अशोक गहलोत, बोले लोकतंत्र को कुचला जा रहा,ED के केस झूठे!
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस को लेकर देश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है।

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस को लेकर देश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। इस मामले में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई, जिसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार और प्रवर्तन निदेशालय (ED) पर जोरदार हमला बोला।
गहलोत ने कहा, “राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर जानबूझकर ईडी का केस दर्ज किया गया है। इसका कोई मतलब नहीं है। ये मामला उस अखबार से जुड़ा है जिसे कांग्रेस ने 90 साल पहले शुरू किया था।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार को डर है कि यदि नेशनल हेराल्ड अखबार दोबारा सक्रिय हो गया, तो वह कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष और सर्वधर्म समभाव की विचारधारा को मजबूती से उठाएगा, जो भाजपा और केंद्र सरकार को स्वीकार नहीं है।
गहलोत ने आगे कहा, “सरकार की परेशानी यह है कि अगर यह अखबार फिर से शुरू हो गया तो यह अपनी बात कहेगा। कांग्रेस की विचारधारा की बात करेगा, जो मौजूदा सरकार को बर्दाश्त नहीं है। इसलिए झूठे केस बनाकर बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस पूरे मामले में कोई वित्तीय अनियमितता नहीं हुई है। “एक रुपये का भी लेन-देन नहीं हुआ। यह केस पूरी तरह बेबुनियाद है।” गहलोत ने कहा कि जब राहुल गांधी ने हाल ही में संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर सवाल उठाया, तब सत्ता पक्ष को असहजता हुई। लेकिन राहुल ने वही सवाल पूछा जो आज देश की जनता के मन में है।
“जनता के सवालों को उठाना विपक्ष की जिम्मेदारी है। यही लोकतंत्र का मूल है,” गहलोत ने कहा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका अहम होती है, लेकिन मौजूदा सरकार विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।
नेशनल हेराल्ड केस में ED ने सोनिया और राहुल गांधी सहित सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और अन्य को आरोपी बनाया है। जांच एजेंसी का दावा है कि इन लोगों ने अपराध से 142 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की है। कोर्ट में बचाव पक्ष के वरिष्ठ वकीलों एएम सिंघवी और आरएस चीमा ने बताया कि उन्हें हाल ही में करीब 5000 पन्नों के दस्तावेज मिले हैं और इसलिए उन्हें तैयारी के लिए समय चाहिए। इस पर कोर्ट ने 2 जुलाई से 8 जुलाई तक रोजाना सुनवाई का आदेश दिया है।
अगर इस दौरान कोर्ट ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेता है, तो गांधी परिवार की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। वहीं कांग्रेस इस पूरे प्रकरण को “राजनीतिक प्रतिशोध” की कार्रवाई करार दे रही है। अशोक गहलोत का बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि कांग्रेस इस मामले में न सिर्फ कानूनी बल्कि राजनीतिक स्तर पर भी सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाएगी।
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