माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की एक साथ पुलिस अभिरक्षा में हत्या करने के तीनों आरोपित पहले प्रतापगढ़ जेल में रखे गए। नवंबर 2023 में वहां से चित्रकूट की रगौली जेल शिफ्ट किए गए। यहां पर लवलेश के साथ अरुण मौर्या निरुद्ध है। हमीरपुर का सनी सिंह को आगरा जेल शिफ्ट किया जा चुका है।
माफिया भाइयों अतीक और अशरफ की हत्या के बाद भी उनका गैंग खात्म नहीं हुआ है। पुलिस के मुताबिक, नैनी जेल में बंद अतीक का बेटा अली अहमद गैंग का संचालन कर रहा है। अली के जरिए ही गैंग के सदस्य लगातार जमीनों पर कब्जा, अवैध वसूली और धमकी देने में संलिप्त हैं।
उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन पहले से नामजद आरोपी है। वारदात के दूसरे दिन ही वह गायब हो गई थी। पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की। अतीक-शाइस्ता के बेटे असद का 13 अप्रैल को एनकाउंटर हो गया लेकिन, बेटे के शव लेने भी कोई नहीं पहुंचा। 2 दिन बाद ही अतीक और अशरफ की हत्या कर दी गई।
लोगों के जेहन में अक्सर सवाल उठता कि सरेआम कैमरों के सामने गोलियां बरसाकर दोनों को मौत के घाट उतारने के आरोपियों का आगे चलकर क्या होगा? अभी तीनों जेल में हैं। देश-दुनिया की सुर्खियां बने इस सनसनीखेज हत्याकांड के मुकदमे में अब तक तीनों आरोपितों के विरुद्ध एक भी गवाही पूरी नहीं हो सकी है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तर प्रदेश के 18 पुलिस और होमगार्ड अधिकारियों और जवानों को वीरता का राष्ट्रपति पदक देने के लिए चुना है। इनमें अतीक अहमद के बेटे असद का एनकाउंटर करने वाली टीम के मुखिया डीएसपी नवेंदु सिंह और विमल कुमार सिंह भी शामिल हैं।
माफिया अतीक अहमद की जमीन कुर्क करने की तैयारी चल रही है। प्रयागराज के कसारी-मसारी में 50 करोड़ की जमीन कुर्क की जाएगी। अतीक और उसके भाई अशरफ ने सीलींग की जमीन शातिर तरीके से अपने नाम करवा ली थी।
आयोग ने कहा है कि मीडिया ने अतीक अहमद और खालिद अजीम उर्फ अशरफ में बहुत सक्रिय रुचि ली। दोनों मृतकों ने भी मीडिया कर्मियों को गतिविधियों की कवरेज के लिए सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया।
माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की प्रयागराज में दिनदहाड़े पुलिस अभिरक्षा में हुई हत्या और अतीक के बेटे असद समेत तीन अभियुक्तों की पुलिस मुठभेड़ में हुई मौत के मामले में गठित...
हत्यारोपी लवलेश, सनी और अरुण को चित्रकूट जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश दिनेश कुमार गौतम के समक्ष पेश किया गया। कोर्ट में उनके विरुद्ध आरोप तय कर दिए गए।
अतीक अहमद और अशरफ की कब्र से उनके रिश्तेदारों समेत बच्चों ने भी दूरी बनाए रखी। उनकी मौत को एक साल हो गया लेकिन कोई भी उनकी कब्र पर फूल चढ़ाने नहीं पहुंचा। फरार पत्नियों के आने की संभावना थी।