जयपुर में ऑपरेशन शील्ड बाजार में लोगों पर ड्रोन से हवाई हमले की मॉक ड्रिल
जयपुर में शनिवार को ड्रोन और हवाई हमले से बचाव के लिए एक विशेष मॉक ड्रिल आयोजित की गई। यह अभ्यास खातीपुरा स्थित शहीद मेजर दिग्विजय सिंह सुमाल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में किया गया।

जयपुर में शनिवार को ड्रोन और हवाई हमले से बचाव के लिए एक विशेष मॉक ड्रिल आयोजित की गई। यह अभ्यास खातीपुरा स्थित शहीद मेजर दिग्विजय सिंह सुमाल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में किया गया। ड्रोन हमले और हवाई हमले के खतरे की स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा और राहत कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर ‘ऑपरेशन शील्ड’ के अंतर्गत यह द्वितीय सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल रही।
मॉक ड्रिल की शुरुआत बाजार में ड्रोन हमले के सीन से हुई, जिसमें लोगों को घायल होते दिखाया गया। सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ और चिकित्सा दल ने तत्परता से मोर्चा संभाला। घायलों को मौके से निकालकर तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। यह रिहर्सल पूरी तरह रियल टाइम सेटअप पर आधारित थी जिसमें मेडिकल इमरजेंसी सेवाएं, पुलिस और राहत दल ने संयुक्त रूप से काम किया।
ड्रिल के दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर संतोष मीणा ने बताया कि यह मॉक ड्रिल गृह मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश पर की गई है। उन्होंने कहा कि अब चिन्हित स्थानों पर रात के समय सायरन बजाकर ब्लैक आउट की सूचना दी जाएगी। इस दौरान नागरिकों को अपने घरों में ही रहना होगा और कुछ सख्त नियमों का पालन करना जरूरी होगा।
ब्लैक आउट के दौरान जरूरी सावधानियां
प्रशासन ने ब्लैक आउट के दौरान क्या करें और क्या न करें, इसे लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। नागरिकों को अनावश्यक रूप से बाहर नहीं निकलना चाहिए। मोबाइल, माचिस, टॉर्च और किसी भी प्रकार की फ्लैश लाइट का उपयोग वर्जित रहेगा। खिड़कियों से प्रकाश बाहर न जाए इसके लिए काले कागज का उपयोग अनिवार्य है।
सड़क पर चल रहे वाहनों को वहीं रुकना होगा और उनकी लाइट बंद करनी होगी। दो मिनट तक सायरन बजने पर बचाव कार्य शुरू होंगे। नागरिकों को अफवाहों से दूर रहकर प्रशासनिक निर्देशों का पालन करना होगा। मोबाइल या रेडियो के माध्यम से सरकारी अलर्ट सुनना चाहिए और नजदीकी सुरक्षित शरण स्थलों की जानकारी पहले से रखनी चाहिए।
सुरक्षा बलों की मौजूदगी और बचाव कार्य
मॉक ड्रिल के दौरान सेना के अधिकारी, जवान, सिविल डिफेंस के सदस्य, डॉक्टर, पुलिस, एनसीसी कैडेट, डॉग स्क्वॉड सहित कई अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे। एक रिहर्सल के तहत छत पर फंसे लोगों को क्रेन के जरिए नीचे उतारा गया। इस दौरान 'बचाओ-बचाओ' की आवाजें भी रिहर्सल का हिस्सा थीं, जिससे वास्तविकता का अनुभव दिलाया जा सके।
इस मॉक ड्रिल में एनसीसी कैडेट्स ने भी अहम भूमिका निभाई। घायल लोगों को तत्काल एम्बुलेंस के माध्यम से अस्पताल पहुंचाया गया। मौके पर जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र सोनी, एडिशनल कमिश्नर कुंवर राष्ट्रदीप सहित प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
जयपुर में हुई इस मॉक ड्रिल ने न केवल राहत व बचाव तंत्र की तैयारियों को परखा, बल्कि आम नागरिकों को भी सुरक्षा और सतर्कता के प्रति जागरूक किया।
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