No god goddess happy killing living being blessings taking someone life जीव की हत्या से कोई देवी देवता खुश नहीं...किसी की जान लेने से आशीर्वाद नहीं मिलता - विधायक बालमुकुंद आचार्य, Jaipur Hindi News - Hindustan
Hindi Newsराजस्थान न्यूज़जयपुरNo god goddess happy killing living being blessings taking someone life

जीव की हत्या से कोई देवी देवता खुश नहीं...किसी की जान लेने से आशीर्वाद नहीं मिलता - विधायक बालमुकुंद आचार्य

हवा महल विधानसभा क्षेत्र से विधायक बालमुकुंद आचार्य का एक बयान सुर्खियों में आया है।

Sachin Sharma लाइव हिन्दुस्तानFri, 6 June 2025 10:22 AM
share Share
Follow Us on
जीव की हत्या से कोई देवी देवता खुश नहीं...किसी की जान लेने से आशीर्वाद नहीं मिलता - विधायक बालमुकुंद आचार्य

जयपुर में निर्जला एकादशी के पावन अवसर पर धार्मिक आस्था का माहौल देखने को मिल रहा है। वैष्णव मंदिरों में ठाकुरजी के जलविहार की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं, तो वहीं सामाजिक और धार्मिक संगठन शहर के विभिन्न मार्गों पर प्याऊ और सेवा स्टॉल लगाकर लोगों को शीतल पेय पिलाने और पुण्य अर्जित करने की मुहिम में जुटे हैं।

इस बीच हवा महल विधानसभा क्षेत्र से विधायक बालमुकुंद आचार्य का एक बयान सुर्खियों में आया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां सनातनी श्रद्धालु जीव-जंतुओं की सेवा कर पुण्य कमाएंगे, वहीं कुछ लोग इस अवसर पर जीव हत्या करेंगे, जो धर्म के विरुद्ध है।

उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति में हर जीव में परमात्मा का अंश माना गया है। पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, जल, वायु, आकाश, अग्नि और पृथ्वी—सभी में ईश्वर विद्यमान हैं। ऐसे में जीव हत्या करना किसी भी दृष्टि से धार्मिक नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, “देवता कभी किसी की जान लेकर आशीर्वाद नहीं देते। बल्कि अहिंसा को ही परम धर्म बताया गया है। आज भी सनातन परंपरा में प्रतीकात्मक अर्पण जैसे नारियल, पेठा, कद्दू आदि चढ़ाने की परंपरा है, जो इसी भाव को दर्शाता है।”

विधायक ने लोगों से अपील की कि जीवों पर दया करें, पशु-पक्षियों को अन्न-जल दें और 'जियो और जीने दो' के सिद्धांत को अपनाएं। यही सच्ची श्रद्धा और पुण्य का मार्ग है।

शहर में सेवा और आस्था का संगम

निर्जला एकादशी पर जयपुर के प्रमुख मार्गों पर शरबत, आमरस, मिल्करोज, नींबू पानी आदि का वितरण किया जाएगा। कई संगठनों ने राहगीरों के लिए पानी और फल वितरण की व्यवस्था की है। साथ ही पशुओं के लिए चारा और पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था कर पुण्य अर्जित करने का संदेश दिया जा रहा है।

गोविंद देवजी मंदिर में जलविहार की विशेष व्यवस्था

जयपुर के प्रसिद्ध गोविंद देव जी मंदिर में भी निर्जला एकादशी को लेकर विशेष तैयारी की गई है। भगवान को चंदन का लेप कर शीतलता प्रदान की जाएगी और रियासत कालीन चांदी के फव्वारों से जलविहार कराया जाएगा। खस और गुलाब के शरबत का भोग लगाते हुए तरबूज, आम, फालसे और अन्य मौसमी फल अर्पित किए जाएंगे।

श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था भी विशेष रहेगी। जलेब चौक से बेरिकेडिंग के माध्यम से दर्शन कराए जाएंगे और मंदिर परिसर में ठहरने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

भीमसेनी एकादशी की पौराणिक मान्यता

धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह एकादशी महाभारत कालीन है और पांडव पुत्र भीम ने स्वयं इस व्रत का पालन किया था। भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर उन्होंने यह कठिन उपवास किया था, जिसमें जल की एक बूंद भी ग्रहण नहीं की जाती, इसी कारण इसे 'निर्जला' कहा जाता है।

यह दिन दान-पुण्य, तप और सेवा के लिए विशेष रूप से माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर और प्यासों को जल पिलाकर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

निर्जला एकादशी का पर्व न केवल व्रत और पूजन का, बल्कि करुणा और सेवा का भी प्रतीक बन चुका है। हवा महल विधायक के बयान ने धार्मिक आयोजन को एक संवेदनशील और जीवनदायी दृष्टिकोण से जोड़ दिया है। जीवों की रक्षा और सेवा के भाव के साथ मनाया जाने वाला यह पर्व, सनातन संस्कृति की करुणामयी परंपरा को भी सशक्त रूप से स्थापित करता है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।