there were plans to buy a hotel in dehradun with the money embezzled from atm the money was buried by digging a pit एटीएम के गबन किए रुपयों से देहरादून में होटल खरीदने की थी तैयारी, गड्ढा खोदकर दबाई थी रकम, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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एटीएम के गबन किए रुपयों से देहरादून में होटल खरीदने की थी तैयारी, गड्ढा खोदकर दबाई थी रकम

  • गबन मामले के आरोपी गौरव ओर रॉकी ने 5.26 करोड़ से बागपत में जमीन और देहरादून में होटल खरीदने की तैयारी कर ली थी। उन्होंने मुकदमे से बचने के लिए कुछ रुपये अपने साथियों को दिए थे। गौरव गांव में ही कृषि भूमि खरीदने की तैयारी कर रहा था। इसके लिए उसने कुछ प्रॉपर्टी डीलरों से भी संपर्क किया था।

Ajay Singh संवाददाता, बागपतTue, 8 April 2025 06:06 AM
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एटीएम के गबन किए रुपयों से देहरादून में होटल खरीदने की थी तैयारी, गड्ढा खोदकर दबाई थी रकम

एटीएम में डालने के दौरान 5.26 करोड़ रुपये का गबन करने वाले आरोपी इस रकम से देहरादून में होटल और बागपत में जमीन खरीदने की तैयारी कर रहे थे। हालांकि पुलिस ने आरोपियों की रिमांड की अवधि पूरी होने से पहले पुलिस ने गबन की गई धनराशि में से 4.61 करोड़ रुपये आरोपियों की निशानदेही पर बरामद कर लिए। यह नकदी आरोपियों ने अपने मकान और खेत में गड्डा खोदकर दबाई हुई थी। रकम बरामदगी के बाद चंडीगढ़ पुलिस के इंस्पेक्टर समेत छह आरोपियों का पुलिस रिमांड सोमवार को समाप्त हो गया जिसके बाद सभी को जेल भेज दिया गया।

गबन मामले के आरोपी गौरव ओर रॉकी ने 5.26 करोड़ से बागपत में जमीन और देहरादून में होटल खरीदने की तैयारी कर ली थी। उन्होंने मुकदमे से बचने के लिए कुछ रुपये अपने साथियों को भी दिए थे। गौरव गांव में ही कृषि भूमि खरीदने की तैयारी कर रहा था। इसके लिए उसने कुछ प्रॉपर्टी डीलरों से भी संपर्क किया था, वहीं, रॉकी नैनीताल या फिर देहरादून में होटल खोलना चाहता था। उसने अपने मिलने वालों से होटल के लिए जमीन तलाशने या फिर बना बनाया होटल खोजने के लिए कहा था, लेकिन वे अपने मंसूबों को पूरा कर पाते, इससे पूर्व ही पुलिस ने उन्हें दबोच लिया और उनकी निशानदेही पर गबन की गई धनराशि में से 4.61 करोड़ की रकम बरामद कर ली। वहीं, चंडीगढ़ पुलिस के इंस्पेक्टर ने भी पूछताछ के दौरान रिश्वत लेकर दोनों मुख्य आरोपियों को आर्म्स एक्ट के मुकदमे में जेल भेजने की बात स्वीकार कर ली है। जिसके बाद बागपत पुलिस ने चंडीगढ़ पुलिस को रिपोर्ट भेजते हुए दोनों पुलिस कर्मियों को नौकरी से बर्खाश्त किए जाने की सिफारिश की है।

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यह था मामला

मेरठ की सीएमएस कंपनी बैंकों से रुपये लेकर एटीएम में डालने का काम करती हैं। इसके लिए बड़ौत क्षेत्र की जिम्मेदारी कंपनी ने आरिफपुर खड़खड़ी गांव निवासी गौरव तोमर और लिसाढ़ गांव निवासी रॉकी मलिक को दी थी। इन दोनों ने एटीएम में डालने के लिए 5.26 करोड़ रुपये लिए, लेकिन एटीएम में रुपये नहीं डाले गए। इसकी कंपनी ने जांच कराई, तो गबन का मामला सामने आया। जिसके बाद गत माह बड़ौत कोतवाली पर मुकदमा दर्ज कराया गया था।

जेल में बिगड़ गई थी रॉकी और गौरव की तबीयत

गौरव व रॉकी चंडीगढ़ पुलिस से सेटिंग करने के बाद वहां तमंचे व कारतूस के साथ गिरफ्तार होकर जेल चले गए थे। बागपत पुलिस के आपत्ति जताने पर जांच कराई गई, तो उनके चंडीगढ पुलिस से सेटिंग होने और मनगढ़ंत कहानी रचकर गिरफ्तार होने का पता चला। इसके बाद चंडीगढ़ में डीसीसी प्रभारी जसमिंदर सिंह, हेड कांस्टेबल सतीश और सीनियर कांस्टेबल समुंदर को निलंबित कर दिया गया, साथ ही तीनों पुलिस कर्मियों को मुकदमा दर्ज करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने सेटिंग कराने वाले मनीष निवासी जोहड़ी को भी गिरफ्तार कर चंडीगढ़ जेल भेज दिया था। एक सप्ताह पहले चंडीगढ़ जेल में बंद छह आरोपियों को बागपत जेल में शिफ्ट किया गया था। न्यायालय ने छह आरोपियों का पांच दिनों का पुलिस रिमांड स्वीकृत कर दिया था। जिसके बाद बड़ौत पुलिस जेल में बंद मुख्य आरोपी गौरव, रॉकी, चंडीगढ़ पुलिस इंस्पेक्टर जसमिंदर सिंह, हेड कांस्टेबल सतीश और सीनियर कांस्टेबल समुंदर, मनीष निवासी जौहड़ी को बागपत जेल से बड़ौत कोतवाली ले गई थी और सभी आरोपियों से पूछताछ की थी।

रकम छिपाते ही घर से फरार हो गए थे आरोपी

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गौरव निवासी आरिफपुर खड़खड़ी और रॉकी निवासी हसनपुर जिला शामली 5.26 करोड़ रुपये का गबन करने के बाद एक होटल पर पहुंचे थे। वहां उन्होंने आपस में रुपयों का बंटवारा किया। इसके बाद रात्रि के समय गौरव अपने घर पहुंचा और मकान में गहरा गड्डा खोदा। इसके बाद प्लास्टिक बैग में रखे रुपयों को गड्डे में दबा दिया और फिर परिजनों से किसी काम से बाहर जाने की बात कहकर घर से निकल गया। वहीं, रॉकी ने नकदी अपने खेत में गड्डा खोदकर दबाई और फिर वह भी वहां से फरार होकर गौरव के पास पहुंच गया। इसके बाद गौरव ओर रॉकी अपने साथी मनीष से मिले और फिर उन्होंने चंडीगढ पहुंचकर सांठगाठ की।

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पंजाब पुलिस से एक लाख रुपये में पटा सौदा

एटीएम में डालने के लिए लाए गए 5.26 करोड़ रुपये का गबन करने के बाद गौरव और रॉकी खुद को बचाने में जुट गए थे। बचने के लिए उन्होंने मनीष का सहारा लिया। मनीष ने ही चंडीगढ़ पहुंचकर हेडकांस्टेबल के जरिए इंस्पेक्टर के साथ सैटिंग की। एक लाख रुपये में सौदा पट गया। जिसके बाद इंस्पेक्टर ने गौरव और रॉकी को ऑम्र्स एक्ट के मुकदमे में जेल भेज दिया था, लेकिन बागपत पुलिस को इसका सुराग लग गया। सीओ बड़ौत विजय कुमार ने बताया कि पूछताछ के दौरान चंडीगढ़ पुलिस के इंस्पेक्टर ने बताया कि उसे 5.26 करोड़ रुपये का गबन किए जाने की जानकारी नहीं दी गई थी। केवल इतना बताया गया था कि गांव के मामले में फंसे है, जिसके बाद वह पैसों के लालच में आ गया था ओर दोनों को आम्र्स एक्ट के मुकदमे में जेल भेज दिया। हैडकांस्टेबल ने भी अपना जुर्म कबूल किया है। अधिकारियों की मानें, तो चंडीगढ़ पुलिस को इंस्पेक्टर और हैडकांस्टेबल को नौकरी से बर्खाश्त किए जाने की सिफारिश रिपोर्ट भेजी जा रही है।

आठ लोग रडार पर, जल्द होगी गिरफ्तारी

एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि एटीएम के रुपयों का गबन करने के मामले में आठ अन्य लोगों के नाम भी प्रकाश में आए है। जिनकी तलाश शुरू करा दी गई है। इनमें आरोपियों के गांव के रहने वाले लोग भी शामिल है। आरोपियों के रिमांड पर आते ही ये सभी लोग अपने-अपने गांवों से फरार हो गए है। पुलिस की दो टीमें उनकी तलाश में जुटी है। हो सकता है कि शेष धनराशि उनके पास हो। साइबर सैल और स्वॉट टीम भी आरोपियों की धरपकड़ में लगी हुई है।

क्‍या बोली पुलिस

बागपत के एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने कहा कि एक आरोपी ने दो दिन पहले चंदीगढ़ से 50 हजार रुपये की नकदी बरामद कराई थी। गत दिवस गौरव और रॉकी की निशानदेही पर 4 करोड़ 61 लाख से अधिक की नकदी बरामद की गई। इस नकदी को आरोपियों ने अपने मकान और खेत में गड्डा खोदकर दबाया हुआ था। आरोपी एटीएम की मशीन में तो पूरी धनराशि अंकित कर रहे थे, लेकिन उसमें डाल चंद रुपये ही रहे थे।