Panchayat Assistants Struggle with Low Pay and Economic Crisis in Balrampur बोले बलरामपुर-महंगाई के बढ़ते दौर में अल्प मानदेय ऊंट के मुंह में जीरा, Balrampur Hindi News - Hindustan
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बोले बलरामपुर-महंगाई के बढ़ते दौर में अल्प मानदेय ऊंट के मुंह में जीरा

Balrampur News - समस्या बलरामपुर, संवाददाता शासन के निर्देश पर ग्राम पंचायत के विकास को गति देने

Newswrap हिन्दुस्तान, बलरामपुरMon, 28 April 2025 05:20 PM
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बोले बलरामपुर-महंगाई के बढ़ते दौर में अल्प मानदेय ऊंट के मुंह में जीरा

समस्या बलरामपुर, संवाददाता

शासन के निर्देश पर ग्राम पंचायत के विकास को गति देने के लिए वर्ष 2021 में ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत सहायकों की नियुक्ति की गई थी। जिसमें उन्हें गांव के विकास कार्यों की कार्य योजना तैयार करने से लेकर समस्त भुगतान प्रक्रिया की जिम्मेदारी दी गई है। महज छह हजार रुपये प्रति माह मानदेय पर काम करने वाले पंचायत सहायकों की गृहस्थी डगमगाने लगी है। वहीं समय से पारिश्रमिक न मिलने से पंचायत सहायकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। वहीं अल्प मानदेय को भी पाने के लिए पंचायत सहायकों को अधिकारियों के साथ ग्राम प्रधानों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

ग्राम पंचायत स्तर पर कम्प्यूटर एवं तकनीकी ज्ञान रखने वालों को पंचायत सहायक की भर्ती में शामिल किया गया था। इसमें पंचायत सहायकों को गांव के विकास कार्यों की कार्य योजना तैयार करने से लेकर समस्त भुगतान प्रक्रिया की भी जिम्मेदारी दी गई थी। जिसका निर्वहन पंचायत सहायक वर्ष 2021 से करते आ रहे हैं। विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा अथवा पंचायत का चुनाव। इसमें फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, आयुष्मान लाभार्थियों का सर्वे, फैमिली आई कार्ड बनाने की जिम्मेदारी, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों का सत्यापन के साथ ऑनलाइन फीडिंग की भी जिम्मेदारी पंचायत सहायक निर्वहन कर रहे हैं। ऐसे कार्यों को करने के लिए पंचायत सहायकों को शासन से न तो एंड्राइड मोबाइल दिया गया है और न ही उसे रिचार्ज करने के लिए कोई धनराशि ही दी जाती है। दर्जनों कार्यों की जिम्मेदारी पंचायत सहायकों पर होने के बावजूद उन्हें पारिश्रमिक के रूप में महज छह हजार रुपए दिए जाते हैं। जिसे भी पाने के लिए पंचायत सहायकों को पंचायत सचिव एवं ग्राम प्रधान की गणेश परिक्रमा करनी पड़ती है। इतना सबकुछ करने के बावजूद उन्हें महीने में निर्धारित तिथि पर मानदेय मिलना आसान नहीं होता। अल्प पारिश्रमिक मिलने के बावजूद गांव में तैनात सचिव मानदेय का भुगतान करने के लिए पंचायत सहायकों को दौड़ाते रहते हैं। पंचायत सहायकों की समस्याओं को लेकर हिंदुस्तान ने जिले के ग्राम पंचायत में पंचायत सहायकों से उनकी समस्या को साझा करते हुए जानकारी ली तो तमाम समस्याएं सामने आईं। इसके समाधान का सुझाव भी दिया गया। हालांकि पंचायत सहायकों से उनकी समस्या अवगत होने पर उन्होंने बढ़ती महंगाई में मौजूदा मानदेय तो ऊंट के मुंह में जीरा बताते हुए बड़े पैमाने पर मानदेय में वृद्धि करने की बात कही है।

पारिश्रमिक न मिलने से जीविका हो रही प्रभावित

जिले में वर्तमान समय में 793 ग्राम पंचायत हैं। इसमें से 741 गांव में पंचायत सहायकों की तैनाती है। शेष में 52 पंचायत सहायकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। ग्राम पंचायत में तैनात पंचायत सहायक महंगाई के इस दौर में मात्र छह हजार रुपये मासिक पगार पर संविदा की नौकरी कर रहे हैं। अल्प पारिश्रमिक उनकी जीविका को बुरी तरह से प्रभावित किए हुए है। उनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि इतने पैसे में परिवार का पालन पोषण संभव नहीं हो पा रहा है। बच्चों की पढ़ाई, खान-पान, इलाज एवं रोजमर्रा की ज़रूरतें पूरी करना पंचायत सहायकों के लिए पहाड़ साबित हो रहा है। ग्राम प्रधान सहित सचिव के सारे काम पंचायत सहायक निर्वहन कर रहे हैं। महंगाई के इस भरे दौर में पंचायत सहायकों को मात्र छह हजार रुपये में जीवन यापन करना पड़ रहा है। यही नहीं पंचायत सहायकों को आयुष्मान कार्ड मिशन अंत्योदय की 1800 रुपये पारिश्रमिक अभी तक नहीं दिया गया। अल्प मानदेय में घर-घर जाकर आयुष्मान कार्ड बनाने की जिम्मेदारी पंचायत सहायक कर रहे है। इस कार्य में उन्हें पांच रुपये प्रति कार्ड देने का आदेश था जो अभी तक उन्हें नसीब नहीं हो सका है। ग्राम पंचायत के समस्त कार्य पंचायत सहायक पर निर्भर होने के बावजूद अल्प मानदेय इनकी जीविका को पूरी तरह से प्रभावित किए हुए है।

पंचायत सहायकों की प्रमुख मांग

अपनी समस्याओं को लेकर पंचायत सहायक अपर निदेशक राज कुमार साझा कर चुके हैं। वावजूद इसके उनकी सुनने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा। तुलसीपार्क में पंचायत सहायकों ने बैठक कर अपनी मांगों को लेकर रणनीति बनाई है। उन्होंने मांग किया है कि पंचायत सहायकों को आयुष्मान कार्ड की सुविधा मिलनी चाहिए। लोगों को आयुष्मान कार्ड बनाने वाले पंचायत सहायकों को ही इसकी सुविधा न मिलना उन्हें अखर रहा है। इसी के साथ उन्होंने मृतक आश्रित कोटा में परिवार के सदस्य को नौकरी देने की व्यवस्था करने की भी मांग की है। पंचायत सहायकों की मांग में पंचायत सहायक की सेवा नियमावली बनाए जाने, जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ पंचायत सहायकों की बैठक करने, महिला पंचायत सहायकों को मातृत्व अवकाश की सुविधा देने, अति कुशल श्रेणी का मानदेय पंचायत सहायक को दिए जाने सहित तमाम मांग शामिल हैं।

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