7 मई को देश भर में होगा मॉक ड्रिल, सरकार ने क्यों दिया यह आदेश और क्या है इसका मसकद
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकियों ने 27 पर्यटकों की नृशंस हत्या की। हमलावरों ने टूरिस्ट स्पॉट्स की रेकी की थी।

पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव चरम पर है। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित करने को कहा है। सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को गृह मंत्रालय की ओर से सर्कुलर भेजा गया है। इसमें मॉक ड्रिल के दौरान किए जाने वाले उपायों की जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि सरकार ने सात मई को देश के 244 जिलों में नागरिक सुरक्षा अभ्यास और रिहर्सल आयोजित करने का निर्णय लिया है। पत्र में कहा गया , ‘अभ्यास का आयोजन गांव स्तर तक करने की योजना बनाई गई है। इस अभ्यास का उद्देश्य सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में नागरिक सुरक्षा तंत्र की तैयारी का आकलन करना और उसे बढ़ाना है।’
चलिए हम आपको बताते हैं कि मॉक ड्रिल क्या होता है और केंद्र सरकार की इस पहल का मकसद क्या है...
मॉक ड्रिल एक तरह अभ्यास होता है। इसे आपातकालीन स्थिति जैसे प्राकृतिक आपदा, आग, आतंकवादी हमला या अन्य संकट की स्थिति में कराते हैं। इसका उद्देश्य लोगों, संगठनों और आपातकालीन सेवाओं को वास्तविक संकट के लिए तैयार करना, उनकी प्रतिक्रिया का परीक्षण करना और कमियों को सुधारना है। मॉक ड्रिल न केवल आपातकालीन तैयारियों को मजबूत करते हैं, बल्कि जागरूकता बढ़ाने का काम करते हैं। भारत में, जहां जनसंख्या घनत्व अधिक है, मॉक ड्रिल जीवन रक्षा के लिए बेहद अहम अहम है।
मॉक ड्रिल का उद्देश्य इस प्रकार है-
• एयर रेड वॉर्निंग सिस्टम की प्रभावशीलता को चेक करना।
• इंडियन एयर फोर्स के साथ हॉटलाइन/रेडियो कम्युनिकेशन लिंक्स को ऑपरेशनल करना।
• कंट्रोल रूम्स और शैडो कंट्रोल रूम्स की तत्परता को टेस्ट करना।
• आम लोगों, छात्रों वगैरह को सिविल डिफेंस के बारे में ट्रेनिंग देना।
• क्रैश ब्लैकआउट मेजर्स की व्यवस्था करना।
• जरूरी प्लांट्स/इंस्टॉलेशन्स को जल्दी से व्यवस्थित करना।
• सिविल डिफेंस सर्विसेज, जैसे वार्डन सर्विसेज, फायरफाइटिंग, रेस्क्यू ऑपरेशन्स और डिपो मैनेजमेंट की एक्टिवेशन और रिस्पॉन्स को चेक करना।
• क्रैश ब्लैकआउट मेजर्स को चेक करना।
• निकासी योजनाओं की तैयारी का जायजा लेना।