शराबबंदी की वजह से बिहार में घट गए सांप्रदायिक दंगे, पुलिस ने दिखाए आंकड़े
बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि राज्य में शराबबंदी लागू होने और डायल 112 सेवा शुरू होने के बाद सांप्रदायिक हिंसा और दंगों की घटनाओं में तेजी से कमी आई।
बिहार में शराबबंदी की वजह से सांप्रदायिक दंगे की घटनाओं में कमी आई है। बिहार पुलिस ने आंकड़े दिखाकर यह दावा किया है। डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि बीते 20 सालों के दौरान दंगों में तीन गुना की कमी दर्ज की गई है। साल 2004 में राज्यभर में 9199 दंगे हुए थे, जिनकी संख्या 2024 में घट कर 3186 रह गई। सूबे में पहले शराबबंदी कानून लागू होने और फिर डायल 112 प्रणाली की शुरुआत के बाद से सांप्रदायिक दंगों के मामले लगातार घटे हैं।
बिहार पुलिस मुख्यालय ने आंकड़े जारी कर बताया कि 2001 में 8520 दंगे हुए थे। 2004 में इनकी संख्या बढ़कर 9199 हो गई। 2015 में इन घटनाओं में थोड़ा उछाल आया और यह बढ़ कर 13311 हो गई। लेकिन 2016 में शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद इसमें तेजी से कमी आई और संख्या घटकर 11617 हो गई।
मुख्यालय ने बताया कि 2021 में पुलिस महकमा ने आपातकालीन सेवा के लिए डायल-112 की शुरुआत की थी। इस साल सांप्रदायिक मामले घट कर 6298 हो गए। 2024 में यह संख्या आधी घटकर 3186 रह गई। 2025 में अब तक महज 205 मामले ही दर्ज किए गए हैं। पुलिस मुख्यालय ने बताया कि किसी आपात स्थिति या घटना में डायल- 112 पर कॉल करने के 15 से 20 मिनट के अंदर पुलिस घटना स्थल पर पहुंच जाती है।
दंगा से जुड़ी घटनाओं या किसी झड़प के दौरान डॉयल-112 पर फोन आते ही पुलिस सक्रियता दिखाते हुए संबंधित स्थल पर पहुंच इसे नियंत्रित कर लेती है। डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि शराबबंदी कानून और डायल- 112 दंगा की घटनाओं को कम करने में बेहद कारगर साबित हुए हैं। ऐसी किसी घटना की सख्त मॉनिटरिंग की जाती है।