पुलिस अधिकारी ने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई पर्यटक के द्वारा एक वियतनामी यूट्यूबर के खिलाफ गाली-गलौज व मारपीट करने का आरोप लगाया गया है। जिसकी जांच की जा रही है।
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा है कि महाबोधि मंदिर का प्रबंधन बुद्धिस्टों को सौंप देना चाहिए। उन्होंने कहा कि महाबोधि मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग की पूजा ठीक नहीं है, उसे परिसर के हिन्दू मंदिर में करना चाहिए।
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि बौद्ध सर्किट से जुड़े हाइवे और एक्सप्रेसवे का काम अंतिम चरण में है। इस साल कई सड़कों पर यातायात शुरू कर दिया जाएगा।
बौद्ध धर्म का सबसे पवित्र पर्व बुद्ध पूर्णिमा सोमवार को मनायी जाएगी। बुद्ध पूर्णिमा हर साल वैशाख महीने की पूर्णिमा को मनायी जाती है। भगवान बुद्ध ने कहा था तीन चीजें कभी छुपी नहीं रह सकती हैं- सूर्य, चंद्रमा और सत्य, पढ़ें उनके ऐसे ही प्रेरणादायक उपदेश
Buddha Purnima: जन्म, संबोधि और निर्वाण- बुद्ध के जीवन की ये तीन महत्वपूर्ण घटनाएं वैशाख पूर्णिमा के दिन हुईं। यह सिद्धार्थ के बुद्धत्व तक की यात्रा है, जिसमें उन्होंने जन-कल्याण के लिए महानिर्वाण को भी त्याग दिया।
वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल 12 मई को वैशाख पूर्णिमा यानी बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी। बौद्ध धर्म ग्रंथों में ऐसा वर्णित है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था।
Buddha Purnima : वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जानते हैं। यह बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है, इसे बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस शुभ दिन पर ही गौतम बुद्ध का जन्म और उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
युवक ने कहा कि वह श्रावस्ती रहता है। उसका जवाब सुनकर तथागत ने फिर पूछा कि वह यहां आता कैसे है? युवक ने कहा कि वह कभी पैदल आता है तो कभी उसे किसी सवारी का साधन मिल जाता है, जिसके सहारे वह यहां तक पहुंच जाता है।
महात्मा बुद्ध से एक भिक्षु ने पूछा कि वह सुखी होने के लिए क्या करे? बुद्ध ने कहा कि वह अपने मन से भोगों को निकाल दे। भोगों का लगाव ही उसे सुखी होने नहीं दे रहा है। पढ़ें महात्मा बुद्ध से जुड़ी प्रेरक कहानी
यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर हमले किए। सीएम योगी ने कहा कि भारत में राम-कृष्ण व बुद्ध की परंपरा ही चलेगी, बाबर और औरंगजेब की परंपरा नहीं रहेगी।