फिर टली पैमाइश, शनि मंदिर तोड़ने का मामला गहराया
Balia News - सिकन्दरपुर के ऐतिहासिक शनि मंदिर को अतिक्रमण बताकर गिराए जाने से स्थानीय हिंदू संगठनों में आक्रोश है। प्रशासन की भूमि पैमाइश में देरी और कोई सार्वजनिक सूचना न मिलने पर श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाएं...

सिकन्दरपुर, हिन्दुस्तान संवाद। कस्बे के ऐतिहासिक शनि मंदिर को अतिक्रमण बताकर गिराए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। प्रशासन की ओर से मंदिर स्थल की निर्धारित भूमि की पैमाइश बार-बार टालने से हिंदू संगठनों व श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश है। संगठनों ने प्रशासन पर मामले को जान-बूझकर लटकाने और लीपापोती करने का आरोप लगाते हुए बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। 29 मई को प्रशासन ने कस्बा स्थित पुराने शनि मंदिर को अतिक्रमण की श्रेणी में रखते हुए ध्वस्त कर दिया था। इस कार्रवाई के बाद स्थानीय व्यापारी, श्रद्धालु व हिंदूवादी संगठन विरोध में उतर आए थे। लोगों का कहना है कि मंदिर को हटाने से पहले कोई सार्वजनिक सूचना या वार्ता नहीं की गई, जिससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
प्रशासन ने पहले 6 जून और फिर 9 जून को विवादित भूमि की पैमाइश व अभिलेखों की जांच की बात कही थी। दोनों ही तिथियों पर न तो कोई राजस्व टीम पहुंची, न ही स्थल निरीक्षण हुआ। नौ जून को जब यह जानकारी सामने आई कि एसडीएम सुनील कुमार अवकाश पर हैं तो संगठनों ने इसे प्रशासन की मंशा पर सवाल उठाते हुए दुर्भावनापूर्ण बताया। भाजपा के जिला महामंत्री प्रयाग चौहान व मंडल अध्यक्ष आकाश तिवारी ने कहा कि प्रशासन खुद अपनी तय तिथि पर अमल नहीं कर रहा है। इससे साबित होता है कि वह जानबूझकर मामले को लटका रहा है। यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई और मंदिर का पुनर्निर्माण नहीं कराया गया तो हम उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इधर, तहसीलदार प्रवीण सिंह ने कहा कि एसडीएम अवकाश पर हैं। अब मंगलवार को अभिलेखों की जांच और स्थल निरीक्षण के बाद आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।