बीजेपी नेता पशुपतिनाथ हत्याकांड में 16 दोषी करार, ढाई साल बाद फैसला
यूपी के वाराणसी में सिगरा के जयप्रकाश नगर में लगभग ढाई साल पूर्व हुए भाजपा नेता पशुपतिनाथ की हत्या में 16 अभियुक्त दोषी करार दिए गए हैं। कोर्ट आज सजा सुनाएगी।

वाराणसी में सिगरा के जयप्रकाश नगर में लगभग ढाई साल पूर्व हुए भाजपा नेता पशुपतिनाथ की हत्या में 16 अभियुक्त दोषी करार दिए गए हैं। न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक-प्रथम) कुलदीप सिंह की अदालत ने यह फैसला सुनाया। दोषियों के लिए सजा का निर्धारण शुक्रवार यानी 13 जून को होगा।
जयप्रकाश नगर कॉलोनी (सिगरा) में पशुपतिनाथ सिंह के मकान से थोड़ी दूरी पर स्थित देसी शराब की दुकान के पास 12 अक्तूबर 2022 की देर शाम मंटू सरोज, राहुल सरोज अपने दो अन्य साथियों के साथ शराब पीने के बाद आपस में गाली-गलौज और उपद्रव कर रहे थे। पशुपतिनाथ सिंह के बेटे राजकुमार सिंह ने मना किया। थोड़ी देर बाद मंटू, राहुल समेत 15-20 की संख्या में युवक और किशोर राड, लाठी-डंडे लेकर आ गए। मंटू सरोज, राहुल सरोज, अभिषेक के ललकारने पर सभी ने राजकुमार सिंह पर जानलेवा हमला कर दिया।
शोरगुल पर भाजपा नेता पशुपतिनाथ सिंह घर से निकले और बेटे राजकुमार सिंह को बचाने लगे। हमलावरों ने पशुपतिनाथ सिंह पर भी हमला कर दिया। इसमें पशुपतिनाथ सिंह को गंभीर चोटें आईं। वह अचेत होकर गिर पड़े।
पिता-पुत्र को बीएचयू ट्रामा सेंटर पहुंचाया गया, जहां डाक्टरों ने पशुपतिनाथ सिंह को मृत घोषित कर दिया। राजकुमार सिंह ने घटना में शामिल हमलावरों का नाम पुलिस को बताया। पशुपतिनाथ सिंह के दूसरे बेटे रुद्रेश कुमार सिंह की तहरीर पर सिगरा पुलिस ने हत्या, जानलेवा हमला, बलवा, धमकी आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज कर हमलावरों की गिरफ्तारी की थी। कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसीगण मनोज गुप्ता, विनय कुमार सिंह, बिंदु सिंह एवं वादी पक्ष की ओर से रवि राय तथा प्रेम प्रकाश सिंह ने पैरवी की।
शराबियों ने बेटे को भी बुरी तरह पीटा था
12 अक्तूबर 2022 की शाम मुफ्त में शराब पीने-पिलाने को लेकर विवाद शुरू हुआ था। चार-पांच आरोपी एक-दूसरे से शराब पिलाने को लेकर भिड़े और गाली-गलौज करने लगे। तेज आवाज में गाली-गलौज सुनकर ही पशुपतिनाथ सिंह के बेटे राजकुमार बाहर निकले और मना किया। इसके बाद मनबढ़ राजकुमार सिंह से भिड़ गए। इसके बाद दोबारा एकजुट होकर पहुंचे और हमला बोल दिया।
संघ से थे जुड़े,दो बार लड़े थे पार्षद का चुनाव
पशुपतिनाथ सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे। वह दो बार पार्षदी का चुनाव भी लड़ चुके थे। साल 1988 मे निर्दल उम्मीदवार थे। 2017 में भाजपा प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे।
कोर्ट से इन्हें ठहराया गया है कसूरवार
चंदुआ छित्तूपुर निवासी विकास भारद्वाज, मंटू सरोज, राहुल सरोज, मनीष पांडेय, गणेश सरोज, अभिषेक सरोज, अनूप सरोज, सूरज यादव, अनुज उर्फ बाबू सरोज, श्याम बाबू राजभर, विशाल राजभर, गुप्ता, सुरेश सरोज, आर्या उर्फ आकाश सरोज, शिवपुरवा के इंद्रपुरी कॉलोनी निवासी रमेश पाल, दिनेश पाल, फुलवरिया के कुम्हारपुर निवासी संदीप कुमार।
साल 2022 में सिगरा, कैंट, भेलूपुर क्षेत्र के कुछ मनबढ़ युवकों, किशोरों ने आपस में 307 गैंग बना लिया था। इनके आतंक से लोग त्रस्त थे। 307 गैंग के नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बना रखा था। कहीं भी मारपीट के लिए एकजुट हो जाते थे। किसी से भी मारपीट, छीना-झपटी कर लेते थे। इसके बावजूद पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो इनका मन बढ़ता गया।
पुत्र बोले-त्वरित फैसला, पिता को सच्ची श्रद्धांजलि : घटना के वादी एवं पशुपतिनाथ सिंह के पुत्र रुद्रेश कुमार सिंह ने कोर्ट के फैसले पर कहा कि कम समय में फैसला आया है। त्वरित फैसला पिता को सच्ची श्रद्धांजलि है। कोर्ट से इंसाफ मिला है।