती है। इन्हें सांभर और चटनी के साथ परोसें। Pic Credit: Freepik
कांजी भारत की ट्रेडिशनल प्रोबायोटिक ड्रिंक है, जिसे खासतौर पर काली गाजर, सरसों के बीज और पानी की मदद से तैयार किया जाता है। इसमें नेचुरल प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाकर पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाए रखने में मदद करते हैं। Pic Credit: Freepik
छाछ में लैक्टोबैसिलस जैसे प्रोबायोटिक्स प्रचुर मात्रा में होते हैं। छाछ लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया से भरपूर होने के साथ प्रोबायोटिक्स का एक अच्छा स्रोत है। यह पाचन को आसान बनाती है और गर्मियों में ठंडक देती है। इसे नमक, जीरा पाउडर या पुदीना डालकर पिएं। Pic Credit: Freepik
चावल और उड़द दाल के फॉर्मेट बैटर से बना उत्तपम प्रोबायोटिक्स का अच्छा स्त्रोत है। यह बच्चों और बड़ों दोनों के लिए पौष्टिक होने के साथ स्वादिष्ट भी है। आप इसे बनाते समय प्याज, टमाटर का उपयोग कर सकते हैं। Pic Credit: Freepik
बेसन और दाल के फॉर्मेट मिश्रण से बना गुजराती ढोकला प्रोबायोटिक्स से भरपूर होता है। यह हल्का और पाचन के लिए अच्छा होता है। आप इसे हरी चटनी के साथ परोस सकते हैं। Pic Credit: Freepik
आम, नींबू या मिक्स सब्जियों का बना अचार (बिना सिरके वाला) प्रोबायोटिक्स का अच्छा स्रोत होता है। यह पाचन को बेहतर बनाता है। हालांकि इसका फायदा लेने के लिए भोजन के साथ इसकी सीमित मात्रा का ही सेवन करें। Pic Credit: Freepik