योगी के बुलडोजर का डर? नोटिस मिलने के बाद मस्जिद को खुद ढहाने लगे मुस्लिम समुदाय के लोग
इंडो-नेपाल बार्डर एरिया में सार्वजनिक जमीनों पर अवैध कब्जे को लेकर प्रशासन की सख्ती बनी हुई है। सीमावर्ती महराजगंज के कोल्हुई क्षेत्र में नवीन परती की जमीन पर बनी मस्जिद के मामले में नोटिस मिलने के बाद बुधवार को लोगों ने खुद निर्माण को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। देर शाम तक ध्वस्तीकरण जारी था।

इंडो-नेपाल बार्डर एरिया में सार्वजनिक जमीनों पर अवैध कब्जे को लेकर प्रशासन की सख्ती बनी हुई है। सीमावर्ती महराजगंज के कोल्हुई क्षेत्र में नवीन परती की जमीन पर बनी मस्जिद के मामले में नोटिस मिलने के बाद बुधवार को लोगों ने खुद निर्माण को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। देर शाम तक ध्वस्तीकरण जारी था। दरअसल उन्हें बुलडोजर एक्शन का डर था।
मैनहवा के टोला रसूलपुर में नवीन परती की 18 एयर जमीन पर मस्जिद बनाई गई थी। लेखपाल ने मामले का संज्ञान लेकर पैमाइश की। पैमाइश में जानकारी हुई कि जिस जमीन पर मस्जिद बनी है, वह सरकारी अभिलेख में नवीन परती के रूप में दर्ज है। जांच के बाद फरेंदा तहसील प्रशासन ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा। नोटिस के बाद गांव वालों ने खुद मस्जिद को गिराने की पहल शुरू कर दी। इससे पहले अब तक क्षेत्र दो मदरसे ध्वस्त किये जा चुके हैं, जबकि एक मस्जिद आंशिक और एक मदरसे की चहारदीवारी गिराई जा चुकी है।
इस मामले मं फरेंदा के तहसीलदार वरिष्ठ कुमार वर्मा ने बताया कि सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण को लेकर नोटिस जारी किया जा रहा है। कुछ लोग अवैध निर्माण खुद ही हटा ले रहे हैं। मैनहवा के टोला रसूलपुर में नवीन परती की जमीन पर बनी मस्जिद को लेकर नोटिस जारी किया गया था।
पीलीभीत में भी खुद ही मस्जिद को ढहाया
इससे पहले पीलीभीत के भरतपुर गांव में स्थित एक मस्जिद को अवैध चिह्नित किया गया। पूरनपुर तहसीलदार ने मस्जिद के मालिक दो भाइयों जुम्मन और हैदर को नोटिस जारी कर उन्हें 16 मई तक पट्टा कैंसिल कराने या अवैध निर्माण हटाने का निर्देश दिया था। जिसके दोनों भाइयों ने मस्जिद में अजान और नमाज बंद कर दी। प्रशासनिक कार्रवाई से बचने के लिए वे खुद ही मस्जिद को तोड़ने में जुट गए। ग्रामीणों ने बाढ़ में धार्मिक स्थल कट जाने के बाद इसको बनवाया था और यहां इबादत होती थी।