बुद्ध पूर्णिमा 12 मई को, बन रहे हैं ये खास संयोग, होता है पीपल के पेड़ का पूजन
वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल 12 मई को वैशाख पूर्णिमा यानी बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी। बौद्ध धर्म ग्रंथों में ऐसा वर्णित है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था।

वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल 12 मई को वैशाख पूर्णिमा यानी बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी। बौद्ध धर्म ग्रंथों में ऐसा वर्णित है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इसके लिए इस शुभ तिथि पर बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है। इस साल पूर्णिमा तिथि 11 मई को शाम 08 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 12 मई को रात 10 बजकर 25 मिनट पर बुद्ध पूर्णिमा की समाप्ति होगी। इसलिए उदया तिथि में 12 मई को पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा।
कौन से बन रहे हैं योग
बुद्ध पूर्णिमा पर रवि योग का संयोग सुबह 05 बजकर 32 मिनट से लेकर 06 बजकर 17 मिनट तक है। भद्रावास योग सुबह 09 बजकर 14 मिनट तक है। इस पूर्णिमा वरीयान योग का संयोग पूरी रात तक है। इस प्रकार पूजा पाठ, स्नान और दान के लिए बहुत अच्छे मुहूर्त फल मिल रहे हैं।
महिलाएं करती है पीपल के पेड़ की पूजा
इन सभी संयोगों के कारण बुद्ध पूर्णिमा का महत्व बढ़ गया है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन पीपल के पेड़ की भी पूजा की जाती है। महिलाएं पीपल के वृक्ष का पूजन कर पुत्र के दीर्घायु और उसके सुख की कामना करती हैं। बुद्ध पूर्णिमा पर दिनभर व्रत रखकर शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्रदर्शन किए बिना व्रत पूरा नहीं होता। इसलिए इस दिन चंद्रदेव के दर्शन जरूरी होते हैं। उन्हें सफेद चीजों को भाग लगाया जाता है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और चंद्रदेव की उपासना करने से आर्थिक तंगी दूर होती है। आइए जानते हैं, इस दिन चंद्रमा का उदय कब होगा।
बुद्ध पूर्णिमा मुहूर्त
चन्द्रोदय- शाम 06 बजकर 57 मिनट पर, चन्द्रास्त- सुबह 05 बजकर 31 मिनट पर, ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 08 मिनट से 04 बजकर 50 मिनट तक, विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 33 मिनट से 03 बजकर 27 मिनट तक,