'ऐसे जोकरों का नाम मत लो', पहलगाम पर शाहिद अफरीदी के बयान का ओवैसी ने दिया जवाब
असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार की नमाज से पहले मस्जिद में काली पट्टियां बांटी और लोगों से पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में उन्हें पहनने का आग्रह किया। ओवैसी ने खुद काली पट्टी बांधी और शास्त्रीपुरम की मस्जिद में लोगों के बीच काली पट्टियां बांटी थी।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पहलगाम हमले पर पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी की टिप्पणी पर करारा जवाब दिया। उन्होंने अफरीदी को जोकर कह डाला। शाहिद अफरीदी ने पहलगाम की घटना के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था। उसने आरोप लगाया कि भारत खुद आतंकवाद को अंजाम देता है और फिर पाकिस्तान पर दोष मढ़ता है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने कहा, 'ये कौन है? मेरे सामने ऐसे जोकरों का नाम मत लो। इन लोगों को भूल जाओ।'
हैदराबाद के सांसद ने पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में दोबारा शामिल करने की मांग की। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान अवैध धन से आतंकवाद को वित्तपोषण दे रहा है। ओवैसी ने कहा, 'मेरी मांग है कि पाकिस्तान को फिर से एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डाला जाए। वे अवैध धन से आतंकवाद को वित्तपोषण दे रहे हैं, इसलिए पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालना जरूरी है। अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत हम नौसैनिक और वायुसेना नाकाबंदी लागू कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुच्छेद 51 के तहत आत्मरक्षा का अधिकार दिया गया है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 355 में कहा गया कि अगर किसी राज्य के खिलाफ बाहरी आक्रमण होता है, तो सरकार की जिम्मेदारी है कि उसका मुकाबला करे।'
एफएटीएफ के बारे में जानें
मालूम हो कि पाकिस्तान जून 2018 से अक्टूबर 2022 तक FATF की ग्रे लिस्ट में था। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने के लिए जिम्मेदार है। यह उन देशों की ब्लैक और ग्रे लिस्ट बनाए रखता है जो पर्याप्त सुरक्षा उपाय लागू करने में विफल रहते हैं। 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे। 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में यह सबसे घातक हमलों में से एक है, जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सीमा पार आतंकवाद के समर्थन के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं, जिसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना शामिल है।