Buddha Purnima : वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जानते हैं। यह बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है, इसे बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस शुभ दिन पर ही गौतम बुद्ध का जन्म और उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
युवक ने कहा कि वह श्रावस्ती रहता है। उसका जवाब सुनकर तथागत ने फिर पूछा कि वह यहां आता कैसे है? युवक ने कहा कि वह कभी पैदल आता है तो कभी उसे किसी सवारी का साधन मिल जाता है, जिसके सहारे वह यहां तक पहुंच जाता है।
महात्मा बुद्ध से एक भिक्षु ने पूछा कि वह सुखी होने के लिए क्या करे? बुद्ध ने कहा कि वह अपने मन से भोगों को निकाल दे। भोगों का लगाव ही उसे सुखी होने नहीं दे रहा है। पढ़ें महात्मा बुद्ध से जुड़ी प्रेरक कहानी
यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर हमले किए। सीएम योगी ने कहा कि भारत में राम-कृष्ण व बुद्ध की परंपरा ही चलेगी, बाबर और औरंगजेब की परंपरा नहीं रहेगी।
बोधगया के महाबोधि मंदिर में 19वां अंतरराष्ट्रीय त्रिपिटक पूजा में 13 देशों के बौद्ध धर्मावलंबी जुटे हैं। जो त्रिपिटक पूजा कर रहे हैं। 12 दिसंबर को विशेष अनुष्ठान के साथ पूजा समाप्त होगी। बौद्ध धर्म का त्रिपिटक प्रमुख ग्रंथ है। जिसे सभी बौद्ध सम्प्रदाय मानते है।
भगवान बुद्ध एक बार भिक्षाटन करते हुए एक किसान के द्वार पहुंचे। भिक्षुक को अपने द्वार पर आया देख किसान ने उपेक्षापूर्वक कहा, ‘श्रमण, मैं तो स्वयं हल जोतता हूं और इसके बाद अपना पेट भरता हूं। आपको भी हल जोतना चाहिए और बीज बोना चाहिए, इसके बाद मेहनत कर खाना खाना चाहिए।’