चूहों से स्क्रब टाइफस-लेफ्टो बीमारी फैलने का खतरा, बरतें सावधानी
Bagpat News - - कृषि विभाग 30 अप्रैल तक चलाएगा संचारी रोग नियंत्रण अभियानचूहों से स्क्रब टाइफस-लेफ्टो बीमारी फैलने का खतरा, बरतें सावधानीचूहों से स्क्रब टाइफस-लेफ

चूहों व छछूंदरों से होने वाली हानियां व मानवीय जीवन पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों से लोगों को सुरक्षित रखने को लेकर कृषि विभाग की ओर से अप्रैल माह में संचारी रोग नियंत्रण अभियान 30 अप्रैल तक चलाया जाएगा। कृषि विभाग के एक आकलन के अनुसार 40 प्रतिशत बीमारी स्क्रब टाइफस के संक्रमण के कारण होती हैं, जिसके लिए चूहा एवं छछूंदर रोग वाहक का कार्य करते हैं तथा इनके आवागमन से इनके ऊपर लगे परजीवी झाड़ियों में चिपक जाते हैं, जिससे मनुष्यों में प्रकोप की संभावना रहती है। चूहों से फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम को कृषि विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी की गई।
जिला कृषि अधिकारी बाल गोविंद ने बताया कि मनुष्य में चूहों से स्क्रब टाइफस व लेप्टो स्पायरोसिस बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है। स्क्रब टाइफस बीमारी चूहों पर पाये जाने वाले पिस्सू के काटने से फैलती है। यह पिस्सू जब मनुष्य या किसी अन्य जीव के सम्पर्क में आता है, तो काट कर खून चूसता है। और हानिकारक बैक्टीरिया शरीर में छोड़ देता है। इससज ग्रसित व्यक्ति को सर्वप्रथम बुखार आता है, फिर शरीर में तेज खुजली होने लगती है और शरीर में दाने बन जाते है। उक्त बीमारी से बचाव को पीड़ित व्यक्ति को डॉक्टर को तुरन्त दिखाना चाहिए। लेप्टो स्पायरोसिस एक जीवाणु रोग है, जो मनुष्य और जानवरों को प्रभावित करता है। यह लेप्टोस्पिरा जीनस के कारण होता है। यह बैक्टीरिया सक्रमित चूहों के मूत्र से फैलता है। इसके लक्षण की बात करे तो सिर दर्द, सर्दी लगना, मांसपेशियों व पेट में दर्द, उल्टी, दस्त आदि। उन्होंने बताया कि इसके बचाव को चिकित्सक को जल्द से जल्द दिखायें एवं उचित परामर्श लें। पालतू जानवरों को टीके जरूर लगवाए। रासायनिक रूप से चूहों के नियंत्रण को जिंक फॉस्फाइड नामक दवा की 10 ग्राम मात्रा को 500 ग्राम आटे या 250 दलिये में मिला कर चूहों के बिलों के पास रख दें। जिसे चूहे खाकर मर जाएंगे। साथ ही मच्छररोधी पौधे जैसे सिट्रोनेला घास, लेमन घास, नीम, तुलसी, मेंहदी व गेंदा आदि लगाएं।
---------
चूहों को नियन्त्रित करने के लिए करें यह उपाय
चूहों की संख्या को नियंत्रित करने को अन्न भण्डारण पक्का, कंकरीट तथा पात्रों में करना चाहिए।
चूहें अपना बिल, झाड़ियों, कूडों एवं मेडों आदि में स्थाई रूप से बनाते हैं। खेतों की समय-समय पर सफाई कर इनकी संख्या को नियंत्रित कर सकते हैं।
चूहेदानी का प्रयोग करके उसमें रोटी, डबलरोटी, बिस्कुट आदि रखकर चूहों को फंसाकर इनकी संख्या नियन्त्रित की जा सकती है।
घरों में ब्रोमोडियोलान 0.005 प्रतिशत के बने चारे की 10 ग्राम मात्रा प्रत्येक जिन्दा बिल में रखने से चूहे खाकर मर जाते हैं।
एल्युमिनियम फॉस्फाइड दवा की 3-4 ग्राम मात्रा प्रति जिन्दा बिल में डालकर बिल बन्द कर देने से चूहे मर जाते हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।