पीलीभीत के ईओ आवास में चल रहे सपा दफ्तर को 6 दिन की मोहलत, वापस लौटी फोर्स
पीलीभीत के ईओ ऑफिस में अस्थाई तौर पर चल रहे समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय को खाली कराने पहुंची पुलिस फोर्स वापस लौट गई है। सपाइयों को 6 दिन की मोहलत मिल गई है। सपा जिलाध्यक्ष से लिखित में नोटिंग लेने के बाद यह निर्णय लिया गया।

यूपी के पीलीभीत में 2005 से नगर पालिका के ईओ ऑफिस में अस्थाई तौर पर चल रहे समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय को खाली कराने पहुंची पुलिस फोर्स वापस लौट गई है। सपाइयों को 6 दिन की मोहलत मिल गई है। सपा जिलाध्यक्ष से लिखित में नोटिंग लेने के बाद यह निर्णय लिया गया। सीटी मजिस्ट्रेट, एसटीएम, ईओ और पुलिस फोर्स वापस लौट गई। सपाइयों को छह दिन का अतिरिक्त समय दिया गया है।
कार्यालय खाली कराने के लिए मंगलवार सुबह अधिकारियों की अगुवाई में फोर्स पहुंची थी। करीब तीन घंटे तक कार्यालय पर फोर्स मौजूद रही। इसके बाद समाजवादी पार्टी जिलाध्यक्ष से लिखित में नोटिंग ली गई। नोटिंग लेने के बाद फोर्स लौट गई। अब छह दिन बाद एक बार फिर सपा के अस्थाई जिला दफ्तर को खाली कराने की कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि पीलीभीत के नगर पालिका आवास में 2005 से अस्थाई तौर पर सपा का जिला कार्यालय चल रहा है। कार्यालय को खाली कराने और कब्जा लेने का नोटिस चस्पा होते ही पीलीभीत में राजनीति गरमा गई। सोमवार को मासिक बैठक के बाद सपा जिलाध्यक्ष जगदेव सिंह बग्गा ने प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया था कि भाजपा के दवाब में अधिकारी नियम कायदों से इतर दफ्तर खाली कराने का असंवैधानिक प्रयास कर रहे हैं। इसका विरोध करेंगे।
सपा जिलाध्यक्ष ने सवाल उठाया था कि नोटिस 6 जून का है तो इसे 8 जून की रात में क्यों चस्पा किया गया। एक दिन का समय देकर दफ्तर को खाली करने को कहा गया है। यह संवैधानिक नहीं है। यह नोटिस नगर पालिका के ईओ की ओर से सपा जिलाध्यक्ष के नाम जारी किया गया था। जिलाध्यक्ष ने आरोप लगाया था कि पालिकाध्यक्ष और भाजपा के दवाब में आकर जिला स्तरीय अधिकारी पार्टी दफ्तर को खाली कराने की कोशिश कर रहे हैं। इसका विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि नियमत:किराया देते हुए साफ सुथरी छवि के साथ पार्टी कार्यालय और गतिविधियां संचालित है। इसके बाद भी ऐसा किया जाना उचित नहीं है। उन्होंने बताया कि इस बारे में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को पूरी जानकारी दे दी गई है।