What are the provisions in the Rajasthan Coaching Center Bill to protect students from depression राजस्थान: कोचिंग को कंट्रोल करने वाले बिल में छात्रों को डिप्रेशन, मेंटल स्ट्रेस से बचाने खातिर क्या?, Rajasthan Hindi News - Hindustan
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राजस्थान: कोचिंग को कंट्रोल करने वाले बिल में छात्रों को डिप्रेशन, मेंटल स्ट्रेस से बचाने खातिर क्या?

  • इसमें छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए कैरियर मार्गदर्शन, मनोवैज्ञानिक परामर्श देने का प्रावधान भी किया गया है। ताकि बच्चों को डिप्रेशन और मेंटल स्ट्रेस जैसी गंभीर समस्या से बचाया जा सकें।

Ratan Gupta लाइव हिन्दुस्तान, जयपुरWed, 19 March 2025 06:53 PM
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राजस्थान: कोचिंग को कंट्रोल करने वाले बिल में छात्रों को डिप्रेशन, मेंटल स्ट्रेस से बचाने खातिर क्या?

राजस्थान विधानसभा में राज्य के कोचिंग सेंटरों को नियंत्रित और विनियमित करने वाला बिल पेश किया गया है। इसे राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक 2025 नाम दिया गया है। इसमें छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए कैरियर मार्गदर्शन, मनोवैज्ञानिक परामर्श देने का प्रावधान भी किया गया है। ताकि बच्चों को डिप्रेशन और मेंटल स्ट्रेस जैसी गंभीर समस्या से बचाया जा सकें। आइए जानते हैं कि इसमें किन प्रावधानों की बात कही गई है।

1- संकट और तनाव स्थिति में कोचिंग सेंटर छात्रों को निरंतर सहायता प्रदान करे। इसके लिए जिला समिति ये तय करे कि कोचिंग सेंटर एक ऐसी परामर्श प्रणाली विकसित करे, जो छात्रों और अभिभावकों को आसानी से उपलब्ध हो।

2- मानसिक तनाव (मेंटल स्ट्रेस) और अवसाद (डिप्रेशन) को कम करने के लिए छात्रों को परामर्श देने और मनोचिकित्सा सेवा देने के लिए काउंसलर और अनुभवी मनोवैज्ञानिकों को शामिल करने की बात कही गई है।

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3- कोचिंग सेंटर पर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी वर्कशॉप और जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ताकि बच्चों को स्वास्थ्य, अच्छे पोषण की जानकारी मिले। नशीले पदार्थों से भी दूर रहें।

4- करियर काउंसलर को भी शामिल करने की बात कही गई है, ताकि छात्रों को उनकी रुचि, योग्यता और क्षमता के आधार पर निर्णय लेने में मदद मिल सके कि वो अपने भविष्य के लिए किस रास्ते का चुनाव करें। छात्रों और अभिभावकों को यथार्थवादी मार्गदर्शन और परामर्श मिल सके।

5- छात्रों को उनके सुधार के बारे में प्रभावी जानकारी देने वाले ट्यूटर्स को भी समय-समय पर स्वास्थ्य संबंधी ट्रेनिंग दी जाए। ताकि छात्रों को सही तरीके से गाइड (मार्गदर्शन) किया जा सके।

कोचिंग सेंटर को कंट्रोल करने वाले इस बिल में मेंटल हेल्थ पर ज्यादा ध्यान देने की वजह, बढ़ते आत्महत्या के मामले हैं। कोचिंग हब कोटा में आए दिन कई छात्रों द्वारा आत्महत्या के मामले सामने आते रहते हैं। इसके चलते आत्महत्या को नियंत्रित करने के लिए सरकार प्रयासरत है।

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