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कोटा में छात्रा ने फांसी लगाकर दी जान, 11वीं में पढ़ाई के साथ नीट की कर रही थी तैयारी

कोटा में कोचिंग छात्रों की सुसाइड करने करने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। शनिवार को एक और छात्रा ने मानसिक तनाव के चलते फांसी लगाकर जान दे दी।

Krishna Bihari Singh लाइव हिन्दुस्तान, कोटाSat, 5 April 2025 07:16 PM
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कोटा में छात्रा ने फांसी लगाकर दी जान, 11वीं में पढ़ाई के साथ नीट की कर रही थी तैयारी

कोटा में कोचिंग छात्रों के आत्महत्या करने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। शनिवार को एक और छात्रा ने मानसिक तनाव के चलते सुसाइड कर लिया। मृतका छात्रा प्रतिष्ठा महावर प्रगति नगर इलाके में अपने परिवार के साथ रहती थी। घटना के दौरान छात्रा की मां और बहन घर पर नहीं थे। पुलिस ने मृतका के लाश का पोस्टमार्टम करा कर उसकी डेड बॉडी परिजनों को सौंप दी है। बोरखेड़ा थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है।

बोरखेड़ा थाने के एएसआई मोहम्मद हुसैन ने बताया कि उनको सूचना मिली कि इलाके में एक छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। घटना के दौरान छात्रा की बड़ी बहन ने लिखित रिपोर्ट में बताया कि वह लाइब्रेरी पढ़ाई करने के लिए गई थी। उसकी मां दूध लेने के लिए गई थी। इस दौरान छात्रा प्रतिष्ठा घर पर अकेली थी। इसी बीच उसने फांसी लगाकर जान दे दी। छात्रा 11वी कक्षा में पढ़ाई के साथ-साथ घर पर ही रहकर नीट की तैयारी भी कर रही थी।

छात्रा के सुसाइड के पीछे मानसिक तनाव सामने आया है। परिजनों से उसके मानसिक तनाव को लेकर भी पूछताछ की जा रही है। गौरतलब है कि कोटा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए लाखों स्टूडेंट्स आते हैं। विगत कुछ वर्षों से छात्रों में मानसिक तनाव के चलते आत्महत्या की घटनाएं देखी जा रही हैं।

इसके चलते स्टूडेंट्स सुसाइड जैसे खौफनाक कदम उठा रहे हैं। साल 2025 की बात की जाए तो जनवरी से अब तक 11 छात्रों ने मानसिक तनाव के चलते सुसाइड जैसा घातक कदम उठाया है। हालांकि कोटा में पढ़ रहे छात्रों को तनाव से उबारने के लिए जिला प्रशासन अपने स्तर पर कदम उठा रहा है लेकिन घटनाओं पर लगाम नहीं लग पा रही है।

जिला कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी भी छात्रों के बीच पहुंचकर लगातार उनको मानसिक तनाव से दूर रहने के टिप्स दे रहे हैं। बावजूद इसके छात्रों में मानसिक तनाव कम नहीं हो रहा है। छात्रों में मानसिक तनाव कई तरह के सामने आए हैं। पढ़ाई के अलावा पारिवारिक डिप्रेशन भी छात्रों को गलत कदम उठाने पर मजबूर कर रहा है। वहीं राज्य सरकार द्वारा बनाई गई कोचिंग संस्थानों के लिए गाइडलाइन भी अभी तक धरातल पर काम करती नजर नहीं आ रही है।