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आतंक के अड्डों पर तेज हो न्याय की चोट

मंगलवार देर रात पाकिस्तान पर भारत की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की खबर ने अलीगढ़ के छात्रों में एक नया जोश भर दिया है। यह महज एक सैन्य कार्रवाई नहीं। पूरे देश के आत्म सम्मान और धैर्य की सीमा रेखा भी थी।

Sunil Kumar हिन्दुस्तानThu, 8 May 2025 06:51 PM
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आतंक के अड्डों पर तेज हो न्याय की चोट

बुधवार की सुबह जब हिन्दुस्तान की टीम स्टेशन रोड पर स्थित कौटिल्य कोचिंग संस्थान पहुंची, तो माहौल एकदम बदला हुआ मिला। देश की रक्षा से जुड़े विषय अचानक छात्रों की पहली प्राथमिकता बन गए थे। जहां एक ओर शिक्षक और छात्र सामरिक दृष्टिकोण से ऑपरेशन की व्याख्या कर रहे थे। वहीं छात्राएं आत्मविश्वास के साथ कह रही थीं कि यह समय पीछे हटने का नहीं, निर्णायक लड़ाई का है।

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अलीगढ़ के छात्रों में गजब का उत्साह देखा गया। बुधवार को जैसे ही ऑपरेशन की जानकारी सामने आई, छात्र-छात्राएं क्लास छोड़कर ग्रुप में चर्चा में जुट गए। डिफेंस, पुलिस और अन्य सरकारी सेवाओं की तैयारी कर रहे इन युवाओं का कहना था कि भारत ने सही समय पर सही कदम उठाया है। यह सिर्फ एक जवाबी हमला नहीं। वर्षों के अपमान और शहादतों का उत्तर है। खासतौर पर छात्राओं की सहभागिता बहुत मुखर रही। उन्होंने कहा कि अब भारत को रक्षात्मक नहीं, आक्रामक नीति अपनानी चाहिए। जिससे आतंक की फैक्ट्री चलाने वाले देश को सबक सिखाया जा सके।

हिन्दुस्तान समाचार पत्र के अभियान बोले अलीगढ़ के तहत बुधवार को स्टेशन रोड स्थित कौटिल्य कोचिंग संस्थान के छात्र-छात्राओं से टीम ने संवाद किया। इस दौरान कई छात्राओं ने माना कि यह ऑपरेशन उनके अंदर यह दृढ़ता पैदा करता है कि आने वाले समय में वे भी वर्दी पहनकर देश के लिए ऐसे ही मोर्चे पर डटें। उन्होंने ऑपरेशन के नाम सिंदूर की भी सराहना की और कहा कि यह सिर्फ युद्ध नहीं, भारत की अस्मिता से जुड़ा प्रतीक है। कोचिंग संस्थान के हर कोने में देशभक्ति की बातें हो रही थीं। छात्रों ने इस बात पर भी जोर दिया कि ऐसे ऑपरेशन लगातार हों, जिससे दुश्मन देश की हिम्मत टूटे और भारत की छवि वैश्विक स्तर पर और मजबूत हो।

कोचिंग संस्थानों में कैसा माहौल रहा

-सुबह 9 बजे से ही ऑपरेशन को लेकर चर्चा का माहौल।

-कई शिक्षकों ने सामान्य पाठ्यक्रम रोककर ऑपरेशन पर डिबेट करवाई।

-छात्रों ने सोशल मीडिया पर भी देश के समर्थन में पोस्ट किए।

-कई युवाओं ने सेना में भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू होने की मांग उठाई।

अब देश चुप नहीं बैठेगा

भारत लंबे समय से संयम का परिचय देता आया है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर ने यह साफ कर दिया है कि अब देश सिर्फ कूटनीतिक निंदा नहीं, ठोस जवाबी कदम उठाएगा। यह कार्रवाई भारत के बदले हुए चरित्र की मिसाल है जो अब सिर्फ सहता नहीं, पलटकर वार करता है। युवाओं का मानना है कि यह नया भारत है, जहां हर शहीद का जवाब अब सीमाओं पर मिलेगा।

युवाओं की आंखों में सपना के साथ संकल्प

कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे छात्र-छात्राएं अब सिर्फ परीक्षा की तैयारी नहीं कर रहे। भारत की रक्षा के लिए खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से भी तैयार कर रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर जैसे कदमों से उनमें देशभक्ति की भावना और गहराई से पैठ रही है। कई छात्राओं ने कहा अब हमारा सपना सिर्फ नौकरी नहीं, राष्ट्र की सेवा बन गया है।

सेना सिर्फ वर्दी नहीं, राष्ट्र का आत्मबल

छात्रों ने बताया कि इस ऑपरेशन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय सेना सिर्फ युद्ध के समय नहीं, हर समय जागरूक और तैयार रहती है। छात्रों ने सेना को राष्ट्र की रीढ़ बताया। कहा कि यह ऑपरेशन उनकी प्रेरणा का स्रोत बना है। युवा कहते हैं जो वर्दी पहनते हैं, वो सिर्फ गोली नहीं, भरोसा भी चलाते हैं, देश को सुरक्षित रखने का।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बदला नजरिया

छात्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश और रक्षा नीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। छात्रों ने यह बात बार-बार दोहराई कि अब हमारी सरकार तुरंत निर्णय लेती है, और जवाब देने में संकोच नहीं करती। युवाओं ने यह भी कहा कि यह वही भारत है, जो अब तारीख नहीं पूछता, सीधे कार्रवाई करता है।

इससे बड़ी कार्रवाई कब

छात्रों का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर एक शुरुआत है, लेकिन इसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए इससे भी बड़ी कार्रवाई जरूरी है। कई छात्राओं ने कहा कि अब आतंक की जड़ पर वार होना चाहिए। उनका स्पष्ट मत था जैसे सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट के बाद भी दुश्मन नहीं सुधरा। वैसे ही अब एक ठोस युद्ध नीति पर भारत को आगे बढ़ना चाहिए। अब समय आ गया है कि भारत से आतंक का सफाया किया जाए। इसके लिए सभी युवा देश के साथ खड़े हैं।

बोले छात्र

भारत ने जिस सटीक तरीके से ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया है। उसने पूरी दुनिया को यह दिखा दिया है कि अब हम सिर्फ सहने वाले नहीं हैं। मुझे गर्व है कि मैं ऐसे भारत का हिस्सा हूं। जो अब हर मोर्चे पर जवाब देने में सक्षम है।

लोकेश चौधरी

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ये ऑपरेशन हर उस शहीद की आत्मा को सच्ची श्रद्धांजलि है। जिसकी कुर्बानी को हम सिर्फ मोमबत्ती मार्च तक ही सीमित रखते थे। अब वर्दी पहनकर कुछ करने का जुनून और बढ़ गया है।

मनीष भारद्वाज

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प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ये साबित हो गया है कि भारत अब नीतियों के साथ-साथ रणनीति में भी कठोर हो चुका है। हम जैसे युवाओं को इससे प्रेरणा मिलती है कि सही नेतृत्व में देश कुछ भी कर सकता है।

आकाश उपाध्याय

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ऑपरेशन सिंदूर ने लड़कियों को भी यह यकीन दिलाया है कि हमें केवल दर्शक नहीं, देश की रक्षक भी बनना है। हम भी सेना में भर्ती होकर कुछ बड़ा करना चाहते हैं। पाकिस्तान का खात्मा होना चाहिए।

वर्षा सारस्वत

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यह सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं, भारत की नई सोच का परिचय है। दुश्मन देश को अब समझ आ जाना चाहिए कि हमारे सब्र की भी एक सीमा है। आतंकियों पर इससे भी बड़ा अटैक होना चाहिए।

वसीम खान

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हमारा देश अब सहने की नीति से आगे बढ़ चुका है। जो चोट देगा, उसे जवाब भी मिलेगा। ऑपरेशन सिंदूर इसका प्रमाण है। हम युवाओं को इसी जवाबी सोच की जरूरत थी। हम सभी देश की सेना के साथ खड़े हैं।

राशी शर्मा

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मैंने पहली बार महसूस किया कि भारत की सेना और सरकार एक साथ मिलकर देश की अस्मिता की रक्षा कर रही है। हम भी अब सिर्फ पढ़ेंगे नहीं, राष्ट्र सेवा में कदम रखेंगे।

विनोद कुमार

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इस ऑपरेशन ने हम जैसे सामान्य छात्रों को भी यह महसूस कराया है कि हर नागरिक की सोच देश को बदल सकती है। अब हर परीक्षा में टॉप नहीं, देश के लिए कुछ करने का सपना है।

रितु सेंगर

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जब पाकिस्तान जैसे देश बार-बार हमला करें, तो जवाब भी उसी अंदाज में मिलना चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर पहली सीढ़ी है, हमें आखिरी सीढ़ी तक जाना होगा। आतंकवाद का सफाया करना होगा।

गौरव शर्मा

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देश के युवा अब मौन नहीं हैं। हम सब चाहते हैं कि अगर जरूरत पड़ी तो हम भी हथियार उठाएं। यह आत्मबल इस ऑपरेशन ने दिया है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश तरक्की पर है।

नीलम बघेल

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जो सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देती है, वही सच्चे अर्थों में लोकतंत्र का सम्मान करती है। ऑपरेशन सिंदूर ने हमें एक सुरक्षित राष्ट्र का एहसास कराया है।

शिवानी

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मुझे लगता है अब भारत को केवल आतंकवादी अड्डों पर हमला नहीं, उनके जन्मदाता तंत्र को भी खत्म करना चाहिए। तभी शांति संभव है। कश्मीर में जो हुआ उसे भुलाने में सदियां लग जाएंगी।

रितु चौधरी

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मैंने पहली बार देखा कि देश की जनता, सेना और सरकार तीनों एक साथ खड़े हैं। यही भारत की असली शक्ति है। हम सभी को मिलकर आतंकवाद से लड़ना होगा।

अंजली चौधरी

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हमारी पीढ़ी अब सिर्फ रोजगार की बात नहीं करती, अब हम राष्ट्रीय सुरक्षा को भी उतनी ही प्राथमिकता देते हैं। ऑपरेशन सिंदूर हमारे सोच का प्रतिबिंब है। हम भी देश की सेवा करना चाहते हैं।

यामिनी

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इस हमले ने हर देशवासी को चेताया है कि अब समय आ गया है जब हमें शांति के नाम पर चुप बैठने की बजाय निर्णायक कार्यवाही करनी होगी। ये तो ट्रेलर था, पिक्चर अभी बाकी है।

सर्वेश

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जब तक पाकिस्तान की नीति नहीं बदलेगी, ऐसे ऑपरेशन बार-बार करने होंगे। भारत को अब स्थायी रणनीति बनानी चाहिए। जिससे आतंकवाद की कमर टूट जाए। दोबारा ऐसा करने की भी न सोचे।

नितिन ठाकुर

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सिंदूर नाम ही बताता है कि यह सिर्फ युद्ध नहीं, भारत की अस्मिता का प्रतीक है। जो इसका अपमान करेगा, उसका उत्तर अब मिलेगा। अब वक्त आ गया है कि ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाए।

वेदु चौधरी

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हमने जो पढ़ा था किताबों में वीरता अब उसे जमीन पर होते देखा। इसने हमें भीतर से हिला दिया है। अब हम तैयारी सिर्फ नौकरी के लिए नहीं करेंगे। देश सेवा के लिए करेंगे।

प्रहलाद सिंह

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मेरे लिए यह ऑपरेशन सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं, एक भावनात्मक चेतना है। अब हम जैसे युवाओं को भी तय करना होगा कि चुप नहीं रहना है। आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठानी होगी।

सचेत

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अगर भारत लगातार इसी तरह जवाब देता रहा, तो एक दिन आतंक की जड़ें खुद-ब-खुद खत्म हो जाएंगी। बस स्थिर इच्छा शक्ति चाहिए। देश का हर युवा सेना के साथ खड़ा है।

प्रशांत

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सरकार का यह कदम यह भी दिखाता है कि अब सब्र का बांध टूट चुका है। हमें न केवल गर्व है उम्मीद है कि अगली कार्यवाही और मजबूत होगी। जिससे पाकिस्तान की चूल हिल जाएगी।

कुलदीप सिंह

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सेना में जाने की मेरी इच्छा और प्रबल हो गई है। जब देश इतना बहादुर है, तो उसमें खून देने वालों को पीछे नहीं रहना चाहिए। देश सेवा के लिए युवाओं की भागीदारी काफी जरूरी है।

निखिल

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हर जवान का मनोबल आज आसमान पर होगा। यह ऑपरेशन सिर्फ सीमा पर नहीं, हमारे दिलों में भी एक युद्ध जीत गया है। जल्द ही भारत से आतंकवाद का सफाया होगा।

जगन उपाध्याय

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अब भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक नीति बनानी चाहिए। पाकिस्तान को कूटनीतिक तौर पर अलग-थलग करना ज़रूरी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान का विरोध करना होगा।

सत्येंद्र कश्यप

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मेरे लिए अब वर्दी सिर्फ एक ड्रेस नहीं, आत्मबल का प्रतीक है। इस ऑपरेशन ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि अब समय सिर्फ सपने देखने का नहीं, देश के लिए कुछ करने का है।

सोनू शर्मा

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