राजस्थान में सूखे तालाब–बांधों की चमकेगी किस्मत! जाने क्या है भजनलाल सरकार का मास्टरप्लान
विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशमी के अवसर पर 5 जून से प्रदेशभर में जलाशयों के पुनर्जीवन और हरियाली बढ़ाने के लिए विशेष अभियान की शुरुआत होने जा रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश और राजस्थान पत्रिका की पहल पर शुरू हो रहा यह अभियान जनआंदोलन का रूप लेगा।

विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशमी के अवसर पर 5 जून से प्रदेशभर में जलाशयों के पुनर्जीवन और हरियाली बढ़ाने के लिए विशेष अभियान की शुरुआत होने जा रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश और राजस्थान पत्रिका की पहल पर शुरू हो रहा यह अभियान जनआंदोलन का रूप लेगा। अभियान का शुभारंभ पांच जून को राज्यभर में नदियों, तालाबों और कुओं के पूजन से किया जाएगा।
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने मंगलवार को संबंधित आठ विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर अभियान की रूपरेखा पर चर्चा की। बैठक में जल संसाधन, भूजल, कृषि, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, वन एवं पर्यावरण तथा आयोजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी मौजूद रहे। पंत ने सभी विभागों से तीन दिन में अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित जलस्रोतों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए।
राज्य सरकार ने अभियान के लिए जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। अभय कुमार ने मंगलवार शाम सभी जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से भी चर्चा की और उन्हें अपने जिलों में अभियान के तहत किए जाने वाले कार्यों की योजना तैयार करने को कहा।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बुधवार को अभियान से जुड़े विभागों के मंत्रियों, प्रमुख अधिकारियों, कलेक्टरों और संभागीय आयुक्तों के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान अभियान की तैयारियों की समीक्षा की जाएगी।
15 दिन चलेगा विशेष अभियान
यह अभियान 15 दिन तक चलेगा, जिसके तहत जलस्रोतों की सफाई, गाद निकासी, डिसिल्टिंग, वर्षा जल संचयन और वृक्षारोपण जैसे कार्य किए जाएंगे। पुराने और उपेक्षित जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने पर विशेष ध्यान रहेगा।
जनप्रतिनिधियों को जोड़ा जाएगा
सरकार इस अभियान को केवल सरकारी योजना के रूप में नहीं, बल्कि जन आंदोलन के रूप में संचालित करना चाहती है। इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों को अभियान में जोड़ा जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
राज्यभर में सक्रियता
राजधानी जयपुर के रामगढ़ बांध से लेकर प्रदेश के सैकड़ों छोटे-बड़े तालाबों, बांधों और कुओं में यह कार्य किया जाएगा। प्रशासन से लेकर आमजन तक को इसमें भागीदार बनाने की योजना है।
सरकार का मानना है कि यह अभियान न केवल जल संकट से निपटने में मददगार होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और हरियाली बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
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