अगले महीने GST काउंसिल की अहम बैठक, बीमा पर टैक्स घटाने पर हो सकता है फैसला
स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर GST दरों में कटौती पर चर्चा होगी। सूत्रों के मुताबिक, इन पर अभी 18% GST लगता है, जिसे घटाकर 5% या 12% किया जा सकता है।

अगले महीने GST काउंसिल की बैठक होने वाली है, जिसकी तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी। यह बैठक इसलिए खास है क्योंकि इसमें GST दरों को सरल और तर्कसंगत बनाने के बड़े फैसले हो सकते हैं। खासकर, स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर GST दरों में कटौती पर चर्चा होगी। सूत्रों के मुताबिक, इन पर अभी 18% GST लगता है, जिसे घटाकर 5% या 12% किया जा सकता है।
बुजुर्गों के लिए बीमा पर 5% GST का प्रस्ताव है, जबकि अन्य श्रेणियों में 12% दर हो सकती है। हालांकि, अंतिम फैसला राज्यों की सहमति के बाद ही होगा। ज्यादातर राज्य दरें कम करने के पक्ष में हैं, इसलिए कटौती की संभावना ज्यादा है।
इस मुद्दे पर मंत्रियों के एक ग्रुप (GoM) की रिपोर्ट तैयार है, जो बैठक में पेश की जाएगी। बीमा क्षेत्र से जुड़े सभी पक्षों के विचार भी सुन लिए गए हैं। सरकार का लक्ष्य बीमा को सस्ता और सुलभ बनाना है, खासकर कोविड के बाद से स्वास्थ्य बीमा की मांग बढ़ी है।
मुआवजा उपकर भी होगा चर्चा का विषय
बैठक में एक और अहम मुद्दा "कंपनसेशन सेस" (मुआवजा उपकर) का होगा। यह उपकर अभी लग्जरी चीजों पर लगता है और कोविड काल में राज्यों के GST नुकसान की भरपाई तथा कर्ज चुकाने के लिए इस्तेमाल हो रहा है। मार्च 2026 के बाद इसे आगे बढ़ाने पर विचार हो रहा है।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी की अगुआई वाले मंत्री समूह ने सुझाव दिया है कि इस उपकर का भविष्य कैसा हो और केंद्र-राज्यों के बीच इसके बंटवारे का तरीका क्या रहे। फिलहाल, यह उपकर राज्यों को मिलने वाले मुआवजे का मुख्य स्रोत है।
क्या होगा असर?
अगर बीमा पर GST घटती है, तो आम लोगों का प्रीमियम सस्ता होगा, जिससे बीमा खरीदने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
मुआवजा उपकर बढ़ने से लग्जरी सामान महंगे हो सकते हैं, लेकिन राज्यों को राजस्व मिलता रहेगा।
GST दरों के सरलीकरण से व्यापारियों को टैक्स ढांचा समझने में आसानी होगी।