Swedish Scientists Develop Unique Flexible Battery with Liquid Electrodes सफलता : बैटरी को मोडकर मनचाहा आकार दे सकेंगे, Delhi Hindi News - Hindustan
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सफलता : बैटरी को मोडकर मनचाहा आकार दे सकेंगे

स्वीडन की लिंकोपिंग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक नई फ्लूइड बैटरी विकसित की है जो किसी भी आकार में ढल सकती है। यह बैटरी ठोस नहीं बल्कि तरल इलेक्ट्रोड्स पर आधारित है और इसे 3डी प्रिंटिंग से बनाया जा...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 15 April 2025 12:39 PM
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सफलता : बैटरी को मोडकर मनचाहा आकार दे सकेंगे

स्टॉकहोम, एजेंसी। स्वीडन की लिंकोपिंग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी अनोखी बैटरी विकसित की है, जो किसी भी आकार में ढल सकती है। यह बैटरी ठोस नहीं बल्कि फ्लूइड (तरल) इलेक्ट्रोड्स पर आधारित है और इसकी बनावट टूथपेस्ट जैसी है। इसे 3डी प्रिंटिंग के जरिए किसी भी आकार में ढालना संभव है। यह शोध प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पत्रिका साइंस एडवांसिस में प्रकाशित हुआ है।

प्रमुख शोधार्थी ऐमान रहमानुद्दीन ने बताया, यह तकनीक भविष्य की पहनने योग्य और इंटीग्रेटेड डिवाइसेज के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। उन्होंने कहा, आज की बैटरियां ठोस और भारी होती हैं, जिससे डिवाइस के डिजाइन पर कई तरह की सीमाएं होती हैं। लेकिन यह सॉफ्ट और फ्लूइड बैटरी उन सभी सीमाओं को खत्म कर सकती है। इसे किसी भी आकार में ढालकर सीधे डिवाइस में फिट किया जा सकता है, जिससे तकनीक का उपयोग और भी सहज और सुविधाजनक हो जाएगा।

पांच बड़ी खासियत

1. डिजाइन की झंझट नहीं : अब डिवाइस को बैटरी के हिसाब से नहीं बनाना पड़ेगा

2. लचीली : बैटरी को दोगुना लंबा खींचा जा सकता है, फिर भी काम करती है

3. अच्छा प्रदर्शन : 500 से ज्यादा बार चार्ज-डिसचार्ज के बाद भी क्षमता बरकरार

4. पर्यावरण के अनुकूल : कंडक्टिव पॉलिमर और पेपर उद्योग के बायप्रोडक्ट लिग्निन से बनी

5. हल्की-मुलायम : पुरानी भारी और सख्त बैटरियों के बजाय यह हल्की और मुलायम

बैटरी एक, समाधान अनेक

यह बैटरी फिटनेस बैंड, स्मार्टवॉच, हेल्थ सेंसर, इंसुलिन पंप, सॉफ्ट रोबोट्स, स्मार्ट टेक्सटाइल, वीआर-एआर उपकरण, सेना के विशेष उपकरण, और यहां तक कि पौधों या जानवरों पर लगने वाले सेंसरों में भी उपयोग की जा सकती है।

तरल इलेक्ट्रोड्स का इस्तेमाल

इस बैटरी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें परंपरागत ठोस इलेक्ट्रोड्स की जगह तरल इलेक्ट्रोड्स का इस्तेमाल किया गया है। इससे बैटरी न केवल मुलायम और लचीली बनती है, बल्कि इसे खींचा भी जा सकता है, यह अपनी लंबाई का दोगुना आकार ग्रहण करने के बाद भी समान रूप से काम करती है।

अगला लक्ष्य, वोल्टेज बढ़ाना

फिलहाल इसकी वोल्टेज 0.9 वोल्ट है। वैज्ञानिक इसे बढ़ाकर बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। टीम अब जिंक और मैंगनीज जैसे आम और पर्यावरण-सुरक्षित धातुओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

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