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मिली स्वीकृति, जलसंकट वाले गांव-टोलों में गाड़े जाएंगे नये चापाकल

मिली स्वीकृति, जलसंकट वाले गांव-टोलों में गाड़े जाएंगे नये चापाकलमिली स्वीकृति, जलसंकट वाले गांव-टोलों में गाड़े जाएंगे नये चापाकलमिली स्वीकृति, जलसंकट वाले गांव-टोलों में गाड़े जाएंगे नये चापाकलमिली...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफThu, 24 April 2025 11:05 PM
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मिली स्वीकृति, जलसंकट वाले गांव-टोलों में गाड़े जाएंगे नये चापाकल

हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव : मिली स्वीकृति, जलसंकट वाले गांव-टोलों में गाड़े जाएंगे नये चापाकल गर्मी में पेयजल संकट से निपटने को गाड़े जाएंगे 100 चापाकल टेंडर की प्रक्रिया अंतिम चरण में, अगले सप्ताह से गाड़े जाएंगे चापाकल फोटो चापाकल : खराब चापाकल। (सिंगल कॉलम) बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि। बढ़ती गर्मी के बीच जलस्तर में गिरावट और जलसंकट की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए पीएचईडी तैयारी में जुट गया है। खराब चापाकलों को दुरुस्त करने के लिए हर प्रखंड में दो-दो मरम्मत दल तैनात किये गये हैं। साथ ही चिह्नित गांव-टोलों में नये चापाकल भी गाड़े जाने की स्वीकृति मिल गयी है। टेंडर की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। अगले सप्ताह से चापाकल गाड़ना शुरू हो जाएगा। जिले में पीएचईडी के दो डिविजन हैं। बिहारशरीफ डिविजन में 12 तो हिलसा में आठ प्रखंड आते हैं। दोनों डिविजनों में 50-50 यानी कुल 100 हैंडपम्प गाड़ने का लक्ष्य दिया गया है। खास यह कि चापाकल उन्हीं गांव-टोलों में गाड़े जाएंगे, जहां किसी वजह से नल-जल से पानी की आपूर्ति प्रभावित होती है। अथवा वैसे नयी बसावट जहां नल-जल की योजना अबतक नहीं पहुंची हैं। आपदा मद के तहत चापाकलों के गाड़ने पर राशि का व्यय किया जाना है। डीप बोरिंग कर लगेंगे चापाकल: गर्मी के दिनों में जिले का जलस्तर काफी नीचे चला जाता है। इसकी वजह से कम गहराई वाले चापाकल फेल हो जाते हैं। योजना के तहत डीप बोरिंग यानी 150 फीट या उससे ज्यादा गहराई कर चापाकल लगाये जाएंगे। हैंडपम्प की खासियत यह कि इसमें 70 से 80 फीट तक के गहराई में सिलेंडर लगाया जा सकता है। 5 ईंच होगी पाइप की मोटाई: कभी-कभी भू-जलस्तर में ज्यादा गिरावट होने पर बड़े चापाकल भी जवाब देने लगते हैं। इसको ध्यान में रहते हुए विभाग द्वारा पांच ईंच मोटाई की पाइप लगायी जाएगी। फायदा यह कि जरूरत पड़ने पर इसमें समरसेबुल मोटर भी लगाया जा सकता है। क्या कहते हैं अधिकारी : गर्मी को देखते हुए जिले में एक सौ नये चापाकल गाड़ने का लक्ष्य दिया गया है। जिन गांव-टोलों में जरूरत पड़ेगी, वहां चापाकल गाड़े जाएंगे। ताकि, लोगों को जलसंकट की समस्या से जूझना न पड़े। राघवेन्द्र कुमार, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, पीएचईडी

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