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12% GST स्लैब हटाने की तैयारी, जानें क्या सस्ता होगा और क्या महंगा

GST Slab: जीएसटी काउंसिल चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को घटाकर तीन कर सकती है। 12% टैक्स स्लैब को पूरी तरह हटाने का प्रस्ताव है।

Drigraj Madheshia हिन्दुस्तान टाइम्सThu, 5 June 2025 06:20 AM
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12% GST स्लैब हटाने की तैयारी, जानें क्या सस्ता होगा और क्या महंगा

जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में सरकार चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को घटाकर तीन करने पर चर्चा कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, 12% टैक्स स्लैब को पूरी तरह हटाने का प्रस्ताव है। इसके तहत जरूरी चीजें (जैसे दैनिक उपयोग का सामान) 5% स्लैब में शिफ्ट हो सकती हैं। गैर-जरूरी सामान 18% स्लैब में डाले जा सकते हैं। GST काउंसिल की बैठक में इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगेगी।

क्यों हटाया जा रहा है 12% स्लैब?

अधिकारियों और विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्लैब अब "अप्रासंगिक" हो चुका है। टैक्स सिस्टम को सरल बनाने और राजस्व पर असर न पड़ने (Revenue Neutral) का लक्ष्य है। एक अधिकारी ने बताया, "यह सबसे व्यावहारिक तरीका है, लेकिन अंतिम फैसला काउंसिल का ही होगा।"

जीएसटी परिषद की बैठक कब होगी?

जीएसटी परिषद की अगली बैठक जून-जुलाई 2025 में होने की उम्मीद है। इसमें केंद्रीय व राज्य वित्त मंत्री शामिल होंगे। यह काउंसिल दिसंबर 2024 के बाद पहली बार मिल रही है।

कैसे चला रहा है यह प्रोसेस?

सितंबर 2021 में जीएसटी सरलीकरण के लिए एक मंत्रियों के समूह (GoM) का गठन हुआ था। इस समिति के प्रमुख पहले कर्नाटक के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई थे। नवंबर 2023 में यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना बने। फरवरी 2024 से बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी इसकी अगुवाई कर रहे हैं। ज्यादातर राज्यों, केंद्रीय अधिकारियों और विशेषज्ञों ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

जीएसटी स्लैब

0% बिना पैक खाना (चावल, सब्जियां), नमक, दूध, शिक्षा-स्वास्थ्य सर्विसेज।

5% जरूरी सामान (जैसे मसाले, केरोसिन) |

12% सर्विसेज (₹7,500 तक के होटल कमरे, बिजनेस क्लास फ्लाइट्स), सामान (पास्ता, जैम, साइकिल, ₹1,000 से कम के जूते, संगमरमर) |

18% इलेक्ट्रॉनिक्स, रेस्तरां सेवाएं |

28% लक्जरी आइटम (गाड़ियां, सिगरेट)

EY इंडिया के सौरभ अग्रवाल कहते हैं, "12% स्लैब हटाने से टैक्स सिस्टम सरल होगा, झगड़े कम होंगे और कामकाज आसान होगा।"

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क्या सस्ता होगा और क्या महंगा

12% से 18% स्लैब में जाने वाली चीजें (जैसे डिटर्जेंट, प्लास्टिक सामान) महंगी हो सकती हैं। 5% स्लैब में जाने वाली चीजें (जैसे मसाले, केरोसिन) सस्ती हो सकती हैं।

क्यों जरूरी है यह बदलाव

2024-25 में जीएसटी कलेक्शन पिछले साल से 9% बढ़कर ₹22.08 लाख करोड़ हुआ। अप्रैल 2025 में तो रिकॉर्ड ₹2.36 लाख करोड़ जमा हुए। अमेरिका, यूरोप जैसे देशों में जीएसटी/VAT की सिर्फ 1-2 स्लैब होती हैं। भारत का तीन स्लैब सिस्टम इनके करीब होगा।

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