जिस थाने का गेट बनवाया, उसी में 23 केस दर्ज, करोड़ों रुपए ठगने के आरोप में हुआ गिरफ्तार
लखनऊ के मोहनलालगंज थाने में जिस प्रमोद कुमार पर 23 मुकदमे दर्ज हैं उसका नाम थाने के गेट के उद्घाटनकर्ता के रूप में लिखा है। प्रमोद कुमार करोड़ों की ठगी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।

लखनऊ में मोहनलालगंज थाने के गेट पर एक शिलापट लगा है। इसमें थाने के गेट के उद्घाटनकर्ता के रूप में तत्कालीन एसएसपी व अन्य गणमान्य लोगों के साथ ही एक और नाम लिखा है प्रमोद कुमार उपाध्याय का। अब उसी थाने में प्रमोद कुमार उपाध्याय पर 23 मुकदमे दर्ज हैं। हालांकि, अलग-अलग थानों में दर्ज कुल मुकदमों की संख्या 30 है। यह वही प्रमोद कुमार उपाध्याय है, जिसे पुलिस और एसटीएफ ने मिल कर 100 से अधिक सैन्य परिवारों को सस्ते प्लॉट का झांसा देकर करोड़ों रुपये ठगने के आरोप में रविवार रात गिरफ्तार कर लिया।
जालसाज ने बनवाया था गेट : स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रमोद ने विशाल गेट बनवाया था। पुलिस चौकी का जीर्णोद्धार कराया था। थाने में उसका बैठना-उठना था। अब बीते मार्च से लेकर जून तक उसके खिलाफ विभिन्न थानों में 19 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। अन्य मुकदमे पहले के हैं।
ऐसे बनाई पैठ : प्रमोद ने सैन्य कर्मियों में पैठ बनाने के लिए दो शहीदों के आश्रितों को निशुल्क प्लॉट दिए थे। क्षेत्रीय लोगों के मुताबिक कानपुर के दोनों शहीदों के परिवारीजनों को उसने नवबंर 2017 में मोहनलालगंज बुलाया था। वहां एक बड़े कार्यक्रम में प्रसिद्ध भागवताचार्य के जरिए दोनों परिवारों को प्लाट की रजिस्ट्री भी दी थी। इससे उसकी सैन्य परिवारों में लोकप्रियता और भी बढ़ गई।
मार्च में मुकदमा दर्ज होने पर एसीपी ने खोली पुरानी फाइल :
मार्च में आरोपित जालसाज प्रमोद के खिलाफ महाराष्ट्र पुणे की रहने वाली लक्ष्मी देवी ने जब मुकदमा दर्ज कराया तो एसीपी रजनीश वर्मा ने जालसाज की फाइल खोली। सरोजनीनगर, आशियाना में कई और मुकदमे भी दर्ज मिले। उच्चाधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दी। एसीपी ने कई पीड़ितो से संपर्क किया। कई और पीड़ित सामने आए और उन्होंने तहरीर देकर मुकदमे दर्ज कराएं। आरोपित की गिरफ्तारी के लिए चार पुलिस टीमें बनाई गई। डीसीपी उत्तरी निपुण अग्रवाल ने ने एक टीम एसीपी रजनीश वर्मा के अंडर ने बनाई दूसरी उच्चाधिकारियों के निर्देश पर एसटीएफ की बनी। दोनों संयुक्त टीमों ने रविवार रात प्रमोद को गिरफ्तार कर लिया।