भाषण में व्यवधान उत्पन्न करने पर सिद्धारमैया ने आपा खोया
--रैली के दौरान भाजपा कार्यकर्ता विरोध में कर रहे थे नारेबाजी --गुस्साए सिद्धारमैया ने एएसपी

बेलगावी (कर्नाटक), एजेंसी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को बेलगावी में एक रैली के दौरान भाषण में व्यवधान उत्पन्न होने पर सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) नारायण भरमनी को थप्पड़ मारने के लिए हाथ उठा लिया। इसको लेकर विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधा। असल में, रैली के दौरान भाजपा कार्यकर्ता काले झंडे दिखाते हुए नारेबाजी कर रहे थे। इससे गुस्साए सिद्धरमैया ने पुलिस अधिकारी से कहा, यहां आओ, एसपी कौन है? तुम क्या कर रहे हो? इसके बाद मुख्यमंत्री ने हाथ उठाते हुए पुलिस अधिकारी की ओर इशारा किया। इस दौरान एआईसीसी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और कानून एवं संसदीय मामलों के मंत्री एच के पाटिल ने उन्हें शांत करने की कोशिश की।
मुख्यमंत्री यहां संविधान बचाओ और महंगाई विरोधी रैली को संबोधित कर रहे थे, जिसमें कांग्रेस के कई नेता और उनके मंत्रिमंडल के मंत्री शामिल हुए। सिद्धारमैया ने कहा, ‘भाजपा हर जगह इसी तरह शांति भंग करने की कोशिश करती है। हम इनके ऐसे प्रयासों से नहीं डरेंगे। केंद्र सरकार की मूल्य वृद्धि के खिलाफ अपना विरोध-प्रदर्शन जारी रखेंगे।
डीके शिवकुमार ने भाजपा को दी चेतावनी
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि आज पहली बार भाजपा ने अपने चार कार्यकर्ताओं को भेजा। उन्होंने काला झंडा दिखाया और नारे लगाए। मैं भाजपा और विपक्षी दलों के नेताओं से कहना चाहता हूं कि अगर आपका यही रवैया रहा तो हम पूरे राज्य में आपकी एक भी बैठक या कार्यक्रम नहीं होने देंगे।
केंद्रीय मंत्री ने निशाना साधा
केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने कर्नाटक के सीएम पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया ने बेलगावी में एक रैली के दौरान पुलिस अधिकारी को थप्पड़ मारने की कोशिश की। मैं इसकी निंदा करता हूं। ऐसा करके मुख्यमंत्री किस तरह का संदेश देना चाहते हैं? महिला मोर्चा सहित भाजपा के विभिन्न नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। लोकतंत्र में हर व्यक्ति को विरोध-प्रदर्शन करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया पाकिस्तान में मशहूर हैं और वह पाकिस्तान के बारे में अच्छा बोलते हैं।
जेडीएस ने कहा-सत्ता का अहंकार
जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) ने सिद्धारमैया का एक वीडियो शेयर किया और कहा कि कर्नाटक के सीएम सत्ता के अहंकार में हैं। सहायक पुलिस अधीक्षक को मारने के लिए हाथ उठाना मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता है। जेडीएस ने आरोप लगाया कि सार्वजनिक मंच पर एक शब्द का इस्तेमाल करके एएसपी को थप्पड़ मारने की कोशिश की गई। एक सरकारी अधिकारी 60 साल की उम्र तक काम करता है। सत्ता किसी के लिए भी स्थायी नहीं है।
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