ताकि यूपी के कर्मचारियों को आसानी से मिले कैशलेस इलाज, स्वास्थ्य विभाग की कमेटी करेगी ये काम
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों, उनके परिवारों और पेंशन धारकों को कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाती है। इसका भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है। योजना का उद्देश्य कर्मचारियों को आवश्यकता पड़ने पर समय पर और नि:शुल्क इलाज मुहैया कराना है।

उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मचारियों को सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में आसानी से कैशलेस इलाज मिलेगा। 'पंडित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना' के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाईयों के निपटारे के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक कमेटी बना दी है। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि विभाग की सचिव ऋतु माहेश्वरी को समिति का पदेन अध्यक्ष बनाया गया है जबकि पदेन सचिव साचीज की मुख्य कार्यपालक अधिकारी को बनाया गया है।
चिकित्सा विभाग में अनुभाग - 1 के विशेष सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग की विशेष सचिव कृतिका शर्मा, सचीज के सीईओ द्वारा नामित कैशलैस योजना के बारे में जानने वाले एक अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग में विशेष सचिव के पद से रिटायर नरेंद्र कुमार और पेंशनर एसोसिएशन के ओंकार नाथ तिवारी को सदस्य के तौर पर नामित किया गया है। शासन ने अपने आदेश में साफ किया है कि इनमें किसी को भी कमेटी के कामों के लिए कोई भुगतान नहीं किया जाएगा।
क्या है योजना
उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना की शुरुआत की है। इसके तहत सरकारी कर्मचारियों, उनके परिवारों और पेंशन धारकों को कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाती है। इसका भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है। इस योजना का उद्देश्य कर्मचारियों को आवश्यकता पड़ने पर समय पर और नि:शुल्क इलाज मुहैया कराना है। इस योजना की शुरुआत यूपी सरकार ने 21 जुलाई 2022 को की थी।
योजना के तहत राज्य कर्मचारियों को एक हेल्थ कार्ड जारी किया जाता है। इस हेल्थ कार्ड की मदद से कर्मचारी अपना और अपने परिवार के सदस्यों का अस्पताल में कैशलेस और नि:शुल्क इलाज करा सकते हैं। अब स्वास्थ्य विभाग ने जो कमेटी बनाई है वो देखेगी कि इस योजना के तहत कैशलेस इलाज पाने में किसी को कोई दिक्कत न हो। कमेटी योजना की कठिनाइयों को दूर करेगी।