मोबाइल उपभोक्ताओं को राहत देते हुए, भारत के टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने ओटीपी-बेस्ड प्रक्रिया का उपयोग करके प्रीपेड और पोस्टपेड मोबाइल कनेक्शन के बीच स्विच करने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। अब यूजर केवल 30 दिन बाद ही प्रीपेड से पोस्टपेड या पोस्टपेड से प्रीपेड में स्विच कर सकेंगे।
BSNL का अजूबा: 18 साल के लंबे इंतजार के बाद, भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने लगातार दो तिमाहियों में मुनाफा दिखाया। ऑडिटर से लेकर विशेषज्ञ तक इस पर सवाल उठा रहे हैं। आइए इस पूरी कहानी को समझें…
इसके जरिए साइबर सुरक्षा और सत्यापन जांच में तेजी आएगी। उन नंबरों को पहचान तत्काल हो सकेगी, जिनका इस्तेमाल साइबर अपराधा या वित्तीय धोखाधड़ी में किया जा रहा है।
देश अब 6G पेटेंट दाखिल करने वाले विश्व के शीर्ष छह देशों में शामिल है। 6जी पूरी तरह से नए उद्योगों का निर्माण करेगा और मौजूदा उद्योगों में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा
भारत सरकार ने शुक्रवार को टेलीकॉम कंपनियों को पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के कारण विश्वसनीय कम्युनिकेशन बनाए रखने का निर्देश दिया है। सरकार ने कहा कि स्टेबल टेलीकॉम सर्विसेस राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं, खासकर सीमाओं के पास।
नेपाल से सटे बॉडर एरिया में अभी एक भी मोबाइल टावर नहीं है। इससे बॉडर एरिया के सीमा सुरक्षा बलों को सूचना पहुंचाने में काफी दिक्कतें होती हैं। उनके पास जो मोबाइल है वो टावर नहीं होने से काम नहीं करता है। ऐसे में खासकर तस्करी, घुसपैठ आदि की सूचना समय पर नहीं भेज पाते हैं। जिसके चलते अब टावर लगेंगे।
स्टारलिंक सर्विस के जरिए इंटरनेट महंगा होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्टारलिंक की कीमत 110 प्रति माह डॉलर है। वहीं इसके लिए इस्तेमाल होने वाले हार्डवेयर की कीमत एकबार के लिए 599 डॉलर चुकाने पड़ते हैं। भारत में इसकी कीमत करीब 7000 रुपये हो सकती है।
रिचार्ज न करने पर भी 90 दिनों तक चलता रहेगा SIM कार्ड, सोशल मीडिया पर यह मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है। कई रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सिम कार्ड की वैलिडिटी को लेकर यह टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) का नया नियम है। अब ट्राई ने खुद इस बाद कि पुष्टि की है कि आखिर सच्चाई क्या है।
Jio, Airtel, Vi और BSNL यूजर्स के लिए बुरी खबर है। धोखेबाज अब इन कंपनियों के यूजर्स को निशाना बनाने के लिए नया तरीका अपना रहे हैं, जिससे सतर्क रहने के लिए ट्राई ने अलर्ट भी किया है। क्या है पूरा मामला, आप भी पढ़ें और सतर्क रहें…
TRAI की ओर से अगले महीने से मेसेज ट्रेसेबिलिटी गाइडलाइन्स लागू की जा रही हैं, जिनका मकसद स्पैम मेसेजेस को रोकना है। कई यूजर्स इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अब OTP मेसेज देर से तो नहीं डिलीवर होंगे।