मुठभेड़ में शहीद हुए 4 पुलिसकर्मियों का अंतिम संस्कार उनके पैतृक स्थानों पर पूरे सम्मान के साथ किया गया। अंतिम संस्कार में शामिल अधिकारियों ने क्षेत्र से आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया।
गृह मंत्रालय ने कहा कि AAC के नेताओं और सदस्यों पर अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने में शामिल रहने का आरोप है। इसमें जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी, विभाजनकारी और आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करना शामिल है।
उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘यह सदमा और गुस्सा समझा जा सकता है। जो तस्वीरें मैंने देखीं, उनमें स्थानीय संवेदनशीलताओं की पूरी तरह से अनदेखी की गई है। ऐसा इस पवित्र महीने में हुआ है। मेरी ऑफिस के लोगों ने अधिकारियों से संपर्क किया है।’
तीनों के लापता होने की सूचना मिलने पर सुरक्षा बलों की ओर से बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इसके बाद लोहाई मल्हार इलाके के पास एक जलाशय में तीनों लोगों के शव मिले।
जम्मू क्षेत्र के अखनूर सेक्टर में 11 फरवरी को संदिग्ध आतंकवादियों की ओर से इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) अटैक किया गया था। इसकी चपेट में आने से एक कैप्टन समेत 2 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे।
अधिकारियों ने बताया कि कटरा से त्रिकुटा पर्वत स्थित मंदिर तक जाने वाले 12 किलोमीटर लंबे मार्ग और आसपास के क्षेत्रों में यह प्रतिबंध लागू रहेगा। आदेश जारी होने की तारीख से 2 महीने तक यह पाबंदी प्रभावी रहेगी।
फारूक अब्दुल्ला ने कटरा में रोपवे निर्माण के मुद्दे पर भी बात की। उन्होंने कहा कि माता वैष्णो देवी मंदिर के संचालन के लिए जिम्मेदार लोगों को ऐसे काम करने से बचना चाहिए, जिससे लोगों को परेशानी हो।
सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि घाटी जाने वाली ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा का मुद्दा समझ आता है। मगर, उन्हें कटरा में ट्रेन बदलने के लिए मजबूर करना रेल लिंक परियोजना के मकसद को नाकाम कर देगा।
जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से कहा गया कि राजौरी जिले में हुई रहस्यमय मौतों के मद्देनजर स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है।
पीएम मोदी ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सुरंग के निर्माण में लगे श्रमिकों और इंजीनियरों से मुलाकात की और उन्हें बधाई दी। इस दौरान सीनियर अधिकारी ने प्रधानमंत्री को सुरंग के विभिन्न पहलुओं के बारे में भी जानकारी दी। यह सुरंग 6.4 किलोमीटर लंबी है।