भूजल कम होने से ट्यूबवेल खराब होने का खतरा बढ़ा
हल्द्वानी में गर्मी और भूजल के अधिक दोहन के कारण भूजल स्तर 135 मीटर से बढ़कर 142 मीटर पर पहुंच गया है। इससे ट्यूबवेल खराब होने की संभावना बढ़ गई है और अतिरिक्त पाइप डालने की आवश्यकता पड़ रही है। जल...

भूजल कम होने से ट्यूबवेल खराब होने का खतरा बढ़ा - एक माह में भूजल का स्तर 135 मीटर से 142 मीटर पहुंचा - हिम्मतपुर, भगवानपुर जयसिंह और छडायल के ट्यूबवेल में अतिरिक्त पाइप डाले जा रहे हल्द्वानी। गर्मी की मार और भूजल के दोहन से हल्द्वानी में भूजल का स्तर लगातार कम हो रहा है। एक माह में भूजल का स्तर 135 मीटर से बढ़कर 142 मीटर पर पहुंच गया है। ऐसे में पेयजल की आपूर्ति कर रहे ट्यूबवेल लगातार खराब हो रहे हैं। वहीं पानी की आपूर्ति शुरू करने के लिए इनमें अतिरिक्त पाइप डालने पड़ रहे हैं। जल्द ही बारिश नहीं होने पर खराब होने वाले ट्यूबवेल की संख्या बढ़ने की आशंका बनी हुई है।
हल्द्वानी में गौला नदी के पानी को फिल्टर प्लांट में साफ कर और 82 ट्यूबवेल की मदद से भूजल निकाल कर पेयजल की आपूर्ति की जाती है। इसके साथ ही 132 ट्यूबवेल की मदद से सिंचाई का पानी भी दिया जा रहा है। ऐेसे में हर दिन सोलह से बीस घंटे तक ट्यूबवेल भूजल का दोहन कर रहे है। जिससे भूजल का स्तर लगातार कम हो रहा है। हिम्मतपुर, छड़ायल और भगवानपुर जयसिंह में खराब हुए ट्यूबवेल से पानी लेने के लिए बोरिंग में दो से तीन पाइप अतिरिक्त डाले जा रहे हैं। वहीं एक दर्जन ट्यूबवेल में डिस्चार्ज कम होने से उनके बंद होने का खतरा बना हुआ है। जल संस्थान इसके समाधान के लिए बारिश होने का इंतजार कर रहा है। कोट - गर्मी के असर से भूजल के स्तर मे 21 फीट का अंतर आया है। मानसून के दौरान भूजल रिचार्ज होने पर स्थिति बेहतर होगी। रविशंकर लोशाली, अधिशासी अभियंता जल संस्थान
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