रोशनदान से लटक रही थी रस्सी, दूसरे रास्ते फरार हो गया हत्यारोपी; सुसाइड की अफवाह से हड़कंप
दरवाजा अंदर से बंद होने और रोशनदान से लटकती रस्सी दिखने से पुलिस ने कुछ समय के लिए मान लिया कि हत्यारोपी ने खुदकुशी कर ली है। हालांकि, बजरंगी शाही के परिजनों के आने के बाद दरवाजा तोड़ा गया तो पता चला कि बजरंगी शाही पीछे के दरवाजे से फरार हो गया है।

गोरखपुर में हिस्ट्रीशीटर दिनेश निषाद की हत्या में आरोपित प्रधान बजरंगी शाही के रामगढ़ताल स्थित एक अधिवक्ता के घर में मंगलवार को खुदकुशी की सूचना से हड़कंप मच गया। मामले की जानकारी होते ही रामगढ़ताल थाने के अलावा शाहपुर और कैंट पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। दरवाजा अंदर से बंद होने और रोशनदान से लटकती रस्सी दिखने से पुलिस ने कुछ समय के लिए मान लिया कि उसने खुदकुशी कर ली है। हालांकि, बजरंगी शाही के परिजनों के आने के बाद दरवाजा तोड़ा गया तो पता चला कि बजरंगी शाही पीछे के दरवाजे से फरार हो गया है। जिस पर न तो पुलिस की नजर पड़ी और न ही मकान मालिक ने इसकी जानकारी दी। उधर, शरण देने के आरोप में थाने लाए गए अधिवक्ता के समर्थन में कई अधिवक्ता आ गए और बाद में उन्होंने बताया कि उनका लेना-देना नहीं है, किराएदार ने शरण दिया था। पुलिस शरण देने के आरोप में केस दर्ज करने की तैयारी में है। उधर, तीन घंटे तक इस नाटकीय घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होती रहीं।
दरअसल, हिस्ट्रीशीटर दिनेश निषाद की हत्या में भरवल गांव के प्रधान बजरंगी शाही भी एक आरोपित हैं। उस पर केस दर्ज हैं। पुलिस को मंगलवार की सुबह जानकारी मिली कि भगत चौक स्थित एक अधिवक्ता ने उसे आत्मसमर्पण के लिए बुलाया है।
सुबह से ही दरवाजा नहीं खुलने पर पुलिस को खुदकुशी की जानकारी दी गई। पुलिस मौके पर गई तो दरवाजा अंदर से बंद था और रोशनदान से एक रस्सी दिख रही थी। पुलिस को लगा कि उसने खुदकुशी कर ली है और बिना परिजनों के दरवाजा तोड़ना ठीक नहीं है। इसके बाद पुलिस ने उसके परिजनों को जानकारी दी। करीब एक एक बजे परिजन आ गए। इसके बाद पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो अंदर कोई नहीं था। पीछे बाथरूम के पास ही एक और दरवाजा था, जिसे बड़ी सावधानी से प्रधान बजरंगी खोलकर फरार हो चुका था। अब पुलिस टीम उसकी तलाश में जुटी है।
उधर, दरवाजा तोड़ने से पहले शरण देने के आरोपों से घिरे अधिवक्ता को रामगढ़ताल पुलिस लेकर थाने पर आ गई थी। कई अन्य अधिवक्ता भी वहां पर आ गए थे। बाद में पुलिस से अधिवक्ता ने बताया कि शरण देने और आत्मसमर्पण करने की बात गलत है। उसका कोई लेनादेना नहीं है और जिस कमरे से वह फरार हुआ है, वह उसके किरायेदार है। इसके बाद पुलिस किरायेदार को शरण देने का आरोपित बनाने की तैयारी में है। सीओ कैंट योगेंद्र सिंह ने बताया कि खुदकुशी की सूचना पर पुलिस गई थी, लेकिन परिजनों के आने पर दरवाजा तोड़ा गया तो वह फरार हो चुका था। पुलिस केस दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई कर रही है।
यह था मामला
बेलीपार को भरवलिया गांव निवासी व बेलीपार थाने के हिस्ट्रीशीटर दिनेश निषाद की गोरखपुर-वाराणसी हाइवे पर बेलीपार के महोब गांव के सामने बदमाशों ने 200 मीटर तक दौड़ाकर गोली मारी थी। दिनदहाड़े हुई वारदात से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। घटना के बाद भाग रहे हमलावरों का वीडियो भी वायरल हुआ था। पुलिस ने इस मामले में दिनेश के साथी संजय को हिरासत में लिया था। संजय के साथ ही बाइक पर बैठकर दिनेश अपने गांव जा रहा था इस बीच कार सवार हमलावरों ने ओवरटेक कर बाइक रोकी तो संजय ने बाइक रोक दी थी। उधर, हमलावारों को पहचानते ही बाइक पर पीछे बैठा दिनेश खेत की तरफ भागने लगा। पीछा कर उसे मारने के बाद मौत की पुष्टि कर हमलावार फरार हुए थे।
पोखरे और भूमि विवाद में हुई थी हिस्ट्रीशीटर की हत्या
हिस्ट्रीशीटर दिनेश निषाद हत्याकांड के मुख्य आरोपित जुगुल निषाद को सोमवार की देर रात पुलिस ने मुठभेड़ में पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि पोखरे और जमीन विवाद से दुश्मनी गहरी हुई और प्रधानी चुनाव को लेकर चल रही रंजिश ने इसे बल दे दिया और फिर सभी ने एक साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी। इसी प्रधानी चुनाव की रंजिश में ही हिस्ट्रीशीटर दिनेश ने संत कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी और अब यही चुनाव ही उसके हत्या की मुख्य वजह बनी है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जमानत पर दिनेश के जेल से बाहर आने के बाद जुगुल को मौत का डर सताने लगा था। उसने सुरक्षा भी मांगी थी, लेकिन पुलिस का मानना है कि वह हत्या की साजिश तभी से रच रहा था, जिस वजह से वह भूमिका बना रहा है। जुगुल ने अपने परिवार को सहजनवा में एक रिश्तेदार के घर पहुंचा दिया था और वह दिनेश के सभी दुश्मनों को एकजुट करने में लगा था। आखिर में वह अपने मकसद में कामयाब भी हुआ और अपने साथियों के साथ मिलकर दिनेश की गोली मारकर हत्या कर दी। उसके पास मिले पिस्टल को भी पुलिस साजिश का ही हिस्सा मान रही है। पुलिस की माने तो साजिश के तहत ही उसने खुद के जान को खतरा बताया था और फिर हत्या करने के बाद एक पिस्टल को वहीं पर फेंक दिया था, ताकि यह लगे कि उसके ऊपर फायरिंग की गई और उसने बचाव में गोली मारी है। लेकिन, उसके इस साजिश को पुलिस ने बेनकाब कर दिया। इस घटना का पर्दाफाश पुलिस ने मुख्य आरोपित जुगुल निषाद के गिरफ्तारी के बाद की है।
एसएसपी राजकरन नय्यर ने बताया कि पुलिस मुठभेड़ में मुख्य आरोपित के पैर में गोली लगी है। पुलिस टीम से घिरने पर उसने फायरिंग की और जवाबी कार्रवाई में गोली लगी। उसके पास से एक तमंचा, कारतूस व घटना में इस्तेमाल बाइक बरामद कर ली गई है। पूछताछ में उसने अपने साथियों के नाम बताए हैं, जिसकी तलाश में पुलिस लगी है।