top hindu temples in pakistan katasraj hinglaj and many others पाकिस्तान में हैं हिंदुओं की आस्था के ये बड़े केंद्र, देखें मंदिरों की PHOTOS
Hindi Newsफोटोपाकिस्तान में हैं हिंदुओं की आस्था के ये बड़े केंद्र, देखें मंदिरों की PHOTOS

पाकिस्तान में हैं हिंदुओं की आस्था के ये बड़े केंद्र, देखें मंदिरों की PHOTOS

  • भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान अस्तित्व में आया था। बीते 78 सालों में पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी तेजी से कम हुआ और एक फीसदी के करीब ही रह गई है। इसके बाद भी पाकिस्तान में हिंदुओं की आस्था के केंद्र अब भी बने हुए हैं। ऐसे ही कई और मशहूर मंदिर भी पाकिस्तान में स्थित हैं...

Surya PrakashThu, 27 Feb 2025 03:24 PM
1/8

हिंगलाज भवानी मंदिर

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में स्थित हिंगोल नेशनल पार्क में हिंगलाज माता मंदिर स्थित है। इसे 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। कई धार्मिक ग्रंथों में इसका जिक्र है। सूफीवाद और अरब के हमलों से पहले से यह पौराणिक मंदिर यहां स्थित है। यह मंदिर हिंगोल नदी के पास स्थित है, जहां एक गुफा बनी हुई है। हिंदुओं की मान्यता है कि सती का सिर यहां गिरा था। हर साल हिंगलाज यात्रा पर हजारों लोग आते हैं। स्थानीय मुस्लिम इसे नानी मंदिर कहते हैं।

2/8

कराची का पंचमुखी हनुमान मंदिर

कराची का पंचमुखी हनुमान मंदिर आस्था का केंद्र है। 1500 साल पुराना यह मंदिर कराची के सोल्जर बाजार में स्थित है, जो शहर का बेहद पुराना इलाका है। यहां हर मंगलवार को हजारों की संख्या में लोग जुटते हैं। इसका कामकाज सर गंगाराम हेरिटेज फाउंडेशन संभालता है।

3/8

कराची में ही है स्वामीनारायण मंदिर

कराची में एक मशहूर स्वामीनारायण मंदिर भी है। इस मंदिर में पाकिस्तान में कायदे-ए-आजम कहे जाने वाले मोहम्मद अली जिन्ना भी आए थे।

4/8

सुक्कूर का साध बेलो

साध बेलो मंदिर सिंध प्रांत के सुक्कूर में सिंधु नदी के तट पर स्थित है। य़ह मंदिर उदासी मत का एक अहम केंद्र है।

5/8

कराची का वरुण देव मंदिर

कराची के मनोरा द्वीप पर श्री वरुण देव मंदिर स्थित है। यह मंदिर भगवान झूलेलाल को समर्पित है। सिंध प्रांत में हिंदुओं के अलावा कुछ मुस्लिम भी इसमें आस्था रखते हैं। भगवान झूलेलाल को वरुण देव के नाम से भी जाना जाता है।

6/8

कटासराज मंदिर

पाकिस्तानी पंजाब के चकवाल में कटासराज मंदिर स्थित है। भगवान शिव को समर्पित यह देवस्थान बेहद लोकप्रिय है और करोड़ों लोगों की यहां आस्था है। माना जाता है कि करीब 600 ईसवी में इसका निर्माण हिंदू राजाओं ने कराया था। हर साल भारत और पाकिस्तान के बीच एक यात्रा होती है, जिसमें लोग इस मंदिर के दर्शन को आते हैं।

7/8

सिंध का कालका देवी मंदिर

सिंध प्रांत के अरोर हिल्स पर कालका देवी मंदिर स्थित है। यह एक गुफा में स्थित है। यहां पर भारत से बड़ी संख्या में हिंदू पहुंचते हैं तो वहीं पाकिस्तानी हिंदुओं की भी आस्था है। मुस्लिम समुदाय के लोग भी यहां पहुंचते हैं।

8/8

उमरकोट शिव मंदिर

सिंध प्रांत के ही उमरकोट जिले में एक मशहूर शिव मंदिर है। विभाजन से पूर्व इस जिले का नाम अमरकोट था और मंदिर को अमरकोट शिव मंदिर कहा जाता था। अब इसे उमरकोट शिव मंदिर कहा जाता है।