पाकिस्तानी सेना LoC के पास सैन्य चौकियों को रात भर बनाती रही निशाना, मिला मुंहतोड़ जवाब
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। इस बीच, ऐसी उकसावे वाली कार्रवाई की यह लगातार 12वीं रात है। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे।

पाकिस्तानी सैनिक जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास बिना किसी उकसावे की गोलीबारी से बाज नहीं आ रहे हैं। 5-6 मई की दरमियानी रात को पाकिस्तान की सेना ने कुपवाड़ा, बारामूला, पुंछ, राजौरी, मेंढर, नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर में फायरिंग की। इस संघर्ष विराम समझौते के उल्लंघन का भारतीय सेना की ओर से मुंहतोड़ जवाब दिया गया। इंडियन आर्मी की ओर से मंगलवार सुबह यह जानकारी दी गई। पाकिस्तान की ओर से बिना किसी उकसावे के गोलीबारी ऐसे समय हो रही है जब पहलगाम में आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के रिश्ते में तनाव चरम पर है।
जम्मू-कश्मीर के 7 सीमावर्ती जिलों में से पांच जिलों में गोलीबारी जारी है। अब तक सांबा और कठुआ जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलीबारी की कोई खबर नहीं है। सीमा पार से गोलीबारी का यह नया दौर संघर्ष विराम समझौते को और कमजोर करता है, जो कि अब 740 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के लगातार उल्लंघन के कारण काफी हद तक अप्रभावी माना जाता है। पाकिस्तान के ये हालिया हमले कश्मीर घाटी के उत्तरी जिलों कुपवाड़ा और बारामूला में शुरू हुए, जिनका दायरा बढ़कर अब दक्षिण की ओर राजौरी, पुंछ, अखनूर और जम्मू जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर परगवाल सेक्टर तक फैल गया है। गोलीबारी से पांच सीमावर्ती जिले- बारामूला, कुपवाड़ा, पुंछ, राजौरी और जम्मू प्रभावित हुए।
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौता दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने का अहम कदम है। यह समझौता मुख्य रूप से 25 फरवरी 2021 को लागू हुआ, जब दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों ने संघर्ष विराम का पालन करने की प्रतिबद्धता जताई। यह 2003 के मूल संघर्ष विराम समझौते का दोहराव था, जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में सीमा पार गोलीबारी और हिंसा को रोकना था। यह समझौता दोनों 2019 में भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद बढ़े तनाव के बाद आया। इसका उद्देश्य सीमा पर शांति स्थापित करना और नागरिकों की जान-माल की रक्षा करना था। दोनों देशों ने नियमित संवाद और हॉटलाइन संपर्क के माध्यम से उल्लंघनों को हल करने पर सहमति जताई। हालांकि, समय-समय पर उल्लंघन की खबरें सामने आती रही हैं।
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ उठाए कई कदम
बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कूटनीतिक, आर्थिक और सैन्य कदम उठाए। सबसे बड़ा फैसला 1960 के सिंधु जल समझौते को निलंबित करना था, जो पाकिस्तान की कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए और उन्हें 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया। अटारी-वाघा सीमा बंद कर व्यापारिक गतिविधियां रोक दी गईं। पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 की गई। रक्षा, नौसेना व वायुसेना सलाहकारों को 'पर्सोना नॉन ग्राटा' घोषित कर निष्कासित किया गया। भारत ने पाकिस्तानी विमानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद किया और कई पाकिस्तानी सोशल मीडिया हैंडल्स व यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने सेना को आतंकवाद के खिलाफ खुली छूट दी और खुफिया एजेंसियां हमले के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' के सबूत जुटा रही हैं।