15 मिनट में 15 राउंड फायरिंग, किसान नेता, बेटे को दौड़ाकर मारी गोलियां; बिछा दीं 2 पीढ़ियों की 3 लाशें
- पूर्व प्रधान सुरेश सिंह उर्फ मुन्नू ने चुनावी रंजिश में अपने 2 बेटों और साथियों के साथ मिलकर यह खूनी खेल खेला। सबसे पहले किसान नेता को निशाना बनाया। उनको 4 गोलियां मारीं। इसके बाद जान बचाकर भाग रहे बेटे को खेत में घेरकर छलनी कर दिया। अंत में पुलिया के नीचे छिपे भाई को भी मौत के घाट उतार दिया।

यूपी के फतेहपुर के हथगाम थाना क्षेत्र के अखरी गांव की महिला प्रधान रामदुलारी के दो बेटों विनोद सिंह उर्फ पप्पू (भाकियू के जिला उपाध्यक्ष), अनूप सिंह उर्फ पिंकू और पौत्र अभय सिंह को बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतारा गया। आरोप है कि पूर्व प्रधान सुरेश सिंह उर्फ मुन्नू ने चुनावी रंजिश में अपने दो बेटों और साथियों के साथ मिलकर यह खूनी खेल खेला। सबसे पहले किसान नेता को निशाना बनाया। उनको चार गोलियां मारीं। इसके बाद जान बचाकर भाग रहे बेटे को खेत में घेरकर छलनी कर दिया। अंत में पुलिया के नीचे छिपे भाई को भी मौत के घाट उतार दिया। ग्रामीणों के मुताबिक इस दौरान करीब 15 राउंड फायरिंग कर दो पीढ़ियों की तीन लाशें बिछा दी गईं।
सुबह-सुबह गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्राया इलाका
फतेहपुर तिहरे हत्याकांड को अंजाम सुबह करीब साढ़े सात बजे अखरी से करीब एक किमी पहले रमेश सिंह की दूध डेयरी के सामने दिया गया। सुबह-सुबह गोलियों की आवाज सुनकर इलाका थर्रा गया। अखरी गांव के पास सड़क किनारे खेतों में गेंहू की फसलें पकी खड़ी हैं। रोज की तरह किसान गेंहू की कटाई के लिए आए थे। रमेश सिंह के खेतों में लगे नलकूप के कमरे में दूध डेयरी खोले हैं। घटना के वक्त डेयरी में चार-पांच किसान भी मौजूद थे। इन्हीं लोगों के सामने तीनों को मौत के घाट उतारा गया। गोलीबारी के बीच डेयरी में मौजूद लोग और खेतों में फसल काट रहे किसान मौके से भाग निकले।
हर मिनट पहुंचती रहीं पुलिस की गाड़ियां
तिहरे हत्याकांड से पुलिस भी हिल गई। सबसे पहले करीब सवा आठ बजे हथगाम थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ पहुंचे। इसके बाद सभी सर्किल के सीओ, एएसपी, एएसपी संग खागा, थरियांव, सुल्तानपुर घोष, ललौली पुलिस के अलावा पड़ोसी जनपद कौशांबी, बांदा, हमीरपुर से पुलिस पहुंची। 11 बजे के करीब आईजी और साढ़े 12 बजे के करीब एडीजी मौके पर पहुंच गए। दोपहर बारह बजे तक हर मिनट पुलिस की गाड़ियां पहुंचती रही।
एडीजी ने आईजी और एसपी से आधे घंटे की वार्ता
घटनास्थल का निरीक्षण के दौरान एडीजी भानू भाष्कर ने करीब आधे घंटे तक एकांत में आईजी, एसपी व एलआईयू इंस्पेक्टर से बातचीत कर घटना से जुड़े प्रत्येक बिंदुओं पर चर्चा की। एलआईयू इंस्पेक्टर सत्यबाला सिंह से गांव की गतिविधियों और मौहाल की सूचना ली।
रंजिश में तप रहा था अखरी, हर घटना को टरकाती रही पुलिस
परिवार के तीन लाल खोने के बाद परिजन आरोपितों के खिलाफ आक्रोषित हैं। वह उनके घरों को जमींदोज किए जाने की मांग कर रहे हैं। वहीं वह घटना के लिए पुलिस को भी कोस रहे हैं। आरोप है कि पूर्व प्रधान व उनके परिवार द्वारा आए दिन जानमाल की धमकी और मारपीट की घटनाएं की जाती थीं। कई बार विवाद की सूचना पुलिस दी गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। रक्षाबंधन के दिन पूर्व प्रधान व उनके बेटों ने गंगा स्नान कर लौट रहे किसान नेता को घेरकर पीटा था। मारपीट का वीडियो इंटरनेट पर वायरल होने पर दोनों पक्षों का शांतिभंग में चालान कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।
प्रधान रामदुलारी का कहना है कि पुलिस की कार्यशैली से प्रतीत होता है कि वह मेरे बेटों व नाती की हत्या होने का इंतजार कर रही थी। आए दिन विरोध राह चलते गाली गलौज और रास्ता रोकते थे। पूर्व प्रधान का अपराधिक इतिहास है, वह दबंग है, उस पर हत्या के मामले दर्ज हैं। इसीलिए किसी अनहोनी की आशंका पर बेटे ने हर बार पुलिस से शिकायत की, लेकिन वह कार्रवाई करने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठी रही है। आरोप लगाया कि पुलिसिया संरक्षण के कारण आरोपित मनबढ़ थे और उन्होंने उनके परिवार को तहस नहस कर दिया। आज उनका सब कुछ उजड़ गया। सरकार का बुलडोजर आरोपियों के घरों की ओर क्यों नहीं बढ़ रहा है। उसके परिवार को तबाह करने वाले आरोपितों के खिलाफ कुछ नहीं होगा। नेता और अफसरों समेत सभी का संरक्षण मिला हुआ है, कोई कुछ नहीं करेगा। बेटों को खोने के बाद सरकार और सिस्टम से भरोसा उठ गया है।
गंगा स्नान कर आते समय घेरकर पीटा था
रक्षाबंधन के दिन पप्पू सिंह बेटे अभय के साथ गंगा स्नान के लिए गए थे। लौटते समय पूर्व प्रधान ने बेटों संग किसान नेता को रास्ते में घेरकर पकड़ लिया। उसके बेटे ने बांस से पिटाई कर दी। किसान नेता का बेटा जान बचाकर भाग गया और दूर से पिता की पिटाई की वीडियो बनाया। बाद में पुलिस से मामले की शिकायत करते हुए साक्ष्य के रूप में वीडियो को दिखाया। तत्कालीन एसएचओ हथगाम बृंदावन राय ने शांतिभंग में दोनों का ही चालान किया था।
तीन मौतों पर सिसक पड़ा अखरी... गांव का लाल चला गया
ट्रिपल मर्डर की सूचना मिलने ही अखरी गांव में मातम छा गया। कमोवेश हर घर के लोग घर से घटना स्थल की ओर दौड़ पड़े। घटना से हर किसी की आंख नम थी, लोग कातिलों को कोस रहे थे, अधिकतर का कहना था कि गांव का लाल चला गया। दिन भर गांव में सन्नाटा छाया, दोपहर बाद दूर गांव किनारे ग्राम प्रधान के घर परिजनों की चीखें फूट रही थीं।
मंगलवार को अखरी की हर गली सूनी थी। इक्का दुक्का लोग ही नजर आ रहे थे। हर कोई घटना को लेकर पूर्व प्रधान कोस रहा था। उनका कहना था कि किसान नेता की पूर्व प्रधान से रंजिश थी, विवाद मारपीट गाली गलौज तक ठीक थी लेकिन पूरे वंश को नष्ट करना निंदनीय है। कहा कि पप्पू का बेटा बेहद शांत एवं सज्जन था, उस पर गोली चलाते आरोपियों के हाथ क्यों नहीं कांपे। गांव केशकली का कहना था कि प्रधानी के लालच में पूर्व प्रधान ने एक परिवार को तहस नहस कर दिया। उनका परिवार भी कभी खुश नहीं रह पाएगा।
गांव के विकास ने जीता दिल
रामदुलारी गांव की प्रधान थी लेकिन पंचायत का कामकाज किसान नेता पप्पू सिंह की देखते थे। गांव की संतोष सिंह का कहना था कि पप्पू सिंह शुरू से भ्रष्टाचार के खिलाफ था। उन्होंने पूर्व प्रधान के गलत कामों का विरोध किया। वह खुल कर मुंह पर विरोध करते थे इस लिए वह लोगों के चहेते बन गए। चुनाव में लोगों ने उन्हें जिताने का काम किया। जितना बीस साल में गांव का विकास नहीं हुआ, उतना अकेले चार साल में गांव चमक गया। उनका हर कोई मुरीद था।
मां और पत्नी की चीखों से फटा कलेजा
दो बेटों और पौत्र के बिखरे शव देख मां रामदुलारी अस्सी बरस की उम्र में भी दहाड़ उठी। आरोपियों के एनकांउटर की मांग पर वह पुलिस अधिकारियों से भिड़ गई। किसी तरह परिजनों ने समझाकर बुजुर्ग को शांत कराया। वहीं मृतक अनूप सिंह की पत्नी मनीषा सिंह की चीखें सुन लोगों का कलेजा कांप गया। घटनास्थल से करीब एक किमी दूर अखरी गांव की बस्तियों तक चीखें पहुंची तो लोग घरों से घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े।
रामदुलारी की चार संताने थीं। जिनमें पप्पू सिंह और अनूप दो बेटे और नीलम और सोनी दो बेटियां। दोनों भाइयों और भतीजे के हत्या की खबर सुन बहनें भी ससुराल से मौके पर पहुंची। रोती बिलखती मां और भाभी को ढांढस बंधाया। घटनास्थल पर नाते रिश्तेदारों की भीड़ पहुंचती रही। भाकियू नेताओं ने पहुंचने का सिलसिला भी शुरु हुआ। कई बार नेता पुलिस पर आरोप लगा उग्र होते दिखे। हालांकि अधिकारियों के समझाने और आरोपियों पर कठोर कार्रवाई के आश्वासन पर नेता शांत हो जाते थे।
एलआईयू और स्पेशल टीम के पुलिस कर्मी भीड़ में रहे शामिल
हत्याकांड के बाद कहीं कोई बवाल की योजना बनाये जाने की आशंका पर एलआईयू सक्रिय रही। एलआईयू संग स्पेशल टीम के पुलिस कर्मी भीड़ के बीच सिविल ड्रेस में मौजूद होकर ग्रामीणों की बातचीत सुनते रहे।
स्कूलों में छुट्टी, बाजार में बंद रही दुकानें
हत्याकांड के बाद इलाके में दहशत फैल गई। अखरी गांव के परिषदीय स्कूल सहित आस पास के प्राइवेट स्कूल भी बंद रहे। बच्चे घरों में कैद रहे। उधर घटनास्थल से करीब पांच सौ मीटर की दूरी पर संगम चौराहे पर दुकानें बंद रहीं। कुछ दुकानदार आये भी तो हत्या की खबर सुन दुकान का शटर नहीं खोला और वापस घरों को लौट गए।
दोहरे हत्याकांड में जमानत पर था पूर्व प्रधान
ट्रिपल मर्डर के मुख्य आरोपी पूर्व प्रधान मुन्नू सिंह उर्फ सुरेश के खिलाफ हत्या समेत कई मामलों में दस से अधिक केस दर्ज हैं। हथगाम पुलिस उसके खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई कर चुकी है। वर्तमान में पूर्व प्रधान पट्टीशाह में हुए दोहरे हत्याकांड में जमानत पर बाहर है। वर्ष 2008 में ईदुल अजहा की आठ तारीख को शाम चार बजे एक जुलूस के दौरान गोलीबारी में मज्जू मिया के पुत्र रियाज अजहर की मौत हो गई थी। गोली लगने से घायल थरियांव थाने के मोहम्मदपुर कला निवासी शमसाद की इलाज के दौरान मौत हुई थी। घटना में मज्जू मियां भी घायल हो गए थे। मामले में पूर्व प्रधान सुरेश उर्फ मुन्नू सिंह समेत 13 लोगों नामजद हुए थे। दोहरे हत्याकांड की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायालय में सुनवाई चल रही है। बताते हैं पूर्व प्रधान मामले में जमानत पर बाहर है। वहीं सीओ थरियांव प्रभात तिवारी ने बताया कि पूर्व प्रधान के खिलाफ दस मुकदमे दर्ज हैं। वहीं ट्रिपल हत्याकांड के नामजद पीयूष व सज्जन के खिलाफ आर्मस एक्ट के मामले दर्ज हैं।
भाई की मौत उसे घेर लाई
ग्रामीण बताते हैं कि हत्याकांड का शिकार हुए किसान नेता पप्पू सिंह के भाई अनूप सिंह का गांव की राजनीति और विवादों से लेनादेना नहीं रहता था। वह गांव से नजदीक ही चौराई चौराहे पर किराये की दुकान लेकर होटल चलाता था। मंगलवार सुबह घर पर होने के कारण भाई पप्पू सिंह को बाइक से जाता देख उनके साथ चला गया था। उसे अंदाजा नहीं था कि हमलावर हत्या के इरादे से पूरी तैयारी के साथ हैं।
साथ में चलती थी पिता-पुत्र की जोड़ी
किसान नेता पप्पू सिंह की पत्नी की करीब 21 साल पहले मौत हो चुकी है। उस वक्त पप्पू का इकलौता बेटा अभय सिंह मात्र एक साल का था। पप्पू सिंह ने दूसरी शादी नहीं की। इकलौते बेटे अभय की परवरिश अपनी मां के साथ की। बेटा जवान हुआ तो बाप के साथ कंधे से कंधे मिलाकर चलने लगा। ग्रामीण बताते हैं कि भाकियू की पंचायतों सहित अन्य किसी कार्यक्रम आदि में पप्पू सिंह बेटे अभय को साथ लेकर चार पहिया वाहन से जाते थे।