हाता को साढ़े छह घंटे तक खंगाला
Gorakhpur News - नोट ::महराजगंज वाली खबर संशोधित की गई है। तिवारी

गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने सोमवार को पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के जटाशंकर स्थित तिवारी अहाते ‘हाता को साढ़े छह घंटे तक खंगाला। यहां से दोपहर बाद टीम निकली, उसके बाद देर शाम को विनय शंकर को लखनऊ से गिरफ्तारी कर लिया गया। ईडी के जाने के बाद उनके बड़े भाई पूर्व सांसद भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी ने कहा कि ईडी को यहां एक कागज का टुकड़ा भी नहीं मिला। पर टीम के यहां से निकलने के करीब छह घंटे बाद हुई गिरफ्तारी से यह कयास लगाया जाने लगा है कि ईडी के हाथ कुछ ऐसा लगा है जिससे विनय शंकर को गिरफ्तार किया गया है।
वहीं दूसरी तरफ गिरफ्तारी की खबर के बाद समर्थकों और शुभचिंतकों का ‘हाता पर भीड़ जुट गई। लोग एक-दूसरे से गिरफ्तारी के बारे में जानने का प्रयास कर रहे थे।
गंगोत्री इंटरप्राइजेज से जुड़े मामले में सोमवार की सुबह करीब छह बजे एक साथ 11 स्थानों पर छापे के क्रम में ईडी की टीम तिवारी ‘हाता में दाखिल हुई। दो गाड़ियों से आई छह सदस्यीय टीम यहां करीब साढ़े 12 बजे तक रही। इस दौरान पूर्व मंत्री स्व. हरिशंकर तिवारी के छोटे पुत्र पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी से संबंधित एक-एक जानकारी और उनसे जुड़े दस्तावेज की डिमांड करती रही। एक ऑलमारी की चाबी न मिलने पर बाहर से एक मकैनिक बुलाया गया, उसने आलमारी खोली। यही नहीं टीम ने प्रिंटर भी मंगाया। बताया जा रहा है कि कुछ दस्तावेज की फोटोकापी ईडी अपने साथ ले गई है। हालांकि घर पर मौजूद विनय शंकर के बड़े भाई पूर्व सांसद भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी ने कहा कि यहां से कागज का एक टुकड़ा भी ईडी को नहीं मिला है।
दूसरी बार ईडी आई थी तिवारी हाता
ईडी ने पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के घर तिवारी ‘हाता पर दूसरी बार छापेमारी की थी। इससे पहले 23 फरवरी 2024 को भी यहां ईडी आई थी। तब भी कई घंटे तक जांच पड़ताल कर कुछ दस्तावेज लेकर गई थी। उस समय भी विनय शंकर तिवारी घर पर मौजूद नहीं थे। बड़े भाई भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी तब भी घर पर थे।
यह सरकार के इशारे पर कार्रवाई हुई है। पहले भी हो चुकी है। प्रजातंत्र में विपक्ष की राजनीति करने वालों के खिलाफ सरकार का यह कदम उचित नहीं है। सरकार बेजा दबाव बनाना चाहती है। प्रजातंत्र में क्या विपक्ष की राजनीति करना गलत है? सरकार दबाव की राजनीति कर रही है। ईडी अधिकारियों-कर्मचारियों का सम्मान है क्योंकि वे सरकारी मुलाजिम हैं पर इस तरह 9 दिन के व्रत के बाद की गई कार्यवाही प्रताड़ना नहीं तो और क्या है? यह गरिमा के अनुरूप नहीं है और प्रजातंत्र में निंदनीय है। जनप्रतिनिधियों के साथ इस तरह का सुलूक हो रहा है तो आम जनमानस के साथ क्या हो रहा होगा।
भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी, पूर्व सांसद
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महराजगंज से ईडी ने अजीत को किया गिरफ्तार
नौतनवा/कोल्हुई (महराजगंज) हिन्दुस्तान टीम।
पूर्व विधायक व सपा नेता विनय शंकर तिवारी के करीबी जिला पंचायत सदस्य के घर भी सोमवार की सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने छापेमारी की। नौतनवा तहसील के गांव पकरडीहा गांव के रहने वाले दीपक पांडेय उर्फ दीपू के घर पर सुबह 5 बजे दो गाड़ियों से ईडी की टीम पहुंची तो हड़कंप मच गया। टीम ने कार्रवाई के दौरान घर के मुख्य दरवाजे को बंद कर दिया और सभी के मोबाइल जब्त कर रखा था। घर के पास भीड़ इकट्ठा होता देख बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स भी मौके पर तैनात कर दी गई थी। करीब 13 घंटे की कार्रवाई के बाद शाम 6.15 बजे अजीत पांडेय को साथ लेकर टीम रवाना हो गई। अजीत गंगोत्री इंटर प्राइजेज में निदेशक हैं।
बैंक फ्रॉड मामले की जांच में ईडी की टीम जिला पंचायत सदस्य के घर पहुंची थी। जानकारों का बताना है कि विनय शंकर तिवारी की पत्नी रीता तिवारी की कंपनी गंगोत्री इंटर प्राइजेज में एक उनके सहयोगी का नाम भी शामिल है, जो पकरडीहा गांव का ही रहने वाला है। जिला पंचायत सदस्य के घर सुबह 6 बजे से ही ईडी की कार्रवाई से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा रहा। ईडी के अधिकारियों की जांच पूर्व विधायक के करीबी जिला पंचायत सदस्य दीपक पांडेय के घर पहुंचने के बाद चर्चाएं भी तरह-तरह की सामने आ रही हैं। हालांकि ईडी की टीम शाम करीब 6:15 बजे तक घर के अंदर कार्रवाई के बाद दीपक के चचेरे भाई अजीत पांडेय को साथ लेकर रवाना हो गई। 13 घण्टे की कार्रवाई में घर के सदस्यों से भी पूछताछ की गई है। इस दौरान किसी को भी घर से अंदर व बाहर होने पर भी रोक लगा दी गई थी।
जिपंस का आरोप, ईडी की कार्रवाई जबरिया
ईडी की कार्रवाई के बाद जिला पंचायत सदस्य दीपक पांडे उर्फ दीपू ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि ईडी की कार्रवाई पूरी तरह जबरिया थी। उनके मकान का ना तो कोई सर्च वारंट था और न ही उनका मामले से कोई लेना-देना था। उनके पट्टीदारी के अजीत पांडेय का घर जरूर आना-जाना है, लेकिन घर से उनका कोई लेना-देना नहीं है। ईडी की टीम बिना वारंट के घर में घुस गई। बेडरूम तक की तलाशी ली गई। उन्होंने इसे दबाव में की गई कार्रवाई बताया। उन्होंने अजीत को परिवार का सदस्य बताया और आने-जाने की बात कही लेकिन घर से उनका कोई मतलब न होने का भी दावा किया।
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