Mythological Novel Gatha Panchkanya Redefines Women s Identity and Struggles ‘गाथा पंचकन्या नारी अस्मिता की प्रेरणास्रोत बनी, Agra Hindi News - Hindustan
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‘गाथा पंचकन्या नारी अस्मिता की प्रेरणास्रोत बनी

Agra News - रेनू 'अंशुल' द्वारा लिखित उपन्यास 'गाथा पंचकन्या' में पौराणिक स्त्रियों जैसे अहिल्या, द्रौपदी, तारा, कुंती और मंदोदरी के संघर्ष और पहचान को नया दृष्टिकोण दिया गया है। साहित्यकार रमा वर्मा ने इसे...

Newswrap हिन्दुस्तान, आगराSun, 8 June 2025 08:31 PM
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‘गाथा पंचकन्या नारी अस्मिता की प्रेरणास्रोत बनी

रेनू 'अंशुल' द्वारा रचित और प्रलेक प्रकाशन से प्रकाशित पौराणिक उपन्यास गाथा पंचकन्या साहित्यिक जगत में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। उपन्यास में अहिल्या, द्रौपदी, तारा, कुंती और मंदोदरी जैसी स्त्रियों के संघर्ष और अस्मिता की गाथा को नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया गया है। आगरा की साहित्यकार रमा वर्मा 'श्याम' ने इसे स्त्री की चेतना और आत्मसम्मान से जुड़ी उल्लेखनीय रचना बताया है। उन्होंने कहा कि यह कृति आधुनिक स्त्रियों के लिए मार्गदर्शक और प्रेरणादायक साबित होगी। लेखिका रेनू अंशुल के अनुसार पंचकन्या केवल किसी की पत्नी या माता नहीं थीं, बल्कि उन्होंने समय, समाज और परिस्थितियों से जूझते हुए अपनी स्वतंत्र पहचान बनाई।

ये पात्र नारीत्व की सीमाओं में नहीं, उसकी संभावनाओं में रची गईं हैं। लेखिका की यह कृति पौराणिक स्त्रियों को केवल श्रद्धा का नहीं, आत्मबल और विवेक का प्रतीक बनाकर सामने लाती है। समाज में महिलाओं की भूमिका को नए सिरे से परिभाषित करने की दिशा में यह उपन्यास एक सशक्त प्रयास है।

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