कस्टडी से छुड़ाया था आरोपी, 24 साल में नहीं पेश कर सके गवाह
Agra News - एक व्यापार कर अधिकारी के कार्यालय में 2001 में घुसकर गाली-गलौज और धमकी देने के मामले में 24 साल में कोई गवाह पेश नहीं हुआ। अदालत ने साक्ष्य के अभाव में आरोपियों को बरी कर दिया। अभियोजन ने गवाहों को...

व्यापार कर अधिकारी के कार्यालय में घुसकर गाली-गलौज, धमकी, शासकीय कार्य में बाधा एवं पुलिस कस्टडी से आरोपी को छुड़ा ले जाने के मामले में अभियोजन द्वारा 24 वर्ष में एक भी गवाह पेश नहीं किया गया। अदालत ने साक्ष्य के अभाव में आरोपियों को बरी करने के आदेश दिए। तत्कालीन व्यापार कर अधिकारी राजकुमार ने 15 मई 2001 को थाना सैंया में तहरीर देकर आरोप लगाया कि वह सहायता केंद्र सैंया में ड्यूटी पर थे। उसी दौरान पूती नाम का व्यक्ति सहायता केंद्र के गेट पर लात मारकर अंदर घुस आया। उसने गाली-गलौज एवं अभद्रता कर कहा तुम्हे चेक पोस्ट पर रहना है तो हमारे अनुसार चलना होगा। हमारी गाड़ियों को बे-रोकटोक पास करना होगा। मना करने पर वह धमकी देकर मारपीट पर उतारू हो गया। उस व्यक्ति को वहां तैनात पुलिसकर्मियों की कस्टडी में देने के कुछ समय बाद दिनेश, बब्बू एवं जीतू आरोपी पूती को कस्टडी से छुड़ा ले गए। आरोपियों ने अन्य वाहनों के प्रपत्रों को भी फाड़ने का प्रयास किया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। आरोपी जीतू की वर्ष 2016 में मृत्यु हो जाने पर उसके विरुद्ध्र कार्रवाई कोर्ट ने समाप्त कर दी। 24 वर्ष के लंबे अंतराल में गवाहों की उपस्थिति के लिए अदालत ने कई प्रतिकल आदेश पारित किए। गवाहों को हाजिर कराने के लिए पुलिस आयुक्त, डीएम व संयुक्त निदेशक अभियोजन को भी पत्र भेजे गए, लेकिन अभियोजन एक भी गवाह को पेश करने में विफल रहा। आरोपियों की ओर से अधिवक्ता विमल बघेल, आकाश कुशवाह और पवन बघेल ने तर्क प्रस्तुत किए।
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