After Gyanvapi in Varanasi eyes were turned on the mosque of UP College Namaz could not be held even on Friday वाराणसी में ज्ञानवापी के बाद यूपी कॉलेज वाली मस्जिद पर नजरें टेढ़ी, हटाने की मांग, बवाल, नहीं हो सकी नमाज, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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वाराणसी में ज्ञानवापी के बाद यूपी कॉलेज वाली मस्जिद पर नजरें टेढ़ी, हटाने की मांग, बवाल, नहीं हो सकी नमाज

वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद के बाद यहां के यूपी कॉलेज में स्थित मस्जिद और मजार को लेकर बवाल बढ़ने लगा है। छात्र संगठनोंं ने मस्जिद और मजार को हटाने की मांग कर दी है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानFri, 6 Dec 2024 09:00 PM
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वाराणसी में ज्ञानवापी के बाद यूपी कॉलेज वाली मस्जिद पर नजरें टेढ़ी, हटाने की मांग, बवाल, नहीं हो सकी नमाज

वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद के बाद यहां के यूपी कॉलेज में स्थित मस्जिद और मजार को लेकर बवाल बढ़ने लगा है। छात्र संगठनोंं ने मस्जिद और मजार को हटाने की मांग कर दी है। पूर्व छात्रों और नए बने संगठन युवा परिषद के छात्रों ने शुक्रवार को भी यहां पर हनुमान चालीसा पढ़ने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने बल प्रयोग कर उनके इरादों को पूरा नहीं होने दिया। इस दौरान पुलिस की जीप पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन किया गया। इससे जुमे पर भी इस मस्जिद में नमाज अदा नहीं हो सकी। पुलिस ने हंगामा करने वाले छात्रों की वीडियोग्राफी कराने और उसके आधार पर पहचान कर रिपोर्ट दर्ज करने की बात कही है।

यूपी कॉलेज के पूर्व छात्रनेताओं और कुछ अधिवक्ताओं के नेतृत्व में छात्र शुक्रवार को एक बार फिर जमा हुए। परिसर स्थित मस्जिद-मजार और गेट के अलावा आसपास पहले से पुलिस फोर्स तैनात थी। दोपहर करीब 12.30 बजे छात्र हनुमान ध्वजा लेकर कॉलेज परिसर की ओर बढ़े, जिन्हें करीब 100 मीटर दूर स्थित बैरिकेडिंग के पास ही पुलिस ने रोक दिया। यहां कुछ देर तक पुलिस से जिच चली।

इस बीच दर्जनभर छात्रनेता पुलिस को धकेलते हुए गेट तक जा पहुंचे। बाकी प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग तोड़ते गेट की ओर जाने लगे, जिन्हें पुलिस ने लाठियां फटकार कर भगाया। इधर मुख्य गेट बंद कर दिया गया। छात्रनेता वहीं नारेबाजी करने लगे। कुछ ही देर में दूसरे रास्ते से और छात्र वहां पहुंच गये और नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें गेट से हटाया। इस दौरान कुछ छात्रनेताओं को पुलिस हिरासत में लेने का प्रयास किया गया।

पुलिस जीप पर चढ़कर नारेबाजी की

हिरासत में लेने के प्रयास के दौरान कुछ छात्रनेता पुलिस जीप पर चढ़ गये और नारेबजी करने लगे। किसी तरह सभी को उतारा गया। कुछ देर बाद प्रदर्शनकारी वापस चले गये। कॉलेज परिसर और गेट पर घंटेभर तक अफरातफरी की स्थिति रही। मौके पर अपर पुलिस आयुक्त एस. चन्नप्पा, एडीसीपी वरुणा जोन सरवणन टी, एसीपी कैंट विदुष सक्सेना, एसीपी रोहनिया संजीव शर्मा शिवपुर, लालपुर पांडेयपुर, कैंट, मंडुवाडीह पुलिस बल के साथ तैनात थे।

राजर्षि प्रतिमा के पास हनुमान चालीसा पाठ

पुलिस ने छात्रों को गेट से अंदर नहीं जाने दिया। झड़प के बाद छात्र वापस हुए। भोजूबीर स्थित राजर्षि प्रतिमा के सामने हनुमान चालीसा का पाठ किया। प्रदर्शन के बाद यूपी कॉलेज गेट से भोजूबीर मुख्य मार्ग तक दोनों पटरियों की दुकानें बंद रहीं। सुरक्षा कारणों से दुकानदार खुद ही दुकानें बंद कर दिये थे, वे मायूस भी थे।

ऐसे बदल रहा माहौल

यूपी कॉलेज में विवाद का मामला पिछले हफ्ते तब गर्मा गया जब यहां एक कार्यक्रम में आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे यूनिवर्सिटी बनाने के लिए प्रस्ताव देने की बात कही। इसी के अगले दिन वक्फ बोर्ड का एक पत्र वायरल हो गया। इस पत्र में यूपी कॉलेज की जमीन को वक्फ का बता दिया गया। इससे हिन्दूवादी संगठनों में आक्रोश फैल गया। हालांकि अगले ही दिन वक्फ ने पत्र को काफी पुराना बताते हुए साफ कर दिया कि उस मामले की निस्तारण हो चुका है। वक्फ का यूपी कॉलेज की जमीन पर कोई दावा नहीं है। इसके बाद भी छात्रों के संगठन के साथ ही कई अन्य संगठन ने मोर्चा खोल दिया और अब कॉलेज के अंदर बनी मस्जिद और मजार को ही हटाने की मांग करने लगे हैं।

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लगातार छात्रों का जमावड़ा कॉलेज के गेट पर होने लगा और सोमवार को पुतला दहन से शुरू हुआ विवाद हनुमान चालीसा के पाठ तक पहुंचने के बाद मस्जिद हटाने की मांग तक पहुंच गया है। इससे मस्जिद में नमाज भी अदा होने बंद हो गई है। जुमे पर भी शुक्रवार को नमाज नहीं हो सकी।

एक बार फिर शुक्रवार को बवाल बढ़ गया। काफी संख्या में पूर्व छात्र और छात्र नेता हनुमान ध्वजा लेकर परिसर की ओर बढ़े तो उन्हें गेट से 100 मीटर दूर रोक दिया गया। धक्कामुक्की के बीच बैरिकेडिंग तोड़कर दर्जनभर गेट तक जा पहुंचे। इस पर अन्य को पुलिस ने लाठियां फटकार कर भगा दिया। इधर गेट बंद कर दिया गया। बाहर पूर्व छात्रों और कुछ अधिवक्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। थोड़ी ही देर में भगाए गए करीब 50 छात्र दूसरे रस्ते से वापस गेट तक आ गए। नारेबाजी शुरू कर दी।

ये भी पढ़ें:मस्जिद के पास हनुमान चालीसा पाठ की कोशिश, छात्रों ने तोड़ी बैरिकेडिंग

पुलिस ने किसी तरह सभी को गेट से दूर हटाया। इस दौरान हिरासत में लेने का भी प्रयास किया गया। इसे लेकर भी पुलिस से पूर्व छात्रों, छात्र नेताओं की जमकर धक्कामुक्की शुरू हो गई। छात्रों का रुख देखते हुए एडीसीपी वरुणा जोन सरवणन टी, एसीपी कैंट विदुष सक्सेना, एसीपी रोहनिया संजीव शर्मा के साथ ही शिवपुर, लालपुर पांडेयपुर, कैंट, मंडुवाडीह थाने की पुलिस बुला ली गई।

सहयोग मार्च का दावा

वहीं, युवा परिषद के प्रदेश प्रमुख विवेकानंद सिंह का कहना है कि छात्रों ने प्रदर्शन नहीं किया बल्कि सहयोग मार्च निकाला है। सहयोग मार्च निकालकर प्रशासन से निवेदन किया कि वक्फ बोर्ड ने अपना दावा अगर छोड़ दिया है तो अवैध स्थल को तत्काल हटाया जाए। दावा किया कि युवा परिषद के प्रदेश प्रमुख एवं छात्र अदालत के जज विवेकानंद सिंह एवं यूपी कालेज छात्र संघ के अध्यक्ष सुधीर सिंह के नेतृत्व में मार्च निकाला और प्रशासन को सहयोग देने की पेशकश की। प्रशासनिक अधिकारियों ने यूपी कालेज के अंदर जाने को मना किया तो छत्रों ने इस अपील को माना और जय श्रीराम के उद्घोष के साथ वापस लौट गए ।

युवा परिषद के प्रदेश प्रमुख विवेकानंद सिंह ने कहा कि आज प्रशासन ने अपना वादा निभाया इसलिए हमने भी उनके सहयोग में ही खड़े थे। कोई भी व्यक्ति अंदर नही गया। जब बाहरी लोगों को रोक दिए तो छात्र भी कॉलेज परिसर में नहीं गए। अब वक्फ बोर्ड के दावे के वापस लेने के बाद तत्काल मस्जिद या मजार को स्थानांतरित किया जाए। शांति वार्ता के लिए हम हमेशा तैयार है लेकिन साक्ष्य के आधार पर ही बात होगी। अब ये आंदोलन वक्फ बोर्ड के खिलाफ चलेगा। हम यही नही रुकेंगे।

कहा कि बनारस में जितने मजार है उनकी वैधानिकता का प्रमाण वक्फ बोर्ड से मांगा गया है। जब ये तर्क देगे की बहुत पुराना है कोई कागज नही है तो जब भगवान राम का अयोध्या में मुकदमा चला तो कागज और पुख्ता प्रमाण देने पड़े। कहा कि वक्फ बोर्ड के नाजायज कब्जाई जमीन को मुक्त कराने का अवसर आ गया है। छात्र अदालत बहुत सक्रिय है। तेजी से इस पर काम होगा। विवेकानंद सिंह ने बताया कि किसी भी प्रकार का कागज जमीन से संबंधित नहीं है। न ही कोई भी रजिस्ट्रेशन है। मजार को तत्काल प्रभाव से सील किया जाए और इसको स्थानांतरित किया जाए, जिससे सामाजिक समरसता बनी रहे।

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