नेपाल से सटे बिहार के इन जिलों में लगेंगे मोबाइल टावर, तस्करों और घुसपैठ पर लगाम लगाने की कवायद
नेपाल से सटे बॉडर एरिया में अभी एक भी मोबाइल टावर नहीं है। इससे बॉडर एरिया के सीमा सुरक्षा बलों को सूचना पहुंचाने में काफी दिक्कतें होती हैं। उनके पास जो मोबाइल है वो टावर नहीं होने से काम नहीं करता है। ऐसे में खासकर तस्करी, घुसपैठ आदि की सूचना समय पर नहीं भेज पाते हैं। जिसके चलते अब टावर लगेंगे।

तस्करी औरी घुसपैठ रोकने औअर समय पर इसकी जानकारी साझा करने के लिए भारत- नेपाल सीमा पर संचार तंत्र को मजबूत किया जा रहा है। चिह्नित जगहों पर मोबाइल टावर लगाये जा रहे हैं। टेलीकॉम विभाग ने इसके लिए सीमा से सटे कई जिलों में जगह चिह्नित की है। इसमें मधुबनी, बेतिया, सीतामढ़ी और अररिया जैसे जिला शामिल हैं। इन जिलों की उन जगहों पर मोबाइल टावर लगाया जाएगा जो सीमा के पास है। इसकी सूचना सभी जिलों को जिलाधिकारी को भी दी गयी है। पांच जिलों के बॉडर एरिया में 33 मोबाइल टावर लगेंगे।
बता दें कि नेपाल से सटे बॉडर एरिया में अभी एक भी मोबाइल टावर नहीं है। इससे बॉडर एरिया के सीमा सुरक्षा बलों को सूचना पहुंचाने में काफी दिक्कतें होती हैं। उनके पास जो मोबाइल है वो टावर नहीं होने से काम नहीं करता है। ऐसे में खासकर तस्करी, घुसपैठ आदि की सूचना समय पर नहीं भेज पाते हैं। इसको देखते हुए भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में मोबाइल टावर लगाया जाएगा। बिहार के कई जिलों की सीमा नेपाल से लगती है।
बेतिया और मधुबनी जिलों की सीमा सबसे ज्यादा नेपाल से लगी है इस कारण दोनों जिलों में सबसे ज्यादा मोबाइल टावर लगाए जाएंगे। इसमें बेतिया में 20 और मधुबनी में सात टावर लगेंगे। वहीं अररिया में तीन, सीतामढ़ी में एक और बाकी के अन्य जिले में लगाए जाएंगे। मोबाइल टावर लगाने का जिम्मा बीएसएनएल को दिया गया है। बीएसएनएल द्वारा सभी जगहों पर फोर जी सेवा दी जाएगी। इससे बॉडर इलाके की दूरसंचार सेवा सुदृढ़ होगी।
टेलीकॉम विभाग के उप महानिदेशक दिलीप कुमार ने बताया कि भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षाबलों को तस्करी या कोई सूचना देने में दिक्कतें हो रही थी। इस कारण पांच जिलें जो नेपाल की सीमा से लगे हैं, वहां पर मोबाइल टावर लगाये जा रहे हैं। कुल 33 मोबाइल टावर लगाने हैं, इसमें पांच लग गये हैं।