GST Slab: जीएसटी काउंसिल चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को घटाकर तीन कर सकती है। 12% टैक्स स्लैब को पूरी तरह हटाने का प्रस्ताव है।
GST Rule: जीएसटी का ये पहले टैक्स दो, बाद में पैसा लो वाला नियम छोटे कारोबारियों की रगों से पैसा खींच रहा है। सरकार को या तो टैक्स भरने की टाइमिंग बदलनी चाहिए या फिर क्रेडिट नोट के नियम आसान करने चाहिए, ताकि ये लोग दिवालिया होने से बच सकें।
यह तीसरा मौका है, जब जीएसटी कलेक्शन दो लाख करोड़ के पार निकला है। अप्रैल 2024 में पहली बार सर्वाधिक 2.10 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हुआ रहा था। तब से इसके नए रिकॉर्ड स्थापित हो रहे हैं।
GST Collection: सकल माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कलेक्शन मई में 16.4 प्रतिशत बढ़कर 2.01 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। रविवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर GST दरों में कटौती पर चर्चा होगी। सूत्रों के मुताबिक, इन पर अभी 18% GST लगता है, जिसे घटाकर 5% या 12% किया जा सकता है।
राजवर्द्धन सिंह पर आरोप है कि उन्होंने अपने उच्चाधिकारियों से इजाजत लिए बिना मनमाने तरीक़े से कर्मियों के संबद्धीकरण को संशोधित किया। नोएडा में कार्यरत प्रशासनिक अधिकारी सतेन्द्र सिंह को रंगे हाथ रिश्वत लेते पकडे जाने के बाद राज्य कर अधिकारी डॉ. रमा मिश्रा को निलंबित किया गया है।
देश में हर व्यक्ति पर टैक्स का बोझ है, जो साल-दर-साल बढ़ता जा रहा है। स्कूलों की फीस 10-20 फीसदी तक बढ़ रही है। सड़क पर गाड़ी चलाना भी पांच से 10 फीसदी तक महंगा हो रहा है।
अप्रैल का जीएसटी कलेक्शन अब तक के इतिहास में सर्वाधिक रहा। इसमें राज्यों के योगदान की बात करें तो महाराष्ट्र ने बीते महीने 41645 करोड़ रुपये का जीएसटी दिया है। जबकि, बीते वर्ष अप्रैल में महाराष्ट्र ने 37671 करोड़ रुपये का टैक्स अदा किया था।
अप्रैल महीने में जीएसटी कलेक्शन 12.6 प्रतिशत बढ़कर 2.37 लाख करोड़ रुपये के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया।
उत्तराखंड में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में एक साल के भीतर 11 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में उत्तराखंड ने कुल नेट जीएसटी कलेक्शन 9360 करोड़ रुपये किया है, एक साल में करीब नौ सौ करोड़ का इजाफा हुआ है।