भू-जल विधेयक पर राजस्थान सरकार ने लिया यूटर्न, पैसा वसूली से बढ़ा तनाव; सिलेक्ट कमेटी को भेजा बिल
- बिल में जमीन से पानी निकालने पर पाबंदियां लगाने और भूजल दोहन को रेगुलेट करने के प्रावधानों की बात कही गई थी। इसमें पैसा वसूली (जुर्माना लगाने) से जुड़ी बात भी थी।

राजस्थान विधानसभा में भूजल प्रबंधन से जुड़ा बिल पेश किया गया। इसे राजस्थान भूजल (संरक्षण और प्रबंध) प्राधिकरण बिल नाम दिया गया है। लेकिन, इस बिल पर बहस होने के बाद जल मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने इसे विधानसभा की प्रवर समिति ( सिलेक्ट कमिटी) को भेज दिया है। इस बिल में जमीन से पानी निकालने पर पाबंदियां लगाने और भूजल दोहन को रेगुलेट करने के प्रावधानों की बात कही गई थी। इसमें पैसा वसूली (जुर्माना लगाने) से जुड़ी बात भी थी।
बिल की बहस के दौरान विपक्षी दल के विधायकों ने इसके प्रावधानों पर कई सवाल उठाए। इसमें मीटर कनेक्शन, सरकार के पास संसाधन की कमी और जुर्माना लगाकर पैसा वसूली की बातें सामने आईं। कांग्रेस विधायक हाकम अली, रफीक खान और हरिमोहन शर्मा ने कहा कि सरकार पानी पर पहरा बैठा रही है। बहस के दौरान कहा गया कि एक पानी ही था, जो बिना अनुमति मिल जाता था। अब इस पर पहरा बैठाने से दिक्कतें होंगी। इससे अफसरशाही हावी होगी।
राजस्थान विधानसभा में भूजल प्रबंधन से जुड़ा बिल पेश किया गया। इसे राजस्थान भूजल (संरक्षण और प्रबंध) प्राधिकरण बिल नाम दिया गया है। लेकिन, इस बिल पर बहस होने के बाद जल मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने इसे विधानसभा की प्रवर समिति ( सिलेक्ट कमिटी) को भेज दिया है। इस बिल में जमीन से पानी निकालने पर पाबंदियां लगाने और भूजल दोहन को रेगुलेट करने के प्रावधानों की बात कही गई थी। इसमें पैसा वसूली (जुर्माना लगाने) से जुड़ी बात भी थी।
बिल की बहस के दौरान विपक्षी दल के विधायकों ने इसके प्रावधानों पर कई सवाल उठाए। इसमें मीटर कनेक्शन, सरकार के पास संसाधन की कमी और जुर्माना लगाकर पैसा वसूली की बातें सामने आईं। कांग्रेस विधायक हाकम अली, रफीक खान और हरिमोहन शर्मा ने कहा कि सरकार पानी पर पहरा बैठा रही है। बहस के दौरान कहा गया कि एक पानी ही था, जो बिना अनुमति मिल जाता था। अब इस पर पहरा बैठाने से दिक्कतें होंगी। इससे अफसरशाही हावी होगी।
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बिल के प्रावधानों में कहा गया है कि खेती को छोड़कर किसी अन्य काम के लिए जमीन का पानी निकाला तो इसके लिए जुर्माना देना होगा। कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल काम के लिए पानी निकालने पर टैरिफ देना होगा। ये टैरिफ निकाले गए पानी की मात्रा के आधार पर होगा। डार्क जोन वाले इलाकों से पानी निकालने पर रोक लगाने की बात कही गई है। बिना अनुमित ऐसा करने पर छह महीने की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना वसूलने की बात कही गई है।