राजस्थान में मौसम का गजब खेल,झुलसा देने वाली गर्मी के बाद आंधी-बारिश का अलर्ट
राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र जैसलमेर में आज पारा 46.5 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा, जो इस महीने का अब तक का सर्वाधिक तापमान है। गर्म हवाओं ने दिन में लोगों को घरों में कैद कर दिया। बाजार सुनसान रहे और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा।

राजस्थान की गर्म हवाओं में आज मौसम ने अपना मिजाज कुछ ऐसा बदला कि आमजन से लेकर प्रशासन तक चौकन्ना हो गया। एक ओर जैसलमेर में अप्रैल का सबसे अधिक तापमान रिकॉर्ड किया गया,वहीं दूसरी ओर कई जिलों में आंधी और बारिश की चेतावनी ने लोगों की धड़कनें बढ़ा दी हैं।
जैसलमेर बना ‘तंदूर’
राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र जैसलमेर में आज पारा 46.5 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा, जो इस महीने का अब तक का सर्वाधिक तापमान है। गर्म हवाओं ने दिन में लोगों को घरों में कैद कर दिया। बाजार सुनसान रहे और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में अप्रैल में ऐसी तपिश कभी महसूस नहीं हुई।
राजधानी जयपुर समेत कई जिलों में अलर्ट
मौसम विभाग ने जयपुर, बीकानेर,चूरू,झुंझुनूं,सीकर और भरतपुर समेत कई जिलों में अगले 24 घंटों के भीतर आंधी और बारिश की चेतावनी जारी की है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने और स्थानीय हवाओं के मेल से प्रदेश के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में मौसम पलटी मार सकता है। 40 से 60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से धूलभरी आंधी चलने की संभावना जताई गई है।
किसानों और यात्रियों के लिए सावधानी जरूरी
मौसम विभाग ने खासतौर पर किसानों को आगाह किया है कि वे अपनी फसलों को सुरक्षित स्थानों पर रख लें और अनावश्यक खेतों में काम करने से बचें। वहीं, सड़क और रेल यातायात पर भी इसका असर पड़ सकता है। ऐसे में यात्रा करने वाले लोग मौसम अपडेट लेकर ही सफर की योजना बनाएं।
लू और आंधी का डबल अटैक
एक तरफ तेज गर्मी और लू ने लोगों का हाल बेहाल कर रखा है, वहीं दूसरी ओर आंधी-बारिश का खतरा भी मंडरा रहा है। यह मौसम का डबल अटैक आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। चिकित्सकों ने गर्मी के चलते लू से बचाव के लिए पानी अधिक पीने, हल्के कपड़े पहनने और धूप में निकलने से परहेज की सलाह दी है।
अभी राहत नहीं
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अगले दो से तीन दिनों तक गर्मी और तेज हवाओं का असर जारी रहेगा। हालांकि कहीं-कहीं छिटपुट बारिश से थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन फिलहाल राजस्थान को तपन और तूफानी हवाओं का सामना करना पड़ेगा।