Vijay Mallya still owes Rs 7000 crore repayment claims Government disputes claims on loan repayment झूठ बोल रहे विजय माल्या, अभी भी 7000 हजार करोड़ रुपये बकाया; कर्ज चुकाने के दावे पर सरकार, India News in Hindi - Hindustan
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झूठ बोल रहे विजय माल्या, अभी भी 7000 हजार करोड़ रुपये बकाया; कर्ज चुकाने के दावे पर सरकार

माल्या के दावों को खारिज करते हुए सरकार ने कहा कि अभी भी 7,000 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। माल्या का दावा है कि बैंकों ने उनकी संपत्तियों से 14,131.6 करोड़ रुपये की वसूली कर ली, जो उनके कर्ज से अधिक है।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 10 June 2025 09:05 AM
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झूठ बोल रहे विजय माल्या, अभी भी 7000 हजार करोड़ रुपये बकाया; कर्ज चुकाने के दावे पर सरकार

भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के कर्ज चुकाने वाले दावे पर सरकार और बैंकों ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। माल्या का दावा है कि उन्होंने बैंकों के सभी बकाया कर्ज चुका दिए हैं फिर भी उन्हें परेशान किया जा रहा है। सरकार का कहना है कि माल्या पर अभी भी 7,000 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है और उसके पुनर्भुगतान के दावे 'निराधार' हैं।

टइम्स ऑफ इंडिया ने सरकारी सूत्रों के हवाले से लिखा कि माल्या का यह दावा पूरी तरह भ्रामक है, क्योंकि उन्होंने केवल मूलधन (प्रिंसिपल अमाउंट) को आधार बनाकर बयान दिया है, जबकि उन पर अब भी ब्याज और अन्य शुल्कों सहित कुल 6,997 करोड़ रुपये बकाया हैं।

वर्ष 2013 में जब यह मामला ऋण वसूली न्यायाधिकरण (DRT) में दर्ज किया गया था, तब किंगफिशर एयरलाइंस का कुल एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) 6,848 करोड़ रुपये था। इसमें नॉन-क्यूम्युलेटिव रिडीमेबल प्रेफरेंस शेयर्स भी शामिल थे। अप्रैल 10 तक, DRT के आदेश के अनुसार, बकाया ब्याज और अन्य शुल्कों को मिलाकर कुल देनदारी बढ़कर 17,781 करोड़ रुपये हो गई थी।

अब तक बैंकों ने माल्या से जुड़ी संपत्तियों को बेचकर 10,815 करोड़ रुपये की वसूली कर ली है, जिसमें गोवा स्थित मशहूर किंगफिशर विला की बिक्री भी शामिल है। इसके बाद भी बैंकों को अब भी 6,997 करोड़ रुपये की वसूली करनी है।

14,000 करोड़ रुपये चुका दिए?

सरकारी सूत्रों के अनुसार, विजय माल्या का दावा कि उन्होंने 14,000 करोड़ रुपये चुका दिए हैं, वास्तविकता से परे है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "उन्होंने संभवतः केवल मूल कर्ज की राशि को ध्यान में रखते हुए यह दावा किया है, जबकि किसी भी ऋण पर तब तक ब्याज लगता है जब तक वह पूरी तरह चुकता न हो जाए। इसके अतिरिक्त, डिफॉल्ट करने वालों पर दंडात्मक ब्याज (पेनल इंटरेस्ट) भी लगाया जाता है।"

माल्या पहले भी ऐसे दावे कर चुके हैं, जबकि वह खुद देश से फरार हैं और भारत लौटकर कानूनी प्रक्रिया का सामना करने से बच रहे हैं। उनके दावों के जवाब में सरकार ने स्पष्ट किया है कि बैंकों की वसूली प्रक्रिया उनके बोर्ड द्वारा स्वीकृत नीतियों के अनुरूप ही की जा रही है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, "बैंकों की वसूली की नीति हर कर्जदार के लिए समान है, चाहे वह किसी भी समुदाय, क्षेत्र या पृष्ठभूमि से आता हो। विजय माल्या द्वारा लगाए गए किसी भी भेदभाव या मीडिया दबाव के आरोप पूर्णतः निराधार और भ्रामक हैं।"

गौरतलब है कि किंगफिशर को दिए गए कुछ ऋणों का पुनर्गठन भी हुआ था, जो अब जांच के दायरे में है। यहां तक कि आईडीबीआई बैंक के पूर्व प्रमुख योगेश अग्रवाल जैसे वरिष्ठ अधिकारियों को भी सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है। सरकार और बैंक अब माल्या की भारत वापसी के कानूनी रास्ते को मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं ताकि लंबित वसूली को आगे बढ़ाया जा सके और देश की वित्तीय प्रणाली पर विश्वास कायम रखा जा सके।

माल्या के दावों की कहानी

विजय माल्या कभी 'किंग ऑफ गुड टाइम्स' के नाम से मशहूर थे। वह 2016 में भारत से भागकर यूनाइटेड किंगडम में बस गए थे। उनकी अब बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस पर 17 भारतीय बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज बकाया था। माल्या ने हाल ही में एक यूट्यूबर के पॉडकास्ट में अपनी चुप्पी तोड़ते हुए दावा किया कि बैंकों ने उनकी संपत्तियों की नीलामी के जरिए 14,100 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली कर ली है। उन्होंने यह भी कहा कि यह राशि डीआरटी के फैसले में निर्धारित 6,203 करोड़ रुपये के कर्ज से दोगुनी से अधिक है।

माल्या ने यह भी दावा किया कि उन्होंने कभी भी कर्ज चुकाने से इनकार नहीं किया और उनकी मंशा हमेशा बैंकों को भुगतान करने की रही है। उन्होंने कर्नाटक हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की, जिसमें बैंकों से वसूली गई राशि का हिसाब मांगा गया है। माल्या ने अपने दावों के समर्थन में वित्त मंत्रालय की 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनकी संपत्तियों से 14,131.6 करोड़ रुपये की वसूली की है।

अब भारत सरकार और बैंकों ने माल्या के दावों को सिरे से खारिज कर दिया है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विजय माल्या के दावे भ्रामक और निराधार हैं। उनकी कुल देनदारी 9,000 करोड़ रुपये से अधिक थी, जिसमें ब्याज और अन्य शुल्क शामिल हैं। सरकार का कहना है कि माल्या की संपत्तियों की नीलामी से प्राप्त राशि को विभिन्न बैंकों के बीच बांटा गया है, लेकिन यह पूरी तरह से उनके कर्ज को कवर नहीं करती।

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कानूनी लड़ाई और विवाद

माल्या ने हाल ही में लंदन की एक अदालत में अपनी दिवालियापन याचिका को रद्द करने की अपील की थी, जिसे खारिज कर दिया गया। उन्होंने दावा किया था कि बैंकों ने उनके कर्ज से अधिक राशि वसूल कर ली है, लेकिन यूके की अदालत ने उनके तर्कों को स्वीकार नहीं किया। माल्या के वकील ने कहा कि वे इस आदेश को चुनौती देना जारी रखेंगे। इस बीच, भारत में माल्या के समर्थन में कुछ लोग सामने आए हैं। उद्योगपति हर्ष गोयनका ने हाल ही में एक एक्स पोस्ट में सवाल उठाया कि जब बैंकों ने माल्या से 14,100 करोड़ रुपये की वसूली कर ली है, तो उन्हें 'राजनीतिक बलि का बकरा' क्यों बनाया जा रहा है।

किंगफिशर कर्मचारियों का दर्द

माल्या के दावों के बीच, किंगफिशर एयरलाइंस के हजारों पूर्व कर्मचारियों का मुद्दा भी चर्चा में है। अनुमान है कि एयरलाइंस पर अपने कर्मचारियों का 300 करोड़ रुपये से अधिक का वेतन बकाया है। माल्या ने पॉडकास्ट में कर्मचारियों से माफी मांगी, लेकिन यह भी कहा कि उन्होंने कंपनी में अपनी निजी पूंजी से 3,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था।

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