मुसीबत बनी बारिश, अनाज सुरक्षित करने पर जोर
Balia News - बलिया में मौसम के बार-बार बदलने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। बारिश के कारण कई खेतों में गेहूं की फसल भीग गई है, जिससे किसानों को मड़ाई में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। किसान अपनी फसल को सुरक्षित...
बलिया, संवाददाता। बार-बार मौसम का मिजाज बदलने से किसानों की चिंता बढ़ गई है, वह जोर-शोर से अपने खून पसीने के कमाई को सुरक्षित करने में जुट गये हैं। जिला मुख्यालय से सटे कुछ गांवों के अलावा पंदह, पूर, पकड़ी, पहराज गुरुवार की रात हुई बारिश से खेतों में कटाई के बाद रखे बोझ और खड़ी फसल भीग गये, जिसको लेकर किसान बेहद चिंतित हो गये हैं और शुक्रवार को करीब ढ़ाई बजे तक सुखाने के बाद थ्रेसर से मड़ाई कर अनाज को सुरक्षित करते दिखे। इन सबके बीच कृषि विभाग का दावा है कि जिले के किसानों की खेत में 15 से 20 फीसदी फसल खेत में रह गई, शेष की मड़ाई हो चुकी है। वहीं ‘हिन्दुस्तान टीम ने कुछ इलाकों की पड़ताल किया, इस दौरान जिले में करीब 40 फीसदी के आस-पास खेतों में गेहूं की फसल खड़ी तथा बोझ नजर आया।
भरौली हिसं के अनुसार गुरुवार की रात आसमान में बादल छाए थे। लेकिन बारिश नहीं हुई, इसका फायदा उठाते हुए पहले की बारिश से भींगे गेहूं के बोझ को दिन में किसान सुखाकर मड़ाई कराए और अनाज को सुरक्षित घर पहुंचाने में तत्परता से जुट गए हैं। कथरिया निवासी रमेश सिंह ने बताया कि बोझ भींग जाने से मड़ाई के बाद दाने काले पड़ने की संभावना है। पिपरा निवासी सोनू सिंह का कहना है कि बारिश के बाद जब गेहूं सुखकर मड़ाई योग्य हो रहा है, तब फिर से बारिश हो जा रही है। ऐसे में इस साल घर तक गेहूं पहुंच सकेगा या नहीं इसको लेकर चिंता सता रही है। अन्य किसानों का कहना है कि मौसम को कोई ठिकाना नहीं है, ऐसे में जितना जल्द हो सके गेहूं को सुरक्षित किया जाय।
पूर हिसं के अनुसार बीती रात करीब नौ बजे तेज बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी है। पिछले दिनों हुई बारिश के बाद पुनः किसान गेहूं की कटाई और मड़ाई में युद्ध स्तर पर जुट गए थे। लेकिन गुरुवार की रात बारिश ने फिर से उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया है। करीब आधे घंटे हुई बारिश के कारण गेहूं हार्वेस्टर से हो रही कटाई बंद हो गई। वहीं थ्रेसर से हो रही मड़ाई भी बंद हो गई है। कई जगहों पर अचानक हुई बारिश से किसानों की खुले में रखे हुए गेहूं, कहीं खेतों में खड़ी फसल और भींग गए। बारिश के कारण अगले दो से तीन दिन तक मड़ाई प्रभावित रहेगी। बेमौसम बरसात से सबसे अधिक नुकसान गेहूं की फसल को हुआ है। जबकि प्याज और लहसुन जिसकी कोड़ाई नहीं की गई है, उसके सड़ने की संभावना बढ़ गई है। वहीं बारिश नेनुआ, लौकी, तरोई आदि के लिए लाभदायक बताई जा रही है।
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