20 Years Imprisonment for Child Sexual Assault in Ambedkarnagar मासूम बच्ची से दुराचार में दोषी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास, 40 हजार रुपए जुर्माना, Ambedkar-nagar Hindi News - Hindustan
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मासूम बच्ची से दुराचार में दोषी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास, 40 हजार रुपए जुर्माना

Ambedkar-nagar News - अम्बेडकरनगर में पांच वर्षीय बच्ची से दुराचार करने वाले अनिल कुमार को विशेष न्यायाधीश ने 20 वर्ष के सश्रम कारावास और 40 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई। यह घटना दो वर्ष पूर्व जैतपुर थाना क्षेत्र में...

Newswrap हिन्दुस्तान, अंबेडकर नगरThu, 17 April 2025 12:20 AM
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मासूम बच्ची से दुराचार में दोषी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास, 40 हजार रुपए जुर्माना

अम्बेडकरनगर, संवाददाता। पांच वर्षीय बच्ची से दुराचार में दोषी को विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट मोहन कुमार ने 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा एवं 40 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया। मामला दो वर्ष पूर्व जैतपुर थाना क्षेत्र का है। विक्टिम कम्पनशेसन स्कीम के तहत क्षतिपूर्ति देने के लिए निर्णय की एक प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भेजने के लिए भी न्यायाधीश ने आदेशित किया। जैतपुर थाना क्षेत्र में पांच वर्षीय बच्ची के साथ छह मई 2022 को गोविन्दपुर निवासी अनिल कुमार पुत्र राजकुमार ने उस समय दुराचार किया गया था जिस समय वह शादी शामिल होने के लिए गई थी। बच्ची को टाफी देने के बहाने गोविन्दपुर गांव के बाहर बब्लू सिंह के गेहूं के खेत में ले जाकर दुराचार किया गया था। सत्र न्यायालय में विशेष लोक अभियोजक रामकृष्ण पांडेय डबलर बच्ची समेत 10 गवाह को परीक्षित कराते हुए कठोर दंड के लिए दलीलें दी जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपने मुवक्किल के समर्थन में तर्क दिए। गवाहों के बयान एवं अपराध की गम्भीरता के दृष्टिगत न्यायाधीश ने लैंगिक अपराधों में बालकों का संरक्षण अधिनियम-2022 में दोषी अनिल कुमार को 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा तथा 40 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड जमा न करने पर दोषी को चार माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। जुर्माना जमा होने पर शतप्रतिशत धनराशि बच्ची को दिए जाने के साथ ही लैंगिक अपराधों में बालकों का संरक्षण अधिनियम में विक्टिम कम्पनशेसन स्कीम के तहत क्षतिपूर्ति दिए जाने के लिए निर्णय की एक प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भेजने का आदेश न्यायाधीश ने दिया। थानाध्यक्ष वन्दना अग्रहरि ने बताया कि न्यायालय में सख्त पैरवी किए जाने का परिणाम रहा कि दोषी को कम समय में सजा दिलाया जा सका।

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