कैसे चलें ऑक्सीजन प्लांट और वेंटिलेटर, चलाने का ही इंतजाम नहीं
Agra News - सरकारी धन से खरीदे गए चिकित्सकीय उपकरणों की देखरेख में लापरवाही हो रही है। गंजडुंडवारा में स्थापित 500 लीटर क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट और 22 वेंटिलेटर का उपयोग नहीं हो पा रहा है। प्लांट की सर्विस नहीं...

सरकारी धन से खरीदे चिकित्सकीय उपकरणों की किस तरह से बेकद्री हो रही है। यह देखना हो तो स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में देखा जा सकता है। लाखों रुपये खर्च करके स्थापित किये गए 500 लीटर क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट का उपयोग करना तो दूर उसके रखरखाव करने के लिए सर्विस तक विभाग नहीं कर पाता। कमोवेश यही हालात गंभीर स्थिति के मरीजों के लिए शासन की ओर से भेजे गए 22 वेंटिलेटर के संचालन को लेकर बनी हुई है। वेंटिलेटरों के लिए ऑपरेटरों की कमी बनी हुई है। जिससे मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। कोरोना काल में प्रशासन की मांग पर शासन ने चिकित्सीय संसाधनों के रूप में वेंटिलेटर भेजे गए।
जिनमें गंजडुंडवारा में एक ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया। इस पर करीब 25 लाख रुपये खर्च किए गए। जिससे गंजडुंडवारा, पटियाली, दरियाबगंज, भरगैन क्षेत्र के मरीजों को ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध हो सके, लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी ऑक्सीजन प्लांट का ना ही उपयोग कर सके और ना ही प्लांट की सर्विस करा सके। जिससे प्लांट ताले में बंद पड़ा होकर रह गया है। जबकि कटरी इलाके के मरीजों के इलाज के लिए गंजडुंडवारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महत्वपूर्ण है। अधिकारी प्लांट की सर्विस कराने के लिए भी बजट की व्यवस्था नहीं हो सकी। वेंटिलेटरों के संचालन के लिए ऑपरेटरों की कमी है, जिससे इनका संचालन करने में दिक्कतें आ रही हैं, शासन के साथ-साथ कंपनी को भी रिपोर्ट भेजी गई है, जिससे दो वेंटिलेटर खराब हो गए हैं। उम्मीद है जल्द ही ऑपरेटरों की व्यवस्था हो जाएगी। -संजीव सक्सैना, सीएमएस
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