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10 लाख का डंपर 3 करोड़ का चालान,झुंझुनू में डंपर यूनियन का चक्का जाम!600 से ज्यादा डंपर की आरसी रद्द

राजस्थान के झुंझुनू जिले में डंपर चालकों का दर्द अब सड़क पर छलक पड़ा है। 10 लाख की गाड़ियों पर 3 करोड़ तक के चालान थोपे जाने से परेशान डंपर यूनियन ने चक्का जाम कर दिया

Sachin Sharma लाइव हिन्दुस्तान, झुंझुनूMon, 12 May 2025 10:02 PM
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10 लाख का डंपर 3 करोड़ का चालान,झुंझुनू में डंपर यूनियन का चक्का जाम!600 से ज्यादा डंपर की आरसी रद्द

राजस्थान के झुंझुनू जिले में डंपर चालकों का दर्द अब सड़क पर छलक पड़ा है। 10 लाख की गाड़ियों पर 3 करोड़ तक के चालान थोपे जाने से परेशान डंपर यूनियन ने चक्का जाम कर दिया और अब राजधानी जयपुर में भाजपा प्रदेश कार्यालय पर दस्तक दी। यूनियन के प्रतिनिधियों ने प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ से मिलकर अपनी पीड़ा साझा की।

इससे पहले भाजपा अध्यक्ष राठौड़ खुद धरना स्थल पर पहुंचे थे और यूनियन से देशहित में धरना खत्म करने की अपील की थी, जिसे यूनियन ने सम्मानपूर्वक मान लिया। अब जब भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव कम हुआ, यूनियन के सदस्य एक बार फिर अपनी आवाज बुलंद करने जयपुर पहुंचे।

अन्याय की गाड़ी पर सवार प्रशासन?

यूनियन प्रवक्ता विकास पायल ने बातचीत में बताया कि उनकी गाड़ियां वैध लीज पर खदानों से माल ढोती हैं और सरकार खुद उन्हें ‘रवाना’ देती है, जिसमें माल की मात्रा दर्ज होती है। समस्या यह है कि 35 टन की क्षमता वाली गाड़ियों में सरकार खुद 50 टन माल भरवाती है और उसके एवज में फीस भी लेती है। लेकिन जब यही गाड़ियां सड़क पर निकलती हैं तो उन्हें ‘ओवरलोडिंग’ के नाम पर चालान थमा दिए जाते हैं।

सबसे बड़ी विडंबना तो यह है कि चालान उसी दिन नहीं काटे जाते, बल्कि पूरे साल का हिसाब एक साथ जोड़कर मोटा चालान थमा दिया जाता है – जो गाड़ी की कीमत से भी ज्यादा हो जाता है।

600 से ज्यादा RC रद्द

विकास ने कहा कि अगर कोई चालक चालान का भुगतान नहीं करता तो अधिकारी ‘ऊपर-नीचे’ करके मामला निपटाने का ऑफर देते हैं, वरना सीधे गाड़ी की RC सस्पेंड कर दी जाती है। उन्होंने यह भी दावा किया कि जहां पूरे राजस्थान में मुश्किल से 10-15 गाड़ियों की RC रद्द होती है, वहीं झुंझुनू में ये संख्या 600 से ज्यादा पहुंच चुकी है।

सरकार की कार्रवाई

धरना और दबाव के बाद सरकार ने एक RTO को निलंबित तो किया है, लेकिन यूनियन का कहना है कि यह समस्या का स्थायी समाधान नहीं है। यूनियन की मांग है कि रवाना प्रणाली में पारदर्शिता लाई जाए और चालकों को बेवजह परेशान करने की यह कड़वी प्रथा बंद हो।

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