चूरू में महिला कॉन्स्टेबल को पीठ पर थप्पड़ मार बैठे DSP, कैमरे में कैद हरकत
चूरू में कांग्रेस के प्रदर्शन ने सोमवार को उस वक्त तूल पकड़ लिया, जब ड्यूटी पर तैनात एक DSP ने महिला कॉन्स्टेबल की पीठ पर थप्पड़ जड़ दिया। ये घटना तब हुई जब कांग्रेस कार्यकर्ता शहर की बुनियादी समस्याओं—बिजली-पानी, सफाई, कचरा निपटान—को लेकर कलेक्ट्रेट की ओर रैली निकाल रहे थे।

चूरू में कांग्रेस के प्रदर्शन ने सोमवार को उस वक्त तूल पकड़ लिया, जब ड्यूटी पर तैनात एक DSP ने महिला कॉन्स्टेबल की पीठ पर थप्पड़ जड़ दिया। ये घटना तब हुई जब कांग्रेस कार्यकर्ता शहर की बुनियादी समस्याओं—बिजली-पानी, सफाई, कचरा निपटान—को लेकर कलेक्ट्रेट की ओर रैली निकाल रहे थे। भीड़ को रोकने के प्रयास में मचे हड़कंप के बीच DSP सुनील झाझड़िया का यह 'थप्पड़ एक्शन' कैमरे में कैद हो गया। वीडियो सामने आते ही सोशल मीडिया पर बवाल मच गया।
दरअसल, कांग्रेस कार्यकर्ता ब्लॉक कांग्रेस कार्यालय मंडेलिया हाउस से रैली निकालकर सीधे कलेक्ट्रेट तक पहुंच गए। उनकी अगुवाई सांसद राहुल कस्वां और कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष रफीक मंडेलिया कर रहे थे। प्रशासन ने 5 प्रतिनिधियों को अंदर बुलाने की इजाजत दी थी और बाकी कार्यकर्ताओं को बाहर रोका जा रहा था। इसी दौरान अचानक भीड़ ने कलेक्ट्रेट में घुसने की कोशिश कर दी। पुलिसकर्मी हरकत में आए और भीड़ को रोकने दौड़े।
इसी अफरा-तफरी में एक महिला कॉन्स्टेबल का ध्यान दूसरी ओर था। तभी DSP सुनील झाझड़िया ने पीछे से आकर उसकी पीठ पर ज़ोर से मारते हुए कहा—"चलो!" ये पूरा दृश्य कैमरे में कैद हो गया और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। हालांकि, अब तक उस महिला कॉन्स्टेबल की ओर से कोई शिकायत सामने नहीं आई है।
वीडियो वायरल होते ही पुलिस महकमे की किरकिरी शुरू हो गई। कुछ लोगों ने इसे महिला सम्मान से जोड़ते हुए DSP की कार्रवाई को अनुचित बताया, तो कुछ ने कहा कि यह भीड़ नियंत्रण के वक्त की सामान्य प्रतिक्रिया थी।
लेकिन मामला यहीं नहीं थमा। कोतवाली थानाधिकारी सुखराम चोटिया ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान भीड़ कलेक्ट्रेट में घुस गई थी, जिसे बाहर निकालने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। उसी दौरान किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिसमें "काट-छांट" कर पेश किया गया है। पुलिस ने इस पर गंभीरता दिखाते हुए आईटी एक्ट और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
अब सवाल ये उठता है—क्या महिला कॉन्स्टेबल पर थप्पड़ मारना उचित था? क्या ये केवल ड्यूटी का हिस्सा था या फिर अनुशासन की सीमा लांघ दी गई?
फिलहाल, चूरू में यह थप्पड़ ‘कांग्रेस प्रदर्शन’ से ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रशासन और पुलिस के बीच समन्वय की कमी, महिला सुरक्षाकर्मियों के साथ व्यवहार और सोशल मीडिया पर वायरल होती फुटेज—तीनों ही सवालों में उलझा है ये मामला।
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